रोहतक में अनुसूचित जाति के परिवारों ने लगाया आरोप, समुदाय विशेष ने किया है उनका बहिष्कार

रोहतक में अनुसूचित जाति के परिवारों ने लगाया आरोप, समुदाय विशेष ने किया है उनका बहिष्कार

रोहतक में अनुसूचित जाति के परिवारों ने लगाया आरोप

रोहतक में अनुसूचित जाति के परिवारों ने लगाया आरोप, समुदाय विशेष ने किया है उनका बहिष्कार

महम (रोहतक)। रोहतक के भैणी मातो गांव के अनुसूचित जाति के कुछ परिवारों ने आरोप लगाया है कि समुदाय विशेष के कुछ लोगों ने सामाजिक बहिष्कार की धमकी दी है। साथ ही उनके परिवारों से संबंध रखने वालों पर जुर्माना लगाने की भी बात कही गई। मामला पुलिस तक भी पहुंचा, जिसके बाद पुलिस ने दोनों पक्षों से बातचीत की। इसमें समुदाय विशेष के लोगों ने सामाजिक बहिष्कार की बात से इंकार कर दिया। हालांकि पुलिस भी सामाजिक बहिष्कार के मामले से मना कर रही है।

दरअसल, भैणी मातो गांव में समुदाय विशेष का एक युवक सात दिसंबर को अनुसूचित जाति के एक परिवार के घर में घुस गया था। जिसे मौके पर पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया था। आरोपित पर एससीएसटी एक्ट और छेड़छाड़ की धाराओं में मामला दर्ज हुआ था। वीरवार को पीड़ित परिवार समेत उनकी जाति के करीब 40 परिवारों के सदस्य महम थाने में पहुंचे। जिन्होंने पुलिस को बताया कि आरोपित युवक के पक्ष में कुछ लोगों ने उन्हें धमकी दी है कि हमारे साथ उनका कोई मतलब नहीं है।

साथ ही खेतों में घुसने से भी मना कर दिया। यह भी धमकी दी कि अनुसूचित जाति के परिवार की इस दुकान से कोई भी व्यक्ति सामान नहीं लेगा। गांव में मुनादी भी कराई गई। इसके अलावा लाउड स्पीकर से भी एनाउंसमेंट कराया गया। इस मामले का पता चलते ही थाना प्रभारी इंस्पेक्टर प्रहलाद सिंह गांव में पहुंचे। वहां पर दोनों पक्षों को बुलाया गया। इसमें समुदाय विशेष के लोगों ने कहा कि उन्होंने सामाजिक बहिष्कार की बात नहीं कही है। एक युवक पर पहले ही एससीएसटी एक्ट में मामला दर्ज है। ऐसे में उन्होंने सिर्फ इतना कहा है कि हमारा तुम्हारा कोई संबंध नहीं है। हालांकि पुलिस ने दोनों पक्षों को समझाया और शांति बनाए रखने की अपील की।

गांव में किसी भी प्रकार का कोई बहिष्कार नहीं किया गया। दोषी को सजा मिले वह इसके पक्ष में है, लेकिन गांव में भाईचारा खराब करना बिल्कुल सही नहीं है। गांव में किसी भी प्रकार का जुर्माना लगाने की कोई बात नहीं हुई। गांव में सभी जातियों के लोग रहते हैं आपसी भाईचारा बनाने के लिए हमें मिलजुल कर रहना जरूरी है।

कुछ लोग थाने पहुंचे थे, जिन्होंने साामाजिक बहिष्कार की बात बताई। पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए गांव में जाकर छानबीन की गई। इसमें सामाजिक बहिष्कार की बात नहीं आई। आरोपित पक्ष का कहना है कि वह उस परिवार के साथ कोई संबंध रखना नहीं चाहता।

- इंस्पेक्टर प्रहलाद सिंह, थाना प्रभारी महम