हर दिन न नहाने वाला व्यक्ति भी होता है पाप का भागीदार, गरुड़ पुराण से जानिए इसका महत्व
Garuda Purana Punishments
Garuda Purana Punishments: अच्छी सेहत के लिए जरूरी है कि हम अपनी दिनचर्या को ठीक से फॉलो करें. इसी दिनचर्या(a routine) में एक काम नहाने का भी होता है. गर्मियों के मौसम(summer season) में ज्यादातर लोग रोज नहाते हैं लेकिन सर्दियों के मौसम(winter season) में अक्सर लोग रोज नहाने से परहेज करते हैं. सर्दियों में कई लोग आलस से जूझ रहे होते हैं और कुछ लोग पानी से खौफ खाते हैं. हिंदू धर्म शास्त्र और पुराणों में स्नान का खास महत्व बताया है. गरुड़ पुराण के अनुसार रोज नहाने से दिव्य ज्ञान प्राप्त होता है. पुराणों की मानें तो हमेशा साफ पानी से ही नहाना चाहिए क्योंकि रोज सुबह नहाने से पापकर्मों से मुक्ति मिलती है.
धार्मिक कार्यों से पहले जरूर करें स्नान / Must take bath before religious work
विद्वानों का मानना है कि जब हम रात में सोते हैं तो मुंह से लार गिरता है जिससे शरीर अपवित्र हो जाता है इसलिए सुबह उठकर हमें जरूर नहाना चाहिए. खासकर तब यह और आवश्यक हो जाता है जब आप कोई धार्मिक काम शुरू करने जाते हैं. पुराणों में कहा गया है कि जब भी पूजा - पाठ करें, नहाने काम सबसे पहले करें वरना धार्मिक कामों का कोई अच्छा परिणाम नहीं मिलता है. अगर आप बिना नहाए इस तरह का कोई काम करते हैं तो पाप के भागी बनते हैं और जीवन में तरह - तरह की परेशानियां आती हैं.
रोज न नहाने से कामों में आती है बाधा / Not taking a bath everyday hinders work
गरुड़ पुराण की मानें तो अगर कोई व्यक्ति रोज नहीं नहाता है तो नकारात्मक ताकतें उसकी ओर खींची चली आती हैं इसके अलावा अलक्ष्मी और कालकर्णी उसके कामों में बाधा पहुंचाती हैं. धर्म के जानकार बताते हैं कि अलक्ष्मी माता लक्ष्मी की बहन हैं जिन्हें निर्धनता की देवी माना जाता है. रोज न नहाने वाले शख्स के घर रोज क्लेश होता है और उसकी जिंदगी धन के अभाव में गुजरती है. गरुण पुराण में ऐसे लोगों को पापी का दर्जा दिया गया है और परेशानियों से भरा जीवन उनके लिए सजा की तरह हो जाता है.
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