टीम इंडिया हारी, भारत नहीं  

Editorial

Team India lost, not India : भारत और पाकिस्तान के बीच खेल का मुकाबला खेल नहीं होता, यह पूरी दुनिया जानती है। बावजूद इसके भारत अगर इसे खेल की भावना से खेले तो पाकिस्तान इसे एक जंगी मुकाबला ही समझता है। लेकिन रविवार को भारत में एक पर्व की खुशियां मनाई जा रही थी, तभी दुबई में भारत और पाकिस्तान के बीच कुछ ऐसा घटा, जिसने 135 करोड़ भारतीयों (हो सकता है यह संख्या कुछ ज्यादा हो) को गमगीन कर दिया।

क्रिकेट भारत और पाकिस्तान के लिए एक खेल नहीं है, अपितु दनदनाते ऐसे रणबांकुरों का गेम है, जोकि गोलियां न चलाएं लेकिन उनके तेवर किसी भी युद्ध से कम नहीं होते। भारत ने पाकिस्तान से अभी तक सभी युद्ध जीते हैं, हम क्रिकेट में भी पाकिस्तान से हमेशा उन्नीस रहे और उसे बुरी तरह हराते रहे, लेकिन रविवार को टी20 वल्र्ड कप के फाइनल में पाकिस्तान ने जिस प्रकार भारतीय टीम को शिकस्त दी वह बेहद दिल दुखाने वाली थी।

कहा जाता है कि वीर वही है जोकि लड़ते हुए मौत को प्राप्त हो, यानी हाथ पर हाथ रखे ही अगर किसी को शहादत मिल जाए तो ऐसी शहादत को धिक्कार है। बेशक, क्रिकेट में खिलाडिय़ों का प्रदर्शन ऊपर-नीचे होता रहता है, लेकिन एक मुकाबले के लिए भी भारतीय टीम इतनी तैयार नहीं थी कि वह पाकिस्तानियों पर फतेह हासिल कर पाती।  पाक टीम ने टीम इंडिया को 10 विकेट से शर्मनाक हार दी है। इसके साथ ही पाकिस्तान ने भारत के साथ क्रिकेट मुकाबलों का इतिहास बदल दिया। जाहिर है, टीम इंडिया ने पाक टीम को आकलन करने में भूल की। कहा जाता है कि दुश्मन को कभी भी छोटा नहीं समझना चाहिए, हमारी तैयारी उससे दस नहीं सौ गुणा ज्यादा होनी चाहिए।

टीम इंडिया की हार को पाकिस्तान ने अपने समक्ष भारत की हार बना दिया है। पाकिस्तान में इसका जश्न मनाया जा रहा है तो भारत में भी एक वर्ग इसकी खुशियां मना रहा है। यह काफी अजीब लगता है लेकिन यह सच है। भारत में कांग्रेस के नेताओं की ओर से ऐसे बयान दिए गए हैं, जोकि बेहद शर्मनाक और हैरत में डालने वाले हैं। बेशक ऐसे छिछोरे नेताओं के बयानों पर कोई ध्यान नहीं दे लेकिन अगर सोशल मीडिया के जरिए ऐसे लोग इसे भाजपा और केंद्र में सत्तासीन मोदी सरकार की हार भी करार दे तो यह सिर पीटने वाली बात ही होगी। आखिर पाकिस्तान से हार में मोदी सरकार की हार कैसे हो गई। कांग्रेस को आखिर देश क्यों नहीं नजर आता, उसे भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इतनी जलन क्यों है।

दरअसल, ऐसी बातें पूरा देश और वे लोग जोकि खेल को खेल की भावना से खेलते और देखते हैं, वे पूछ रहे हैं। वहीं ये लोग यह भी पूछ रहे हैं कि क्रिकेट के मैदान में मैच जीत कर दमखम ठोकने वाला पाकिस्तान क्या हर मामले में इसी तरह भारत से जीत रहा है? नहीं वह हार रहा है। जम्मू-कश्मीर के मामले में पाकिस्तान मुंह की खा रहा है और उसके दोस्त भी उसका भला नहीं कर पा रहे। तब भारत में बैठे लोगों को पाकिस्तान की बढ़त में क्यों खुशी महसूस हो रही है। चीन जब भारत पर आंखें बदलता है तो यह वर्ग खुश होता है और पाकिस्तान की ओर से घाटी में अगर आतंकी गतिविधियों को अंजाम दिया जाता है, तब भी इस वर्ग को बेपनाह खुशी मिलती है।
 

