The solidarity of the Chautala family came to an end

चौटाला परिवार की एकजुटता पर लगा विराम, देखें क्या बोले अभय चौटाला...

Abhay-Chautala

The solidarity of the Chautala family came to an end

चंडीगढ़। चौटाला परिवार के एकजुट होने के संकेतों पर अभय चौटाला ने विराम लगा दिया। अभय चौटाला ने कहा कि भाई, भाभी और भतीजों ने जिस प्रकार के बयान दिए, उन पर पहले सभी को पश्चाताप करना चाहिए। बतां दें कि कुछ दिन पहले अभय चौटाला के भाई बड़े अजय चौटाला ने परिवार के एकजुट होने के संकेत दिए थे। साथ ही प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने एक शादी समारोह में अपने दादा ओपी चौटाला के पैर छुए थे। इसके बाद चौटाला परिवार के एकजुट होने की अटकलें तेज हो गईं।

अभय चौटाला ने कहा कि राजनीतिक में सभी चीजे संभव है, लेकिन जिस किस्म के बयान अजय सिंह के आए और जो बातें भाभी नैना, भतीजे दुष्यंत व दिग्विजय ने बोलीं, पहले उन लोगों को अपने बयानों पर पश्चाताप करना चाहिए। उन्होंने कहा कि ये लोग अब ये ना कहे कि बड़े चौटाला को फैसला करना चाहिए। बड़े चौटाला ने तो फैसला बहुत पहले ही सुना दिया था। बड़े चौटाला अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं करते हैं। चाहे वो परिवार है या पार्टी। अजय सिंह के पास ऐसा क्या फार्मूला था, जो परिवार एकजुट होने की ओर इशारा कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि ऐलनाबाद उपचुनाव में अजय सिंह ने लोगों से कहा था कि ओपी चौटाला बीच में आए तो ये पूछना कि उनका ये आखिरी चुनाव है या फिर भी आएंगे। उन्होंने एक ओर बयान दिया कि तीन पीढ़ी नाक रगड़ेंगी। तीन पीढ़ी में क्या वो शामिल नहीं है। व्यक्ति को अपने बड़ों की इज्जत करनी चाहिए। मैनें कभी किसी राजनेता व्यक्ति को अपने बाप के बारे में ऐसे शब्दों को इस्तेमाल करते हुए ना सुना, ना ही देखा।

सीएम मनोहर लाल को याद दिलाऊंगा बयान

मेरे इस्तीफा देने के बाद विधानसभा के सेशन हुए। दोनों में प्रदेश के लोग मायूस हुए। विपक्ष सरकार के साथ मिला हुआ है। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा भाजपा की बी टीम है। भाजपा की मदद कर रहे थे। इस बार सेशन रोचक होगा। मैं विधानसभा में खुलकर बोलूंगा। उन्होंने कहा कि सीएम को वो दिन याद करवाऊंगा कि जब उन्होंने कहा था कि कानून वापस नहीं होंगे। मैनें सरकार को कहा था कि कानून भी वापस होंगे और तुम लोग जनता के बीच माफी भी मांगोंगे। सरकार को केस वापसी, मुआवजे और मृतक किसानों को शहीद को दर्जा देने की मांगे स्वीकार कर लेनी