सरदार सुखबीर सिंह बादल ने चुनौती स्वीकारी, राजनीतिक बदलाखोरी के लिए अधिकार के दुरूपयोग के खिलाफ चेतावनी दी

सरदार सुखबीर सिंह बादल ने चुनौती स्वीकारी, राजनीतिक बदलाखोरी के लिए अधिकार के दुरूपयोग के खिलाफ चेतावनी दी

सरदार सुखबीर सिंह बादल ने चुनौती स्वीकारी

सरदार सुखबीर सिंह बादल ने चुनौती स्वीकारी, राजनीतिक बदलाखोरी के लिए अधिकार के दुरूपयोग के खिलाफ चेता

कहा कि अकाली दल न्यायिक और लोक अदालत में दमन के खिलाफ लड़ेंगें

सरदार मजीठिया पर अदालत में पहले से फैसला हो चुके मामले में केस दर्ज किया गया

 अकाली दल अध्यक्ष ने पंजाब में शांति  भंग करने की साजिश की चेतावनी दी

कहा कि इस सरकार को अपराधियों का पता लगाने  और बेनकाब करने में कोई दिलचस्पी नहीः उनका एकमात्र उददेश्य राजनीतिक प्रतिशोध


अमृतसर/21दिसंबर: पंजाब के पूर्व डिप्टी मुख्यमंत्री तथा शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने आज घोषणा की है कि उनकी पार्टी ‘‘ हमारे एक नेता स. बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ झूठे मामले की चुनौती को स्वीकार करती है और  ‘‘अपने आधिकारिक पदों का दुरूपयोग करने वालो और कानून के साथ खिलवाड़’’ करने वालों को कानूनी परिणाम का सामना करने के लिए तैयार रहने की चेनावनी दी है’’।

सरदार बादल ने  पंजाब में कांग्रेस सरकार की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि  ‘‘ वे पवित्र धर्मग्रंथों की बेअदबी के संवेदनशील मुददे पर राजनीति’’ कर रहे हैं। उन्होने कहा कि कांग्रेस के विपरीत , अकाली दल बेअदबी के मुददों पर राजनीति नही करेगा, क्योंकि हमारे लिए महान गुरु साहिबान और उनके पवित्र गं्रथ जीवन में किसी भी चीज से उपर हैं।

उन्होने पंजाब में शांति और साम्प्रदायिक सदभाव के माहौल को खराब करने की गहरी साजिश के खिलाफ चेतावनी दी। ‘‘ उन्होने कहा कि ‘‘ जिस शांति और साम्प्रदायिक सदभाव को हमने पंद्रह सालों तक बनाए रखा, वह अचानक एक खतरे का सामना कर रहा है। अकाली दल ने महान गुरु साहिबान के सरबत का भला के संदेश का हमेशा अनुसरण किया है। हम शांति और साम्प्रदायिक भाईचारे को बनाए रखने के लिए प्रयास करना जारी रखेंगें’’।

सरदार बादल ने कहा, ‘‘ सचखंड श्री हरिमंदिर साहिब एक पवित्र स्थान है, जहां सभी धर्मों के लोग माथा टेकते हैं। यह शांति और साम्प्रदायिक भाईचारे का सर्वोच्च स्थान है। उन्होने कहा कि लेकिन कोई इससे खुश नही है तथा इस पवित्र आदर्श के खिलाफ पंजाब में शांति के खिलाफ साजिश कर रहा है’’।

सरदार बादल ने भीड़ द्वारा हत्या पर श्री राहुल गांधी की टिप्प्णी के बारे में बोलते हुए सरदार बादल ने कहा कि इसके बारे में बोलना राहुल गांधी को शोभा नही देता। ‘‘ वह एक ऐसे परिवार से ताल्लुक रखता है, जिसने 1984 में श्री हरिमंदिर साहिब में टैंक चढ़ाए थे ,और दिल्ली में हजारों निर्दोष सिखों को मार डाला था। वह अभी भी जगदीश टाइटलर और अजय माकन जैसे लिंचिंग को अंजाम देने वाले उन दोषियों को पुरस्कार दे रहा  है।

