चंडीगढ़ में इन पर लगी रोक, देखे क्या क्या आदेश जारी किए प्रशासन ने
चंडीगढ़ में इन पर लगी रोक, देखे क्या क्या आदेश जारी किए प्रशासन ने
अर्थ प्रकाश संवाददाता
चंडीगढ। शहर में कोविड के मरीजों का नये साल के पहले दिन 70 नये कोरोना केस का बम फटने के बाद प्रशासन को सख्ती बरतने की याद आई। शहर में पर्यटन स्थलों में पर्यटकों एवं ट्राइसिटी के लोगों की भारी भीड़ जमा होने और वहां कोविड प्रोटॉकाल की ज़मकर धज्जियां उड़ता देखकर रविवार को नगर प्रशासक के सलाहकार एवं स्टेट आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के चेयरमैन धर्मपाल ने आदेश कर कहा कि सुखना लेक पर 3 जनवरी से सुबह 5 से 9 बजे तक और सायं 6 से 8 बजे तक सोमवार से शनिवार तक किसी प्रकार की कोई वोटिंग करने की अनुमति नहीं होगी।
सुखना लेक पर केवल पैदल सैर करने की अनुमति भी कोविड प्रोटॉकाल का सख्ती से पालन करने वालों को दी जाएगी। वहीं सुखना लेक अब हर रविवार को बंद रहेगी। वहीं चंडीगढ़ पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिये कि वह कोविड प्रोटॉकाल का पालन नहीं करने वाले पर्यटकों का तत्काल चालान करें। किसी को भी इसमें ढील बरतने न दी जाए।
वहीं शहर में अब धीरे धीरे प्रशासन की ओर से सख्ती बरतने की प्रक्रिया शुरू होती दिख रही है। कोविड के केसों की संख्या बढऩे पर शहरवासी बेखौफ बिना मास्क व न ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं।
कॉफी हाउसों, मैरिज पलैसों, बैंकेट हालों को 50प्रतिशत क्षमता में चलाना होगा
शहर में कोविड के मरीजों की संख्या बढऩे पर नगर प्रशासन की ओर से शहर में सुखना लेक को हर रविवार को बंद रखने के आदेश के बाद अब प्रशासन ने शहर में होटलों, कैफे, कॉफी हाउसों, खाने के स्टालों, मैरिज पलैसों, बैंकेट हालों आदि तो खुले रहेंगे लेकिन इसमें अब 50 प्रतिशत क्षमता के साथ चलाना होगा। यानी इन स्थलों में 50 प्रतिशत ग्राहकों को ही प्रवेश दिया जाएगा, वह भी जिन्होंने कोविड वैक्सीन की दोनों डोज लगाई होंगी। इसमें इन होटलों व मैरिज पलैसों आदि के स्टाफ को भी कोविड की दोनों डोज लगी होनी अनिवार्य होगी। जिसे उक्त नहीं लगी होगी उसे प्रवेश देने पर प्रतिबंध होगा। उक्त आदेश स्टेट आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के चेयरमैन व सलाहकार धर्मपाल ने जारी किये। उक्त आदेशों को तत्काल प्रभाव से लागू करने के आदेश दिये हैं। उन्होंने कहा कि जहां इन आदेशों की अवहेलना होगी उस संस्थान के प्रबंधकों एवं संचालकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। शहर में कोविड के मरीजों की संख्या बढ़ता देख अब लोगों को अपने पारिवारिक कार्यक्रमों में अपने रिश्तेदारों की सूची में करनी पडे़ेगी कटौती। इससे मैरिज पलैसों व होटलों के संचालकों को फिर से नुकसान होगा।