किसान आंदोलन और पराली मामले में दर्ज मामले क्यों नहीं रद्द कर रही चन्नी सरकार : कुलतार सिंह संधवां
किसान आंदोलन और पराली मामले में दर्ज मामले क्यों नहीं रद्द कर रही चन्नी सरकार : कुलतार सिंह संधवां
...मुख्यमंत्री चन्नी सार्वजनिक रूप से और किसानों के साथ मीटिंग के दौरान कर चुके हैं केस रद्द करने की घोषणा
...लगाया आरोप, खट्टर सरकार की तरह मोदी के इशारे पर चल रही है चन्नी सरकार - आप
चंडीगढ़, 13 दिसंबर
आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के किसान विंग के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक कुलतार सिंह संधवां ने 'किसान आंदोलन और पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ दर्ज मामले' पर चन्नी सरकार से सवाल करते हुए कहा, ''पंजाब सरकार घोषणा करने के बावजूद किसानों के खिलाफ दर्ज मुकदमे क्यों नहीं रद्द कर रही है?
सोमवार को पार्टी मुख्यालय से जारी बयान में संधवां ने कहा कि पंजाब के किसानों ने केंद्र की मोदी सरकार के किसान विरोधी कृषि कानून के खिलाफ साल भर से ज्यादा समय तक संघर्ष किया। बावजूद इसके पंजाब सरकार ने घोषणा कर अभी तक किसानों के खिलाफ दर्ज मामले वापस नहीं लिए है। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, जिन्हें एलानजीत सिंह के नाम से जाना जाता है, ने भी सार्वजनिक रूप से और किसानों के साथ एक बैठक के दौरान घोषणा की थी कि पंजाब सरकार किसान आंदोलन और पराली जलाने वाले किसानों से संबंधित सभी मामलों को रद्द कर देगी।
संधवां ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री एलानजीत सिंह द्वारा की गई घोषणाओं की सच्चाई अभी तक लोगों के सामने नहीं आ सकी है कि पंजाब पुलिस द्वारा किसानों के खिलाफ दर्ज मामले रद्द कर दिए गए हैं या नहीं। इसीलिए यह जरूरी है कि चन्नी सरकार किसानों के विरुद्ध दर्ज पुलिस केसों को खारिज करने के लिए तत्काल नोटिस जारी करे। मोदी सरकार की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर किसानों के खिलाफ दर्ज पुलिस मामलों को यह कहते हुए खारिज कर रहे हैं कि मामला राज्यों के अधिकार क्षेत्र में है और राज्य सरकारें इस संबंध में निर्णय लेंगी।
संधवां ने कहा कि हालांकि पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की पुलिस इन राज्य सरकारों के नियंत्रण में है, लेकिन दिल्ली की पुलिस केंद्रीय गृह मंत्रालय यानी मोदी सरकार के नियंत्रण में है इसलिए केंद्र सरकार को दिल्ली में किसानों और उनके समर्थकों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने के लिए तुरंत अधिसूचना जारी करनी चाहिए और राज्य सरकारों को भी ऐसा करने के लिए एक पत्र जारी करना चाहिए।
संधवां ने आरोप लगाते हुए कहा कि हरियाणा की खट्टर सरकार की तरह पंजाब कीचमनी सरकार भी प्रधानमंत्री मोदी के इशारे पर चल रही है। किसानों के प्रति भाजपा की मंशा स्पष्ट नहीं है। इसलिए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल किसानों के खिलाफ दर्ज पुलिस मुकदमों को लेकर हर दिन अलग-अलग बयान दे रहे हैं। लेकिन इस दोहरी नीति को न किसान बर्दाश्त करेंगे और न ही आम आदमी पार्टी। इसलिए इस संशय को खत्म करते हुए पंजाब सरकार तुरंत पंजाब के किसानों के खिलाफ दर्ज मुकदमे वापस ले और नोटिस जारी करे।