बीएलओ और टीकाकरण ड्यूटी से परेशान शिक्षक ने फांसी लगाकर दी जान

बीएलओ और टीकाकरण ड्यूटी से परेशान शिक्षक ने फांसी लगाकर दी जान

बीएलओ और टीकाकरण ड्यूटी से परेशान शिक्षक ने फांसी लगाकर दी जान

बीएलओ और टीकाकरण ड्यूटी से परेशान शिक्षक ने फांसी लगाकर दी जान

हरदोई। शहर के मुहल्ला सुभाषनगर में किराए के मकान में रह रहे परिषदीय विद्यालय के शिक्षक ने फांसी लगाकर जान दे दी। मूल रूप से लखनऊ निवासी शिक्षक की टोडरपुर विकास खंड में तैनाती थी। घटना के पीछे बीएलओ व टीकाकरण ड्यूटी से परेशान रहना बताया गया है। हालांकि, कोई सुसाइड नोट नहीं मिला और न ही ड्यूटी को लेकर कोई शिकायत की बात सामने आई है।

लखनऊ के प्रियदर्शनी कालोनी 01-277 सेक्टर बी निवासी अनिल कुमार पुत्र गोधन लाल का वर्ष 2018 शिक्षक भर्ती में चयन हुआ था और टोडरपुर विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय करावां में वह सहायक अध्यापक थे। वर्तमान में वह सुभाषनगर में किराए के मकान में अपने भाई अतुल कुमार के साथ रहते थे। अतुल कुमार भी बावन के प्राथमिक विद्यायल सौरंगपुर में सहायक अध्यापक है। अतुल कुमार ने बताया कि भाई अनिल कुमार बीएलओ और कोबिड टीकाकरण ड्यूटी को लेकर परेशान रहते थे। सोमवार को उन्हें शाहाबाद बीएलओ प्रशिक्षण में जाना था, लेकिन नहीं गए वह विद्यालय चला गया, जबकि उसकी पत्नी नीतू आजादनगर स्थित अपने मायके गई थी। घर पर भाई अनिल कुमार ही थे।

अतुल कुमार के अनुसार शाम को जब वह घर वापस लौटा तो कमरा अंदर से बंद था। दरवाजा घटखटाने के बाद नहीं खुला तो उसने दरवाजा तोड़ दिया। दरवाजा तोड़ते देख कि उसका शव छत के कुंडे से रस्सी से लटका था। उसके होश उड़ गए। उसने पुलिस को घटना को जानकारी दी, जिसके बाद सभी मौके पर पहुंचे। अनिल कुमार ने पुलिस को दी गई तहरीर में जान देने का कारण ड्यूटी से परेशानी बताया है। कोतवाल दीपक शुक्ला ने बताया कि अतुल कुमार का कहना है कि भाई अनिल कुमार बाइक चलाना नहीं जानते थे और तभी ड्यूटी को लेकर परेशान रहते थे। उन्होंने बताया कि किसी पर कोई आरोप नहीं लगाया गया है और न ही कोई सुसाइड नोट मिला है। 

चार दिसंबर को थी शादीः शिक्षक अनिल कुमार की शादी शहर के राधानगर में तय हुई थी। चार दिसंबर को ही शादी थी, स्वजन का कहना है कि घर में शादी की तैयारियां चल रहीं थी, किसी को क्या पता था कि इतनी बड़ी घटना हो जाएगी। अनिल कुमार के जान देने के स्वजन में कोहराम मचा है वहीं उनके साथी शिक्षक व अन्य में शोक है।