Aaj Ka Panchang 10 August 2024: नोट करें शनिवार का शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय, पढ़ें पंचांग

Aaj Ka Panchang 10 August 2024: नोट करें शनिवार का शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय, पढ़ें पंचांग

Aaj Ka Panchang 10 August 2024

Aaj Ka Panchang 10 August 2024

Aaj Ka Panchang 2024: सावन माह (Sawan 2024) के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि पर आज कल्कि जयंती (Kalki jayanti) मनाई जा रही है. कल्कि जयंती के दिन भगवान विष्णु (Vishnu ji) की पूजा करने वालों को शत्रु बाधा परेशना नहीं करती.

कल्कि जयंती पर श्रीहरि को पीला चंदन लगाएं और 'जय कल्कि जय जगत्पते पद्मापति जय रमापते' का 108 बार जाप करें. कल्कि जयंती पर कल्कि स्तोत्रम् का पाठ करने से जीवन में संकटों का नाश होता है आर्थिक तंगी से मुक्ति मिलती है.

कल्कि जयंती पर तुलसी के पौधे की पूजा-अर्चना करनी चाहिए। साथ ही पौधे पर कलावा बांधे. इस दौरान वैवाहिक जीवन में सुख-शांति की कामना करें. माना जाता है कि इससे वैवाहिक जीवन में खुशियों का आगमन होता है.

आइए जानते हैं आज का शुभ-अशुभ मुहूर्त (Shubh muhurat 10 August 2024), राहुकाल (Aaj Ka Rahukaal), शुभ योग, ग्रह परिवर्तन, व्रत-त्योहार, तिथि आज का पंचांग (Panchang in Hindi).

आज का पंचांग, 10 अगस्त 2024 (Calendar 10 August 2024)

तिथि षष्ठी (10 अगस्त 2024, प्रात: 03.10 - 11 अगस्त 2024, सुबह 05.44)
पक्ष शुक्ल
वार शनिवार
नक्षत्र चित्रा
योग साध्य, द्विपुष्कर, सर्वार्थ सिद्धि, रवि योग
राहुकाल सुबह 09.17 - सुबह 10.54
सूर्योदय सुबह 06.01 - रात 07.03
चंद्रोदय सुबह 10.44 - रात 10.26
दिशा शूल पूर्व
चंद्र राशि कन्या
सूर्य राशि कर्क

शुभ मुहूर्त, 10 अगस्त 2024 (Shubh Muhurat)

ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04.20 - सुबह 05.03
अभिजित मुहूर्त दोपहर 12.06 - दोपहर 12.58
गोधूलि मुहूर्त रात 07.09 - रात 07.30
विजय मुहूर्त दोपहर 02.42 - दोपहर 03.36
अमृत काल मुहूर्त रात 10.35 - प्रात: 12.24, 11 अगस्त
निशिता काल मुहूर्त रात 12.10 - प्रात: 12.54, 11 अगस्त

10 अगस्त 2024 अशुभ मुहूर्त (Aaj Ka ashubh Muhurat)

  • यमगण्ड - दोपहर 02.09 - दोपहर 03.47
  • आडल योह - सुबह 05.49 - सुबह 06.02, 11 अगस्त
  • गुलिक काल - सुबह 06.02 - सुबह 7.39
  • विडाल योग - सुबह 06.02 - सुबह 05.49, 11 अगस्त

आज का उपाय

जिन लोगों के जीवन में आर्थिक और शारीरिक रूप से परेशानी चल रही है तो सावन में स्नान करने के बाद पीपल के पेड़ पर जल अर्पित करें. इस दौरान 'ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः' मंत्र का जाप 108 बार करें.