पॉल्यूशन से होने वाली एलर्जी से बचने के लिए इस्तेमाल करें हर्बल चाय
पॉल्यूशन से होने वाली एलर्जी से बचने के लिए इस्तेमाल करें हर्बल चाय
नई दिल्ली। सर्दी बढ़ने के साथ ही प्रदूषण भी बढ़ने लगता है। बढ़ते प्रदूषण का सीधा असर फेफड़ों पर पड़ता है, जिसकी वजह से सांस लेने में बेहद दिक्कत होती है। अस्थमा और फेफड़ों से संबंधित मरीजों के लिए यह मौसम बेहद बुरा होता है। इन मरीज़ों को सांस लेने में दिक्कत होती है और इनका हवा में मौजूद प्रदूषण से दम घुटता है।
चेन की सांस लेना चाहते हैं तो फेफड़ों को हेल्दी रखें, ताकि आपकी बॉडी पर प्रदूषण का असर कम हो। फेफड़ों की हिफ़ाज़त के लिए हर्बल प्रोडक्ट बेहद असरदार है। प्रदूषण के असर को कम करने के लिए आप अपनी रोज की चाय के साथ हर्बल प्रोडक्ट मिलाकर पीएं तो धुएं से होने वाली एलर्जी से बचा जा सकता है, और फेफड़ों को भी हेल्दी रखा जा सकता है। आइए जानते हैं 3 ऐसी हर्बल चाय के बारे में जिनके सेवन से बॉडी पर प्रदूषण के असर को कम किया जा सकता है।
लौंग की चाय प्रदूषण का असर करेगी कम:
लौंग हमेशा से ही सर्दी-खांसी और जुकाम का असरदार इलाज है। सर्दियों में बढ़ते प्रदूषण से बचने के लिए लोग अपनी चाय में लौंग जरूर मिला कर पीएं। लौंग वाली चाय गले को साफ करती है, साथ ही फेफड़ों को भी डिटॉक्स करती है। लौंग एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटीहिस्टामाइन से भरपूर होती हैं जो शरीर से विषाक्त पदार्थों को दूर करने में बहुत मददगार होती हैं।
अदरक की चाय बेहद असरदार:
एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर अदरक खांसी और कंजेशन को कम कर सकती हैं। इसके सेवन से गले की खराश और फेफड़ों की सूजन को भी कम किया जा सकता है। अदरक में जिंजरोल और अन्य यौगिक होते हैं जो वायुमार्ग में सूजन को कम कर सकते हैं।
दालचीन की चाय का करें सेवन:
दालचीनी में प्राकृतिक गुण मौजूद होते हैं, जो आपका वजन कम करने में मदद करते हैं। यह मेटाबॉलिज्म रेट को बढ़ाती है और बॉडी फैट कम करती है। दालचीनी में पॉलिफेनॉल्स एंटीऑक्सिडेंट्स तत्व पाए जाते हैं, जो आपका ब्लड प्रेशर कंट्रोल कर सकते हैं। इतने गुणों से भरपूर दालचीनी की चाय लंग्स के लिए भी उपयोगी है। इस मौसम में दालचीनी की चाय पीकर आप इम्यूनिटी को इम्प्रूव कर सतके हैं, साथ ही प्रदूषण से भी बचाव कर सकते हैं।
डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।