अकाली नेता सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ ‘ गलत झूठे केस‘‘ बताते हुए सरदार बादल ने राज्य में कांग्रेस हुक्मरानों को खालसा पंथ, शिरोमणी अकाली दल का मनोबल गिराने के लिए जो कुछ भी कर सकते हैं , करने की चुनौती दी। उन्होने कहा, ‘‘ लेकिन जो उनसे पहले के बड़े कांग्रेसी नेताओं ने सिखों और अकालियों के साहस और मनोबल के बारे में बताया था, उससे वे भुगतान करने के लिए तैयार रहें। अकाली दल में शामिल होने वाला कोई भी व्यक्ति दमन का सामना करने और उसे हराने के लिए पूरी तरह से तैयार है। हम इन कठपुतिलयों के आगे नही झुकेंगें। उन्होने झूठ का सहारा लेकर और अपने आधिकारिक पदों का दुरूपयोग करके स्वयं के विनाश को आमंत्रित किया है। अकाली दल उनसे न्यायिक अदालत के साथ साथ लोक अदालत में भी लड़ेगा।

सरदार बादल ने कहा कि जिस मामले में स. मजीठिया को फंसाया गया है, उस पर सक्षम अदालत द्वारा  फैसला सुनाया जा चुका है। कांग्रेस सरकार और उसके चुने गए साधनों ने सभी कानूनी और प्रशासनिक मानदंडों की धज्जियां उड़ा दी हैं, और आज पंजाब के सामने सबसे संवेदनशील मुददों में से एक पर राजनीति करने के लिए कानूनी की धज्जियां उड़ा रहे हैं। अपने राजनीतिक आकाओं को खुश करने के लिए अधिकार के दुरूपयोग और कानून का उल्लंघन करने वाले लोग इसकी सजा भुगतनेे के लिए तैयार रहें।

सरदार बादल ने कहा कि यह जनता की जानकारी में है कि कैसे श्री चटटोपाध्याय को कांग्रेस सरकार के बदले की राजनीति के एजेंडे को आगे बढ़ाने के वादे के बदले डीजीपी का पद दिया गया है। ‘‘ कई पुलिस अधिकारियों को लुभाने की कोशिश की पेशकश भी की गई है। ‘‘ अकाली नेताओं को झूठे मामले दर्ज करने के लिए कहा गया , लेकिन उनमें से ज्यादातर ने मना कर दिया। अंत में डीजीपी ने अपने गैर कानूनी आदेश को लागू करने के लिए लगभग निष्क्रिय और शायद ही कभी इस्तेमाल किए गए पुलिस स्टेशन का इस्तेमाल किया । सरदार बादल ने कहा कि अंत में केवल चटटोपध्याय ही उनके आदेश का पालन करने वाला अधिकारी था’’। सरदार बादल ने कहा कि स. मजीठिया के खिलाफ , बुर्जुग पुरूषों, महिलाओं और यहां तक कि बच्चों सहित निर्दोष अकाली कार्यकर्ताओं के खिलाफ हजारों झूठे मामले दर्ज करने कह चरम सीमा है। उन्होने कहा, ‘‘ इन शासकों ने हजारों बेगुनाहों की जिंदगी बर्बाद कर दी है। लेकिन इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों को कानून की उचित प्रक्रिया के माध्यम से इसका भुगतान करना होगा’’।

सरदार बादल ने कहा कि वर्तमान हुकमरानों ने  बेअदबी मामले को सुलझाने में कोई दिलचस्पी नही दिखाई। ‘‘ वे केवल खालसा पंथ और उसके संगठनों और संस्थाओं को बदनाम करने पर ध्यान केंद्रित करते रहे हैं,जिनमें अकाली दल और एसजीपीसी शामिल है। इसीलिए इन शासकों ने असली दोषियों को खुलेआम धूमने दिया। यह सरकार ड्रग्ज और बेअदबी दोनों मामलों में दोषियों को बचाने की दोषी है, क्योंकि उनका एकमात्र उददेश्य अपने राजिनीति विरोधियों पर दोष मढ़ना है।

सरदार बादल ने कहा कि कांग्रेसी हुकमरानों द्वारा बेअदबी की घटनाओं के पीछे की साजिश  को बेनकब करने लिए समय पर कार्रवाई करने से इंकार करने के पर्याप्त सबूत हैं। ‘‘ एक सप्ताह से अधिक समय हो गया है जब एस.जी.पी.सी ने उस अपराधी को पकड़ लिया था ,जिसने श्री गुटका साहिब को विकृत कर सचखंड श्री हरिमंदिर साहिब के पवित्र सरोवर में फैंक दिया था। एसजीपीसी ने आरोपी को पुलिस के हवाले कर दिया। लेकिन न तो इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई की तथा न ही मुख्यमंत्री ने इस मुददे पर एक बार भी लोगों को विश्वास में लेने की परवाह की है, इससे उनकी गलत प्राथमिकताओं के बारे में साफ पता चलता है