हिमालय में बैठे एक बाबा चला रहे थे देश का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज NSE, योगी के सलाह पर फैसला लेती थीं CEO रामकृष्ण

हिमालय में बैठे एक बाबा चला रहे थे देश का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज NSE, योगी के सलाह पर फैसला लेती थीं CEO रामकृष्ण

हिमालय में बैठे एक बाबा चला रहे थे देश का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज NSE

हिमालय में बैठे एक बाबा चला रहे थे देश का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज NSE, योगी के सलाह पर फैसला लेती थ

नई दिल्ली. देश के अग्रणी स्टॉक एक्सचेंज एनएसई (National Stock Exchange) की पूर्व एमडी एवं सीईओ चित्रा रामकृष्ण (Chitra Ramkrishna) के बारे में बाजार नियामक सेबी (SEBI) ने एक महत्वपूर्ण खुलासा किया है. सेबी का कहना है कि चित्रा हिमालय के एक अनाम बाबा (योगी) के सलाह पर फैसला लेती थीं. इन्हीं बाबा के सलाह पर उन्होंने आनंद सुब्रमण्यन को एक्सचेंज में समूह परिचालन अधिकारी एवं प्रबंध निदेशक का सलाहकार नियुक्ति किया था.

पूंजी बाजार नियामक सेबी ने एनएसई, उसके पूर्व प्रबंध निदेशकों, मुख्य कार्यपालक अधिकारियों चित्रा रामकृष्ण और रवि नारायण एवं अन्य पर बड़ी कार्रवाई करते हुए जुर्माना लगाया है. यह जुर्माना समूह परिचालन अधिकारी और प्रबंध निदेशक (MD) के सलाहकार के रूप में आनंद सुब्रमण्यन की नियुक्ति में प्रतिभूति अनुबंध नियमों के उल्लंघन को लेकर लगाया गया है.

लगाया करोड़ों रुपये का जुर्माना
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने अपने 190 पन्नों के आदेश में पाया कि बाबा ने उन्हें सुब्रमण्यम को नियुक्त करने के लिए निर्देशित किया. इसके बाद सेबी ने रामकृष्ण पर तीन करोड़ रुपये, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE), नारायण और सुब्रमण्यन पर दो-दो करोड़ रुपये एवं वी आर नरसिम्हन पर छह लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. इसके साथ ही नियामक ने एनएसई को कोई भी नया उत्पाद पेश करने से छह महीने के लिए रोक दिया है.

तीन साल तक रोक भी लगाई
रामकृष्ण और सुब्रमण्यन को तीन साल की अवधि के लिए किसी भी बाजार ढांचागत संस्थान या सेबी के साथ पंजीकृत किसी भी मध्यस्थ के साथ जुड़ने को लेकर रोक लगायी गई है. नारायण के लिए यह पाबंदी दो साल है. इसके अलावा, सेबी ने एनएसई को रामकृष्ण के अतिरिक्त अवकाश के बदले भुगतान किए गए 1.54 करोड़ रुपये और 2.83 करोड़ रुपये के बोनस (डेफर्ड बोनस) को जब्त करने का भी निर्देश दिया. नियामक ने यह कदम समूह के परिचालन अधिकारी और प्रबंध निदेशक (एमडी) के सलाहकार के रूप में आनंद सुब्रमण्यन की नियुक्ति में प्रतिभूति अनुबंध नियमों के उल्लंघन को लेकर लगाया है.

तीन साल से ज्यादा समय तक रही एमडी-सीईओ
रामकृष्ण अप्रैल 2013 से दिसंबर 2016 तक एनएसई की एमडी एवं सीईओ रहीं. वह योगी को सिरोमणि कहती थीं. उनके मुताबिक, बाबा एक आध्यात्मिक शक्ति हैं और पिछले 20 वर्षों से व्यक्तिगत और व्यावसायिक मामलों पर उनका मार्गदर्शन कर रहे हैं. यह अज्ञात व्यक्ति या बाबा कथित रूप से एक आध्यात्मिक शक्ति थी, जो अपनी इच्छानुसार कहीं भी प्रकट हो सकती थी.