आम आदमी पार्टी किसानों की हितैषी नही- मुख्यमंत्री चन्नी।
आम आदमी पार्टी किसानों की हितैषी नही- मुख्यमंत्री चन्नी।
पंजाब के मुख्यमंत्री स.चरणजीत सिंह चन्नी ने चंडीगढ़ में पत्रकारों से रूबरू होते हुए कहा कि जिस तरह से आम आदमी पार्टी ने किसानों के खिलाफ वक्तव्य दिए हैं, उससे पंजाब के लोग काफी नाराज है। आम आदमी पार्टी अब एक ड्रामा पार्टी बन चुकी है ।
पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 से पहले प्रदेश के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने चुनाव आयोग को धन्यवाद दिया है।
चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा है कि भारत के निर्वाचन आयोग को मैंने चिट्ठी लिखी थी। मैंने चुनाव आयोग से आग्रह किया था कि वह पंजाब में 14 फरवरी 2022 को होने वाले चुनाव को टाल दे, क्योंकि उस दिन गुरु रविदास की जयंती है।उस दिन पंजाब के लोग बड़ी संख्या में उत्तर प्रदेश के वाराणसी जाते हैं।अगर इस बार भी लोग वहां गये, तो 14 फरवरी को बहुत से मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने से वंचित रह जाएँगे।
चन्नी ने पंजाब की दलित आबादी के हितों को ध्यान में रखते हुए चुनाव आयोग से यह आग्रह किया था, जो हर साल रविदास जयंती पर उनके जन्मस्थान सीर गोवर्धनपुर जाते हैं।
देश में दलितों की सबसे अधिक संख्या पंजाब में है, जो राज्य की कुल आबादी का लगभग 32 फीसदी है।
मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा को लिखे पत्र में चन्नी ने उल्लेख किया कि इस अवसर पर पंजाब से अनुसूचित जाति के भक्तों की बड़ी संख्या (लगभग 20 लाख) 10 से 16 फरवरी के बीच बनारस की यात्रा कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने पत्र में कहा कि इस तरह की स्थिति में समुदाय से कई लोग अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं कर पाएंगे, जो उनका संवैधानिक अधिकार है।
उन्होंने कहा, ‘समुदाय (अनुसूचित जाति) ने अनुरोध किया है कि मतदान की तारीख इस तरह बढ़ाई जाए कि वे 10 से 16 फरवरी के बीच बनारस का दौरा भी कर सकें और विधानसभा चुनाव में भी हिस्सा ले सकें.’
चन्नी ने कहा, ‘इसे उचित माना जाता है कि पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 को कम से कम छह दिनों के लिए स्थगित किया जाए, जिससे लगभग 20 लाख लोग विधानसभा के लिए वोट करने के अपने अधिकार का इस्तेमाल कर सकें’।
इस मौके पर फिरोजपुर ग्रामीण से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार आशु बांगड़ ने पार्टी को झटका दिया है। उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। सुबह पार्टी से इस्तीफा देने के बाद शाम को बांगड़ सीएम चरणजीत सिंह चन्नी की उपस्थिति में चंडीगढ़ में कांग्रेस में शामिल हो गए।मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल एक मल्टीनेशनल कंपनी की तरह अपने स्वार्थ के लिए काम कर रहे हैं। वह पार्टी नीतियों से सहमत न होने के कारण इस्तीफा दे रहे हैं।