हंगरी बॉर्डर पर पहुंची खटीमा की एक छात्रा, सीएम धामी ने परिजनों को बच्चों की वतन वापसी का दिलाया आश्वासन

हंगरी बॉर्डर पर पहुंची खटीमा की एक छात्रा, सीएम धामी ने परिजनों को बच्चों की वतन वापसी का दिलाया आश्वासन

हंगरी बॉर्डर पर पहुंची खटीमा की एक छात्रा

हंगरी बॉर्डर पर पहुंची खटीमा की एक छात्रा, सीएम धामी ने परिजनों को बच्चों की वतन वापसी का दिलाया आश्

रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध के बाद भारतीय छात्र-छात्राएं अपने वतन लौटने की जद्दोजहद में जुटे हैं। कई युवा यूक्रेन और पड़ोसी मुल्क हंगरी व रोमानिया के बॉर्डरों पर भूखे-प्यासे हैं। खटीमा की एक छात्रा अपने साथियों के साथ हंगरी बॉर्डर के लिए सफर कर रही है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बच्चों के घर पहुंचकर परिजनों को बच्चों की वतन वापसी का भरोसा दिलाया।

सीएम ने कहा कि राज्य व केंद्र सरकार बच्चों को भारत लाने के लिए कार्य कर रही है। चार केंद्रीय मंत्रियों को यूक्रेन से लगे हंगरी, रोमानिया, पोलैंड आदि बॉर्डरों पर भेजा गया है। यूक्रेन के बोलटावा में मेडिकल की प्रथम वर्ष की छात्रा मिताली रविवार शाम पांच बजे हंगरी बॉर्डर के लिए रवाना हो गई थी। मिताली अमाऊं गांव की रहने वाली है।

हंगरी बॉर्डर पर फंसा भजन सिंह

वह अपने 25 भारतीय साथियों संग निजी खर्च पर बस से हंगरी बॉर्डर के लिए निकली है। फोन पर हुई बातचीत में मिताली ने अपने परिजनों को बताया कि यूनिवर्सिटी के बंकर में रह रहे मेडिकल छात्रों को खासी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था। जान बचाने के लिए युवा दोपहर 12 बजे के बाद यूनिवर्सिटी के बंकरों में घुस जाते थे। इस दौरान उन्हें खाने पीने का सामान बमुश्किल मिल पाता था।

मिताली के दादा रमेश बिष्ट, पिता गोविंद बिष्ट एवं चाचा बलवंत बिष्ट अपनी लाडली के लिए खासे चिंतित हैं। एलबीआईवी स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस तृतीय वर्ष का छात्र लोहियाहेड रोड अमाऊं निवासी अंकुर वर्मा अभी रोमानिया बॉर्डर पर है। अंकुर के पिता पॉलीप्लैक्स कंपनी के एचआर हेड दिनेश कुमार वर्मा ने बताया कि अंकुर को अभी फ्लाइट नहीं मिली है। बॉर्डर पार कर रोमानिया में प्रवेश से अब उसके जल्द ही घर लौटने की उम्मीद है। 

इधर, एलबीआईवी स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी में ही एमबीबीएस प्रथम वर्ष का छात्र लोहियाहेड रोड निवासी ऋषभ लोहिया यूक्रेन में बमबारी के बाद वतन वापसी के इंतजार में है। वह यूक्रेन से रोमानिया बॉर्डर पहुंच गया है। बॉर्डर पर एंट्री मिल गई है।

ऋषभ की माता मनीषा बतातीं हैं कि भारत सरकार के हस्तक्षेप के बाद अब उनके बेटे के जल्द घर लौटने की आस बढ़ गई है। जेहावोवा स्ट्रीट संख्या तीन टर्नोपिल यूक्रेन में तृतीय वर्ष का मेडिकल छात्र झनकट गांव निवासी भजन सिंह हंगरी बॉर्डर पर फंसा है। भजन के पिता जोगेंद्र सिंह ने बताया कि हंगरी में जल्द ही एंट्री मिलेगी। उसके बाद ही वह अपने वतन लौट सकेगा।

चार केंद्रीय मंत्रियों को यूक्रेन से लगे हंगरी, रोमानिया, पोलैंड आदि बॉर्डरों पर भेजा गया है।