चंडीगढ़ मेयर चुनाव में BJP की जीत पर भारी हंगामा; AAP-CONG ने कहा- धक्केशाही की गई, पीठासीन अधिकारी पर फर्जीवाड़े का आरोप
AAP-CONG Protest After BJP Won Chandigarh Mayor Election Manoj Sonkar New Mayor
Chandigarh Mayor Election Result: चंडीगढ़ मेयर चुनाव में BJP की जीत पर भारी हंगामा शुरू हो गया है। आप और कांग्रेस की तरफ से पुरजोर विरोध किया जा रहा है। आप-कांग्रेस पार्षदों का कहना है कि, मेयर चुनाव में बीजेपी की जीत धक्केशाही और फर्जीवाड़े से हुई है। क्योंकि पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह ने रिजल्ट जारी करने में निष्पक्षता और पारदर्शिता नहीं दिखाई।
आप और कांग्रेस पार्षदों ने आरोप लगाया है कि, पीठासीन अधिकारी ने वोटों की गिनती करते वक्त पार्टी चुनाव एजेंट भी नहीं बुलाये। अकेले ही वोटों की गिनती करके अवैध तरीके से 8 वोट इनवैलिड करार दिये। वोटों पर पेन से स्क्रैच मारे। ताकि बीजेपी जीत जाये। आप और कांग्रेस ने कहा कि, हम बीजेपी की इस जीत को नहीं मानते हैं और हम हाईकोर्ट का रुख करेंगे।
बीजेपी से मनोज सोनकर नए मेयर बने हैं
बीजेपी ने एक बार फिर नगर निगम में अपनी सत्ता बरकरार रखी है। बीजेपी उम्मीदवार मनोज सोनकर 16 वोट लेकर शहर के 30वें मेयर बन गए हैं। जबकि AAP-CONG गठबंधन को बड़ा झटका लगा है। गठबंधन के मेयर उम्मीदवार कुलदीप कुमार टीटा के खाते में मात्र 12 वोट ही आए। पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह द्वारा 8 वोट इनवैलिड करार दिये गए हैं। मेयर चुनाव के लिए सांसद के एक वोट समेत कुल 35 पार्षदों के वोट पड़े थे। चुनाव के लिए पूरी वोटिंग प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग की गई।
मेयर चुनाव में BJP को एक बाहरी वोट
बीजेपी के पास सांसद के एक वोट समेत कुल 15 वोट थे। लेकिन बीजेपी को कुल वोट 16 पड़े हैं। इसका मतलब बीजेपी को एक बाहरी वोट पड़ा है। फिलहाल सबसे बड़ी बात यह है कि 8 वोट इनवैलिड होने से ही बीजेपी को जीत मिली है और AAP-CONG गठबंधन के हाथ खाली रह गए हैं। वरना आंकड़ों के हिसाब से अगर हार-जीत की बाजी देखें तो आप-कांग्रेस गठबंधन की जीत साफ़तौर पर होते हुए दिख रही थी और बीजेपी अपनी सत्ता खोते हुए। मगर वोटिंग होने के बाद वोटों की काउनटिंग में सारा का सारा गेम ही बदल गया और वही हुआ जो बीजेपी ने कहा था. बीजेपी ने दावा किया था कि मेयर उसका ही बनेगा।
बीजेपी 2016 से लगातार नगर निगम की सत्ता में काबिज
बीजेपी 2016 से लगातार नगर निगम की सत्ता में काबिज है। यानि 8 सालों से चंडीगढ़ में बीजेपी का ही मेयर बन रहा है। ऐसे में अगर इस बार बीजेपी की हार जाती है तो सिर्फ चंडीगढ़ ही नहीं बल्कि पूरे देश में बीजेपी की हार का संदेश जाता जो कि सबसे बड़ी और सत्ता धारी पार्टी बीजेपी कतई नहीं होने देना चाहती थी। ज्ञात रहे कि, मेयर का कार्यकाल एक साल का होता है। इस चुनाव में जनता वोट नहीं करती है। जनता द्वारा चुने हुए पार्षद इस चुनाव में वोट डालते हैं। मेयर चुनाव में सांसद का वोट भी पड़ता है।
पिछले साल अनूप गुप्ता चंडीगढ़ के 29वें मेयर बने थे
मालूम रहे कि पिछले साल वार्ड नंबर- 11 से पार्षद और बीजेपी नेता अनूप गुप्ता चंडीगढ़ के 29वें मेयर चुने गए थे। अनूप गुप्ता ने वार्ड नंबर- 21 से आम आदमी पार्टी के पार्षद और मेयर उम्मीदवार जसवीर सिंह लाडी को हराया था। पिछले साल 17 जनवरी को मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के लिए चुनाव हुआ था।