डेंगू बुखार कब हो जाता है घातक? इन लक्षणों को ना करें नजरअंदाज
डेंगू बुखार कब हो जाता है घातक? इन लक्षणों को ना करें नजरअंदाज
नई दिल्ली। डेंगू संक्रमण इन दिनों देश के कई इलाकों में फैला हुआ है, ऐसे में एक्सपर्ट्स का कहना है कि डेंगू आमतौर पर जानलेवा नहीं साबित होता है, लेकिन इसका गंभीर संक्रमण किसी की भी जान ले सकता है। डेंगू का अधिक घातक रूप डेंगू हेम्रेजिक बुख़ार और डेंगू शॉक सिंड्रोम में बदल सकता है, जो न सिर्फ वयस्कों और बच्चों को प्रभावित कर सकता है, बल्कि काफी जानलेवा भी हो सकता है।
याद रखें, कि डेंगू के स्पष्ट शुरुआती लक्षण नहीं होते, हालांकि, गंभीर डेंगू संक्रमण के चेतावनी संकेत और लक्षण संक्रमण की शुरुआत के 3-7 दिनों के बाद दिखाई दे सकते हैं। इसमें पहले शरीर का तापमान गिरना शुरू होता है, जब आपको लगता है कि संक्रमण अब ठीक होने की राह पर है, तभी डेंगू के दूसरे लक्षण भी दिखने शुरू हो जाते हैं, जिसका मतलब है कि यह वायरल इंफेक्शन दूसरी ज़रूरी अंगों में फैल रहा है।
अगर किसी को डेंगू का गंभीर संक्रमण हुआ है, तो उसे जल्द से जल्द मेडिकल अटेंशन की ज़रूरत होती है। प्लेटलेट्स का गिरना हमेशा डेंगू का ही संकेत नहीं होता, लेकिन अगर किसी को डेंगू हुआ है तो उसे प्लेटलेट्स से जुड़े लक्षणों पर नज़रें रखनी चाहिए।
सांस से जुड़ी तकलीफें
सांस से जुड़ी दिक्कतें डेंगू का संकेत हो सकती हैं। डेंगू संक्रमण में ऊपरी श्वसन पथ में काफी सूजन आ जाती है। सांस की तकलीफ, कम ऑक्सीजन का स्तर, तेजी से सांस लेना, सीने में दर्द जैसे कुछ ऐसे लक्षणों का अनुभव हो सकता है और रोगी को तत्काल देखभाल की आवश्यकता हो सकती है। क्योंकि एक गंभीर डेंगू संक्रमण अन्य महत्वपूर्ण अंगों को भी प्रभावित कर सकता है, इसलिए व्यक्ति को किसी भी तरह के लक्षण के लिए सतर्क रहना चाहिए। यह भी कहा जाता है कि डेंगू के गंभीर गंभीर में लीवर भी बड़ा हो सकता है, और कुछ रोगियों को दिल से जुड़ी तकलीफों का अनुभव भी हो सकता है।
रक्त का रिसाव और त्वचा की सतह के नीचे जमा होना
डेंगू का गंभीर संक्रमण शरीर की कुछ रक्त वाहिकाओं को भारी नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे रक्त का रिसाव हो सकता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जब एक संक्रमित मच्छर किसी इंसान को काटता है, तो डेंगू का वायरस रक्तप्रवाह में प्रवेश कर जाता है, यह प्लेटलेट्स से जुड़ जाता है और संक्रामक वायरस को कई गुणा बढ़ा देता है। इसका सबसे पहला लक्षण है त्वचा पर ख़ून के धब्बों का दिखना, जिसका मतलब है कि प्लेटलेट्स का स्तर गिर रहा है।
पेट में दर्द
पेट में तेज़ दर्द उठना, पेट में ऐंठन के साथ लगातार उल्टी आना इस बात का संकेत हो सकता है कि आपका पाचन तंत्र गंभीर डेंगू से पीड़ित है। डेंगू के रोगियों में न सिर्फ गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल जटिलताएं बहुत आम हैं, बल्कि महत्वपूर्ण अंगों में और उसके आसपास प्लाज़्मा रिसाव होने पर पेट में दर्द जैसी समस्याएं पैदा हो सकती हैं, जिससे द्रव जमा हो सकता है। हालांकि यह अन्य लक्षणों की तुलना में कम आम है, लेकिन यह एक ऐसा लक्षण है जिसे नज़रअंदाज नहीं किया जाना चाहिए या हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए।
मानसिक स्थिति में परिवर्तन, बेहोश होना
गंभीर डेंगू संक्रमण के साथ बिगड़ते स्वास्थ्य के महत्वपूर्ण लक्षणों में से एक व्यक्ति की मानसिक स्थिति में साफ परिवर्तन है। जब संक्रमण तेज़ी से फैलता है, तो वायरस दिमाग़ तक पहुंच सकता है, महत्वपूर्ण तंत्रिका कार्यों और रक्त वाहिकाओं में बाधा पैदा कर सकता है, जिससे शरीर के लिए दिमाग़ और शरीर के बीच समन्वय स्थापित करना मुश्किल हो सकता है। जब रोगी की हालत और गंभीर होने लगती है, या फिर बुख़ार कम नहीं होता, तो उसे प्रलाप, मतिभ्रम, मानसिक स्थिति में बदलाव, सतर्कता सहित बेचैनी के लक्षण अनुभव हो सकते हैं।
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।