Aaj Ka Panchang, 2 February 2025 : आज माघ शुक्ल पंचमी तिथि , जानें मुहूर्त और शुभ योग

Aaj Ka Panchang, 2 February 2025 : आज माघ शुक्ल पंचमी तिथि , जानें मुहूर्त और शुभ योग

Aaj Ka Panchang 02 February 2025

Aaj Ka Panchang 02 February 2025

Aaj Ka Panchang 2 February 2025: आज 2 फरवरी, 2025 को माघ माह का 19वां दिन है और आज इस माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी और पंचमी तिथि एक साथ है। आज दिनमान यानी दिन की लंबाई 10 घंटे 52 मिनट 34 सेकंड की है, जबकि रात्रिमान 13 घंटे 06 मिनट 49 सेकंड की होगी। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, यह शिशिर ऋतु है और सूर्य वर्तमान में उत्तरायण होकर गोचर कर रहे हैं। 

आज बसंत पंचमी, सरस्वती पूजा के साथ माघ गुप्त नवरात्रि का चौथा और पांचवां दिन है। आइए जानते हैं, 02 फरवरी के पंचांग के पांचों अंग यानी तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण की क्या स्थितियां हैं और आज का कौन-सा समय आपके लिए शुभ सिद्ध होने के योग दर्शा रहा है और आज का राहु काल क्या है?

आज का पंचांग

तिथि: 2 फरवरी, 2025 को सुबह में 09:14 AM तक तक चतुर्थी तिथि है। इसके बाद पंचमी तिथि की शुरुआत हो जाएगी। जो 3 फरवरी को 06:52 AM बजे समाप्त होगी। आज बसंत पंचमी के दिन का शुभ संयोग सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि के साथ हो रहा है। पंचमी तिथि को शुभ मुहूर्तों में सम्मिलित है, चतुर्थी को रिक्ता तिथि माना गया है।

नक्षत्र: 2 फरवरी को 02:33 AM से आरंभ हुई उत्तराभाद्रपद नक्षत्र 3 फरवरी को 12:52 AM को समाप्त होगी। इसके बाद रेवती नक्षत्र शुरू होगा। ये दोनों नक्षत्र अधिकांश शुभ कार्यों के लिए उत्तम माने गए हैं। 

दिन/वार: आज दिन रविवार है, जो नवग्रहों के स्वामी सूर्यदेव को समर्पित है। साथ ही, आज के दिन सभी देवी-देवताओं और नवग्रहों की पूजा से लाभ मिलता है।

योग: आज सुबह के 12:25 PM तक पारीघ योग का प्रभाव रहेगा, इसके बाद शिव योग आरंभ हो जाएगा। पारीघ योग का पूर्वार्ध अशुभता से युक्त होता है, जबकि शिव योग को शुभ कार्यों के लिए अच्छा माना गया है।

करण: आज 09:14 AM तक विष्टि करण प्रभावी रहेगा, इसके बाद बव करण आरंभ हो जाएगा, जो शाम में 08:02 PM तक बना रहेगा। इसके बाद बालव करण की शुरुआत होगी। यह 3 फरवरी को 06:52 AM कायम रहेगा। बता दें कि विष्टि करण बेहद अशुभ मानी जाती है, लेकिन बवऔर बालव दोनों ही शुभ करण माने गए हैं।

सूर्य-चंद्र गोचर

आज के पंचाग के उपर्युक्त इन 5 अंगों के साथ ही आज सूर्य और चंद्र गोचर की स्थिति इस प्रकार रहने योग हैं:

सूर्य गोचर: सूर्य मकर राशि में गोचर कर रहे हैं, जो शनि ग्रह के स्वामित्व वाली राशि है।

चन्द्र गोचर: आज चंद्रमा मीन राशि में गोचर कर रहे है, जो देवगुरु बृहस्पति की राशि है।

शुभ-अशुभ काल

आज शुभ मुहूर्तों की स्थितियां इस प्रकार रहने योग हैं:

ब्रह्म मुहूर्त: 05:24 AM से 06:16 AM

प्रातः सन्ध्या: 05:50 AM से 07:09 AM

अभिजित मुहूर्त: 12:13 PM से 12:57 PM

विजय मुहूर्त: 02:24 PM से 03:07 PM

गोधूलि मुहूर्त: 05:59 PM से 06:25 PM

सायाह्न सन्ध्या: 06:01 PM से 07:20 PM

अमृत काल: 08:24 PM से 09:53 PM:

निशिता मुहूर्त: 12:08 AM, फरवरी 03 से 01:01 AM, फरवरी 03

सर्वार्थ सिद्धि योग: 07:09 AM से 12:52 AM, फरवरी 03

रवि योग: 12:52 AM, फरवरी 03 से 07:08 AM, फरवरी 03

आज अशुभ मुहूर्तों की स्थितियां इस प्रकार रहने योग हैं:

राहुकाल: आज राहु काल दोपहर बाद 04:40 PM से 06:01 PM रहने का योग है। हिन्दू धर्म में इस अवधि में कोई भी शुभ कार्य आरंभ करने की मनाही है।

यमगण्ड: 12:35 PM से 01:57 PM

गुलिक काल: 03:18 PM से 04:40 PM

विष घटी/वर्ज्य काल: 11:28 AM से 12:58 PM

दुर्मुहूर्त काल: 04:34 PM से 05:18 PM

भद्रा: 07:09 AM से 09:14 AM

पंचक: आज पूरे दिन पंचक का साया बना रहेगा।

01 फरवरी 2025 के पर्व और त्योहार

आज बसंत पंचमी और सरस्वती पूजा है। साथ ही आज माघ गुप्त नवरात्रि का चौथा और पांचवां दिन एक साथ पड़ रहा है। दश महाविद्याओं में से गुप्त नवरात्रि के चौथे दिन मां छिन्नमस्तिका और पांचवें दिन मां त्रिपुरभैरवी की आराधना की जाती है, जबकि सामान्य रूप से चौथे दिन मां कूष्माण्डा और पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है। यह नवरात्रि 7 फरवरी 2025 तक चलेगी। यह विशेष रूप से तंत्र साधना के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है।

रविवार का व्रत: रविवार के दिन नवग्रहों के स्वामी सूर्यदेव की पूजा करने का विधान है और आज सूर्य को मजबूत करने के उपाय किए जाते हैं। आज का दिन हिन्दू धर्म की सभी देवी-देवताओं की आराधना के लिए भी उत्तम माना गया है।

आज की यात्रा टिप्स: आज पश्चिम दिशा में दिशाशूल होने के कारण, आपातकाल को छोड़कर आज इस दिशा में यात्रा करना शुभ नहीं है।

पंचांग का महत्व

हिंदू धर्म में पंचांग को अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। किसी भी शुभ कार्य को प्रारंभ करने से पहले पंचांग का अध्ययन करना आवश्यक होता है, क्योंकि यह वार, तिथि, नक्षत्र, योग और मुहूर्त के आधार पर उचित निर्णय लेने में सहायता करता है। विशेष रूप से विवाह, गृह प्रवेश, नामकरण, मुंडन, व्यापार आरंभ जैसे मांगलिक कार्यों के लिए शुभ समय का चयन किया जाता है, ताकि कार्य सिद्धि और शुभ फल की प्राप्ति हो। मान्यता है कि सही मुहूर्त में किए गए कार्य अधिक सफल होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि, शांति और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।