बुजुर्गों की सेहत को ऐसे प्रभावित करता है वायु प्रदूषण, करें ये उपाय तो रहेंगे सुरक्षित

बुजुर्गों की सेहत को ऐसे प्रभावित करता है वायु प्रदूषण, करें ये उपाय तो रहेंगे सुरक्षित

बुजुर्गों की सेहत को ऐसे प्रभावित करता है वायु प्रदूषण

बुजुर्गों की सेहत को ऐसे प्रभावित करता है वायु प्रदूषण, करें ये उपाय तो रहेंगे सुरक्षित

नई दिल्ली। सर्दी की शुरुआत और फिर दिवाली के साथ दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ने लगता है। खासकर दिवाली में पटाखे जलाने की वजह से प्रदूषण काफी बढ़ जाता है। हर साल की तरह इस बार भी दिवाली के दूसरे दिन यानी शुक्रवार को दिल्ली का प्रदूषण लेवल बेहद ख़राब स्तर पर पहुंच गया है। दिवाली के बाद फिर से दिल्ली की आबोहवा इतनी ख़राब हो गई है कि यहां सांस लेना भी दूभर लग रहा है।

दूषित हवा सभी को बीमार करती है, ख़ासतौर पर बूढ़ों और बच्चों को। वायु प्रदूषण बुजुर्गों के लिए गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है क्योंकि उम्र के साथ उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमज़ोर हो जाती है। इसलिए यह जानना महत्वपूर्ण है कि वायु प्रदूषण बुजुर्गों को कैसे प्रभावित करता है।

वायु प्रदूषण से उम्रदराज़ लोगों को हो सकती हैं ये बीमारियां

1. बुज़ुर्गों को आसानी से वायरल इंफेक्शन हो जाता है। बीमारियां तब होती हैं जब हवा में मौजूद रोगाणु सांस के ज़रिए फेफड़ों में चले जाते हैं या श्लेष्म झिल्ली के संपर्क में आ जाते हैं या फिर जब एक संक्रमित सतह को छुआ जाता है।

2. वायु प्रदूषण से बुजुर्गों में श्वसन संबंधी समस्याएं बढ़ती हैं। जिन लोगों को पहले से अस्थमा, निमोनिया या क़मजोर फेफड़ों जैसी बीमारियां हैं उनका वायु प्रदूषण के कारण बीमार पड़ने का ख़तरा बढ़ जाता है।

3. जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, आप जिस हवा में सांस लेते हैं उसकी गुणवत्ता सीधे आपके श्वसन तंत्र, त्वचा, कान, नाक और गले को प्रभावित करती है।

वायु प्रदूषण से निपटने और इसके प्रभावों को कम करने के लिए क्या किया जा सकता है?

वायु प्रदूषण बड़ों की संज्ञानात्मक क्षमता को कम कर सकता है और स्ट्रोक का कारण भी बन सकता है। हवा की खराब गुणवत्ता के संपर्क में आने से भी फेफड़ों के कैंसर का ख़तरा बढ़ सकता है। यही वजह है कि, वायु प्रदूषण के दुष्प्रभावों से निपटना बेहद ज़रूरी है।

घर पर लगाएं एयर प्यूरीफायर

एयर प्यूरीफायर घर के अंदर की हवा में मौजूद हानिकारक प्रदूषकों और कणों को सोख लेते हैं। अध्ययनों में पाया गया है कि घर के अंदर की हवा बाहर की हवा से 5-10 गुना ज़्यादा प्रदूषित होती है। घर पर एयर प्यूरीफायर लगाने से आप अंदर की हवा को काफी हद तक साफ रख सकते हैं।

स्मोकिंग से दूर रहें

पेसिव स्मोकिंग घर के अंदर वायु प्रदूषण का सबसे आम कारण है। अगर आपके घर कोई स्मोक करता है, तो उन्हें घर के अंदर स्मोक न करने दें। घर में एक भी व्यक्ति धूम्रपान करेगा तो इससे बाकी लोगों के फेफड़े भी प्रभावित होंगे, जिससे सांस से जुड़ी बीमारियों का जोखिम बढ़ेगा।

घर पर लगाएं हवा को साफ करने वाले पौधे

घर पर एलोवेरा, स्पाइडर प्लांट और पीस लिलि जैसे पौधे लगाएं, इनसे घर के अंदर के हवा की गुणवक्ता अच्छी रहती है। इन्हें आप ऑफिस में भी रख सकते हैं।

गुड़ का सेवन करें

गुड़ फेफड़ों से प्रदूषकों को बाहर निकालने के लिए जाना जाता है। अगर आप रोज़ाना गुड़ का सेवन करते हैं, तो आपके फेफड़ों को सेहतमंद रहने में मदद मिलती है और सांस संबंधी बीमारियों का ख़तरा भी कम होता है।

चेहरे को मास्क से ढकें

N95/99 मास्क हवा को फिल्टर करने में मदद करता है, जिससे प्रदूषित हवा सांस के ज़रिए आपके फेफड़ों में नहीं पहुंचेगी। जब भी बाहर जाएं तो स्मॉग से बचने के लिए N95 मास्क से अपना चेहरा ज़रूर ढकें

अपने कमरों और किचन को वेंटीलेटिड रखें

सुनिश्चित करें कि आपका घर पूरी तरह हवादार हो और सभी कमरों में वेंटिलेशन को बढ़ावा देने के लिए चिमनी या एग्ज़्हौस्ट हो। इससे हवा का प्रवाह बरकरार रहेगा।

Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।