आम आदमी पार्टी की सरकार डेयरी किसानों को 300 करोड़ रूपये जारी करे: सरदार सुखबीर सिंह बादल
आम आदमी पार्टी की सरकार डेयरी किसानों को 300 करोड़ रूपये जारी करे: सरदार सुखबीर सिंह बादल
कहा कि लंपी स्किन बीमारी से प्रभावी ढ़ंग से निपटने में आप पार्टी की विफलता के कारण पूरा डेयरी सेक्टर संकट में
Sardar Sukhbir Singh Badal : चंडीगढ़/29अगस्त: शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने आज डेयरी किसानों के दुधारू पशुओं की लंपी स्क्नि बीमारी का शिकार होने के बाद उनकी आजीविका खतरे में पड़ने के कारण आप पार्टी की सरकार को उन्हे 300 करोड़ रूपये का व्यापक मुआवजा पैकेज जारी करने की मांग की है।
अकाली दल अध्यक्ष ने 50 हजार से अधिक मवेशियों की मौत के लिए प्रति मवेशी 50 हजार रूपये का मुआवजा जारी करने से इंकार करके डेयरी किसानों की सहायता में आगे आने में विफल रहने के लिए आप पार्टी की सरकार की निंदा करते हुए कहा, ‘‘ अब ऐसा लगता है कि डेयरी किसानों की सहायता के लिए अधिक व्यापक पैकेज की आवश्यकता है, क्योंकि जिनके मवेशी संक्रामक बीमारी की चपेट में आ गए, लेकिन बच गए हैं। इन मवेशियों के दूध उत्पादन में 20 फीसदी से अधिक की गिरावट दर्ज की जा रही है। लाखों किसानों के अपने दुधारू पशुओं के इलाज के लिए भारी मात्रा में पैसा खर्च किया है, राज्य पशु पालन विभाग जानवरों के इलाज और यहां तक कि बीमारी का मुकाबला करने के लिए टीके जारी करने में कमी कर रहा है। उन सभी को उचित मुआवजा दिया जाना चाहिए क्योंकि पूरा डेयरी सेक्टर संकट की स्थिति में है’’।
सरदार सुखबीर सिंह बादल ने विधानसभा में बजट सेशन के दौरान दिए गए इस आश्वासन को पूरा करने की भी मांग की कि वह दूध खरीद मूल्य बढ़ाकर 55 रूपये प्रति किलोग्राम फैट तक बढ़ाएगी। उन्होने कहा, ‘‘ यह वादा मिल्कफेड और पंजाब सरकार दोनों को पूरा करना था। मिल्कफेड ने जहां 21 मई से किसानों को 20 रूपये प्रति किलो फैट का भुगतान करना शुरू कर दिया था, जबकि पंजाब सरकार ने पिछले तीन महीनों से डेयरी किसानों को 35 रूपये प्रति किलो फैट का भुगतान नही किया है’’।
पंजाब में पिछले कुछ दशकों से संबंद्ध गतिविधियों के माध्यम से कृषि की आय बढ़ाने के मकसद से डेयरी सेक्टर को मजबूत किया गया , कहते हुए सरदार बादल ने कहा कि ‘‘ पूर्व मुख्यमंत्री सरदार परकाश सिंह बादल ने यह जिम्मेदारी उनके द्वारा गठित राज्य किसान कमिशन को भी सौंपी थी। इस कदम के परिणामस्वरूप पंजाब में पशुधन की गुणवत्ता में सुधार हुआ था। उन्होने कहा कि यदि वर्तमान सरकार किसानों को हुए भारी नुकसान की भरपाई नही करती है तो यह सभी लाभ समाप्त हो जाएंगें और श्वेत क्रांति की कवायद नाकाम हो जाएगी’’।
सरदार बादल ने कहा कि भले ही यह बीमारी इस साल जुलाई में शुरू हुई थी फिर भी लंपी स्किन बीमारी के खिलाफ टीकाकरण अभी तक पूरा नही हुआ है । उन्होने कहा, ‘‘ यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि पशुपालन विभाग लंपी स्किन बीमारी के खिलाफ इलाज के लिए पैसे जारी करने में नाकाम रहा है और जिला प्रशासन को मजबूरन ग्राम पंचायतों को इस बिल का वहन करने का निर्देश देना पड़ा। उन्होने कहा कि सभी पशुओं के टीकाकरण के लिए इधर उधर जाने वाले स्टाफ तैनात करने के अलावा सरकार को राज्य में मवेशियों की जांच के लिए तहसील स्तर पर आरटी पीसीआर सुविधा शुरू कर देनी चाहिए। उन्होने कहा कि रिपोर्टों से पता चलता है कि हरियाणा सरकार , पंजाब सरकार के विपरीत लंपी स्किन बीमारी से निपटने में अधिक सक्रिय रही है और अपने मवेशियों को सुरक्षित कर लिया, जो अभी तक इस संकट से उबर नही पाई है।