सरदार सुखबीर सिंह बादल ने 1984 के बाद टाइटल को एक खास संस्था में नियुक्त करने के मामले में सोनिया गांधी की निंदा की

सरदार सुखबीर सिंह बादल ने 1984 के बाद टाइटल को एक खास संस्था में नियुक्त करने के मामले में सोनिया गांधी की निंदा की

सरदार सुखबीर सिंह बादल ने 1984 के  बाद टाइटल को एक खास संस्था में नियुक्त करने के मामले में सोनिया गांधी की निंदा की

सरदार सुखबीर सिंह बादल ने 1984 के बाद टाइटल को एक खास संस्था में नियुक्त करने के मामले में सोनिया ग

अकाली दल अध्यक्ष ने सिद्धू, चन्नी, रंधावा, जाखड़ को चुनौती दी कि वह समझौतावादी रूचि से बाहर निकलकर फैसले का विरोध करें

84 कत्लेआम की वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर इस तरह का निर्णय सिखों के जख्मों पर नमक रगडना असंवेदनशील

चंडीगढ़/29अक्टूबर: शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने आज कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के अक्टूबर-नवंबर 1984 में हजारों निर्दोष सिखों, पुरूष महिलाओं के नरसंहार के मुख्य आरोपियों में से एक जगदीश टाइटलर को पार्टी के संभ्रांत निकाय में स्थायी नियंत्रण के रूप में आमंत्रित करने के लिए सोनिया गांधी की निंदा की है।

‘‘यह सोनिया गांधी और कांग्रेस पार्टी द्वारा सिखों के घावों के प्रति असंवेदनशीलता है। उन्होने इस फैसले की घोषणा करने के लिए सिखों के कत्लेआम की पूर्व संध्या को चुना है। खालसा पंथ के जख्मों पर नमक छिड़कने के लिए इससे बुरा समय क्या हो सकता है। सरदार बादल ने यहां एक बयान देते हुए कहा कि यह फैसला त्रासदी की 38वीं वर्षगांठ के कुछ ही दिन पहले आया है।

सरदार बादल ने पीपीसीसी के प्रमुख नवजोत सिद्धू और पंजाब के मुख्यमंत्री चरनजीत सिंह चन्नी को भी इस फैसले का विरोध करने और इसे रदद कराने का साहस दिखाने के लिए कहा। उन्होने कहा कि ‘‘चरित्र का पतन समझौते से उपजा है’’। सरदार बादल ने अपने बयान में कहा कि ‘‘ पार्टी के लिए कुलीन स्थायी आमंत्रितों में से एक के रूप में टाइटलर का नाम देश के बहादुर और देशभक्त सिख समुदाय का अपमान है। उन्होने कहा, क्या नवजोत सिद्धू, मुख्यमंत्री चन्नी, सुखजिंदर रंधावा और सुनील जाखड़ सहित पंजाब के कांग्रेसी अपनी अंतरआत्मा की आवाज जगाकर इसे सुनेंगे और इस फैसले का विरोध करके अपने चरित्र का पतन होने से बचांएगें?।