केंद्र और पंजाब सरकार की मिलीभगत ने खेतीबाड़ी को किया बर्बाद- हरपाल सिंह चीमा

केंद्र और पंजाब सरकार की मिलीभगत ने खेतीबाड़ी को किया बर्बाद- हरपाल सिंह चीमा

केंद्र और पंजाब सरकार की मिलीभगत ने खेतीबाड़ी को किया बर्बाद

केंद्र और पंजाब सरकार की मिलीभगत ने खेतीबाड़ी को किया बर्बाद- हरपाल सिंह चीमा

-घातक कृषि नीतियों और बुरी नीयत से किसान से उसकी जमीन छीनने की तैयारी- ‘आप’ 

-किसान-मजदूर का 90 हजार करोड़ रुपये का कर्जा बढ़कर डेढ़ लाख करोड़ रुपये हुआ 


चंडीगढ़, 18 नवंबर 
आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के वरिष्ठ एवं नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने प्रदेश की खेतीबाड़ी को बर्बाद करने पर आमादा कांग्रेस की चन्नी सरकार को आमजन के बजाय ‘खासजन’ की सरकार करार देते हुए कहा कि पंजाब सरकार की नीति और नीयत दोनों ही पंजाब की दुश्मन हैं। चीमा ने कहा कि जिस कांग्रेस सरकार ने 19 जनवरी 2017 को लिखित तौर पर किसान-मजदूर के साथ उनका करीब 90 हजार करोड़ रुपये का संपूर्ण कर्जा माफ करने का दावा किया था, वह कर्जा अब बढक़र करीब डेढ़ लाख करोड़ बन चुका है। इसमें सरकारी, सहकारी और निजी बैंकों के साथ-साथ असंगठित क्षेत्र से उठाए कर्जे शामिल हैं। इस वादे के लिए बकायदा किसान और मजदूरों से फॉर्म भी भरवाए गए थे लेकिन अफसोस सरकार बनते ही कांग्रेस ने अपना असली ‘छलावे’ वाला किरदार लोगों को दिखा दिया। 

पार्टी मुख्यालय में वीरवार को मीडिया को संबोधित करते हुए हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि यदि कांग्रेस सरकार समय पर सब्सिडी का तीन सौ करोड़ रुपये जारी कर देती तो किसानी के बचाव के लिए रत्ती भर भी कुछ कहने की स्थिति में होती लेकिन कांग्रेस पार्टी की सदैव धोखाधड़ी की परंपरा रही है। तीन दशकों से अकाली-भाजपा और कांग्रेस सरकारों की बुरी नीयत और घातक नीतियों के कारण आज पंजाब की खेतीबाड़ी को बचाए रखने के उपायों पर न केवल चिंतन बल्कि चिंता करने पर विवश होना पड़ रहा है। क्योंकि केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने ही संसद में तीनों काले कृषि कानूनों पर हस्ताक्षर किए थे और पंजाब के लोग आगामी विधानसभा चुनाव में बादल परिवार को सबक सिखाएंगे। 
चीमा ने कहा कि कभी कृषि प्रधान प्रदेश का ताज हासिल करने वाला पंजाब आज दाने-दाने को मोहताज है। क्योंकि पंजाब में भले ही अकाली-भाजपा की सरकार रही हो, कांग्रेस की कैप्टन सरकार रही हो या अब कांग्रेस की चन्नी सरकार हो, इन सभी ने किसान परिवारों की खुशियों को छीनने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। पंजाब की अब तक की सरकारों की बुरी नीयत और घातक नीतियों का ही खामियाजा है कि प्रति वर्ष सैकड़ों किसान खुदकुशी को विवश होते हैं और अनेकों किसानों के सिरों पर बेशुमार कर्जा चढ़ चुका है, जिस कारण अन्नदाता अब अपनी जमीनों को भी नहीं बचा पा रहा है।  चीमा ने कहा कि पूरे देश का पेट भरने वाले पंजाब के अन्नदाता को पंजाब सरकार की संकुचित सोच का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। यही कारण है कि पंजाब का किसान अपनी जमीन, हवा-पानी और जीवंत माहौल को लुटा बैठा है। किसान परिवारों की खुशियों को नजर लगाने वाला कोई बाहरी व्यक्ति नहीं, बल्कि अब तक पंजाब पर राज करती आ रही अकाली दल-भाजपा और कांग्रेस ही पूर्ण रूप से जिम्मेदार हैं। 
चीमा ने कहा कि अब चरणजीत सिंह चन्नी लोगों को दोबारा गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने चन्नी से सीधे तौर पर पूछा कि संपूर्ण कर्जा माफ करोगे या नहीं करोगे? यदि करोगे तो उसकी समय सीमा घोषित करें और आचार संहिता लगने से पहले किसान-मजदूरों का संपूर्ण कर्जा माफ किया जाए। चीमा ने कहा कि यदि चन्नी सरकार यह वादा नहीं निभा सकती तो अन्य सभी चीजें महज छलावा भर हैं, क्योंकि किसान और मजदूरों का मुख्य मुद्दा वित्तीय संकट और कर्जा है। यही किसान की खुदकुशियों और निराशा के दौर का कारण है। 
इसके साथ ही आम आदमी पार्टी ने पराली जलाने पर केस वापिस लेने के संबंध में प्रतिक्रिया देते हुए पूछा कि किसानों पर केस दर्ज किसने और क्यों किए हैं? ‘आप’ ने कहा कि अन्नदाता पहले ही कांग्रेस सरकार की घातक नीतियों से हाशिए की कगार पर है और अब कांग्रेस सरकार उसकी सांसें छीनने का प्रयास भी कर रही है। चीमा ने सवाल किया कि किसान को पराली जलाने से रोकने के विकल्प/समाधान पंजाब सरकार के पास नहीं हैं तो क्या सरकार पर भी केस दर्ज होना चाहिए? मुख्यमंत्री चन्नी इसका जवाब दें। 
गुलाबी सूंडी से प्रभावित फसल पर किसान को महज 17 हजार रुपये मुआवजा राशि पर आम आदमी पार्टी ने कहा कि इस खानापूर्ति से कांग्रेस सरकार किसानों के सवालों से बच नहीं सकती। ‘आप’ ने मुख्यमंत्री चन्नी से पूछा कि क्या यह राशि फसल को हुए नुकसान की भरपाई के लिए काफी है? जिस फसल पर प्रति एकड़ 60-70 हजार रुपये खर्च आता हो, उसपर महज 17 हजार रुपये मुआवजा राशि किसानी का मजाक उड़ाना है। पहले से कर्जे में डूबे किसान के लिए यह मुआवजा राशि उनके जख्म पर नमक छिडक़ने का काम करेगी, इस संबंध में कांग्रेस सरकार विचार करे। 
आम आदमी पार्टी ने दूध उत्पादक किसानों के दूध का रेट बढ़ाने से पल्ला झाड़ने पर पंजाब सरकार की निंदा करते हुए कहा कि सरकार केवल घोषणाएं करने पर जोर दे रही है। लेकिन जब पैसा खर्च करने का समय आता है तो सरकार भाग जाती है। चीमा ने पंजाब के लोगों और किसानों को सचेत किया कि वे चन्नी सरकार की खोखली घोषणाओं से सतर्क रहें, क्योंकि यह सभी महज चुनावी स्टंट हैं। चीमा ने कहा कि राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और सोनिया गांधी पंजाब के किसानों को बताएं कि उनकी समयबद्ध कर्जा माफी कब होगी?