Schools will open in Haryana from February 1, but only vaccinated children will be able to take classes

हरियाणा में 1 फरवरी से स्कूल तो खुलेंगे, लेकिन वैक्सीनेटेट बच्चे ही लगा पाएंगे क्लास, देखें और क्या रहेंगी शर्तें

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Schools will open in Haryana from February 1, but only vaccinated children will be able to take clas

चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने 1 फरवरी से कक्षा 10 से 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए स्कूल खोले जाने के आदेश गुरुवार को जारी कर दिया। शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि केवल वे विद्यार्थी ही स्कूल आ सकेंगे, जो कोरोना वैक्सीन की पहली डोज ले चुके हैं। कक्षा 1 से 9 के बच्चों के लिए फिलहाल स्कूल बंद रहेंगे।

शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने 10वीं, 11वीं और 12वीं के बच्चों के लिए स्कूल खोले जाने की घोषणा दो दिन पहल ही कर दी थी। अब गुरुवार को इसको लेकर हरियाणा शिक्षा निदेशालय की ओर से आदेश भी जारी कर दिए गए हैं। इसमें कहा गया है कि स्कूल केवल इन कक्षाओं के वैक्सीनेटिड विद्यार्थियों के पठन-पाठन के लिए ही खोले गए हैं। जिला शिक्षा अधिकारियों और अन्य सक्षम अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे सुनिश्चित करें कि वे 10 से 12 तक के वे बच्चे ही स्कूलों में आएं, जिनको कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है।

पत्र में कहा गया है कि राज्य के सभी सरकारी तथा प्राइवेट विद्यालयों को कक्षा दसवीं से बारहवीं में पढऩे वाले विद्यार्थियों के पठन-पाठन के लिए खोलने का निर्णय लिया गया है। सामाजिक दूरी की अनुपालना करते हुये गत वर्ष जारी की गई स्ह्रक्क अनुसार कक्षाओं का संचालन किया जाये। उपरोक्त के सन्दर्भ में आपको यह भी अवगत करवाया जाता है कि ऐसे विद्यार्थी जिनके द्वारा वैक्सीन की पहली डोज लगवा ली गई है, उन्हें विद्यालय में आने की अनुमति होगी।

ऑनलाइन कक्षाएं जारी रहेंगी

विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन / मुख्यमंत्री दूरवर्ती शिक्षा जारी रखते हुए विद्यालय खोले जा रहे हैं। ऐसे विद्यार्थी जो ऑनलाइन शिक्षा से जुड़े रहकर अपनी पढ़ाई जारी रखना चाहते हैं, उन्हें इसकी अनुमति रहेगी। विद्यार्थी अपने माता-पिता की लिखित अनुमति मिलने पर ही विद्यालयों में पढऩे हेतु बुलाए जाएंगे।

स्कूल आने के लिए बच्चों पर दबाव नहीं

विद्यार्थियों की उपस्थिति को लेकर कोई बाध्यता नहीं रहेगी तथा इस बारे विद्यार्थियों पर किसी भी प्रकार का दबाव नहीं बनाया जाएगा। यह पूरी व्यवस्था माता-पिता की सहमति पर ही निर्भर होगी। कक्षा पहली से 9वीं तक के विद्यार्थियों के लिये आगामी आदेशों तक यथा स्थिति बनी रहेगी।