भारत में इस वर्ग की करणी इसके सामने आकर रहेगी लेकिन पाकिस्तान में इस जीत के बाद लोगों पर ऐसा बावलापन छा गया है कि उन्हें यह भारत की हर मायने में हार नजर आ रही है। और तो और इसे धर्म से जोड़ दिया गया है। पाकिस्तान के गृह मंत्री शेख रशीद की खुशी का ठिकाना नहीं रहा है। भारत के प्रति हमेशा जहर उगलने वाले शेख रशीद ने भारतीय मुसलमानों का जिक्र करते हुए कहा है कि इस मुकाबले के दौरान भारत के मुसलमानों के जज्बात भी पाकिस्तानी टीम के साथ थे। रशीद आगे कहता है, भारत सहित दुनियाभर के मुस्लिमों के जज्बात पाकिस्तानी टीम के साथ थे। आखिर ऐसे बयानों के जरिए पाक के मंत्री क्या साबित करना चाहते हैं। क्या इससे पाकिस्तान के लोगों के दिलों में भारत के प्रति भरी नफरत का खुलासा नहीं हो जाता है।

भारत में जो चल रहा है, लगता है उसे देखकर ही शेख रशीद की यह हिम्मत हुई है कि उसने यहां के लोगों का नाम भी लिया है। ऐसी भी चर्चा है कि भारत की हार पर भारत में ही पटाखे फोड़े गए हैं। किसी भी दौर में ऐसे लोगों की कमी नहीं रही है, जोकि पाकिस्तान की जीत पर उसकी कामयाबी पर जश्न मनाते हों। हालांकि मुठ्ठी भर ऐसे लोगों की सोच उनके टखनों से ऊपर नहीं उठ पाएगी। भारत में रहकर ही वे ऐसा कर सकते हैं, इस देश की लोकतांत्रिक प्रणाली उन्हें वह संजीवनी प्रदान करती है, जिसके जरिए वे भारत  विरोधियों को प्रोत्साहित करते रहें और अपने देश की हार पर जश्न मनाते रहें। यह बेहद दुखद और शर्मनाक है, जिसकी घोर भत्र्सना की जानी चाहिए।
 

 पाकिस्तान के मंत्री के मानसिक स्वास्थ्य की जांच कराई जानी चाहिए जिसने भारत पर पाकिस्तान की जीत को इस्लाम की फतेह बताया है। ऐसा पाकिस्तान ही कर सकता है, क्योंकि उसके खिलाड़ी भी उसी मिट्टी में उगा खाते हैं, जोकि वहां पैदा हुए आतंकी खाकर भारत में दहशतगर्दी को आते हैं। पाकिस्तानी होना दुनिया में एक गाली है और भारतीय होना एक बेहद सम्मानजनक पदवी। इस मुकाबले का भारत में विरोध हुआ था, लेकिन फाइनल मुकाबला था जोकि दो देशों में ही हो सकता था। भारत वह देश है जोकि अपने विरोधियों से रिश्ते ठीक करने में लगा रहता है, लेकिन बदले में उसे वैमनस्य ही मिलता है। यह पाकिस्तान की रीत है लेकिन उदारता भारत का स्वभाव। क्रिकेट मैच हों या न हों, कोई मतलब नहीं रखता लेकिन भारत को पाकिस्तान से हारता देख हर उस भारतीय का खून खौलता है जिसके अंदर राष्ट्रवाद बहता है। क्रिकेट के मैदान में बेशक हमारी टीम हार गई लेकिन उसके हौसले हमेशा बुलंद रहेंगे और देश के भी। क्योंकि अधर्म हमेशा हारता आया है और पाकिस्तान की बुनियाद में अधर्म है।