बिहार के सरकारी अस्पताल में झोला छाप डॉक्टर, महिलाओं का कर रहे हैं नसबंदी
बिहार के सरकारी अस्पताल में झोला छाप डॉक्टर, महिलाओं का कर रहे हैं नसबंदी
झोला छाप डॉक्टर, सरकारी अस्पताल के अधिकारी के बुलावे पर देते हैं अपनी सेवा
मुकेश कुमार सिंह
पटना (बिहार) : बिहार के सीएम नीतीश कुमार, बिहार में विकास की दरिया बहाने का लगातार दम्भ भरते हैं। लेकिन जहाँ तक स्वास्थ्य सुविधा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में हुए विकास की बात करें, तो बिहार देश में सबसे निचले पायदान पर है। इस जद्दोजहद के बीच, कई ऐसे कारनामे की खबर आती है, जो स्वास्थ्य व्यवस्था को पूरी तरह से ना केवल कटघरे में खड़ी करती है बल्कि सिस्टम मुँह पर करारा तमाचा भी जड़ती है। अक्सर बिहार में, अजब स्वास्थ्य व्यवस्था के गजब नजारे देखने को मिलते हैं। कहीं, टॉर्च की रौशनी में ऑपरेशन होता है, तो कहीं स्वीपर, जख्मी मरीजों के सर या अन्य अंगों की सिलाई करते है। हद तो इस बात की है कि कहीं, सर्जन की जगह झोला छाप डॉक्टर नसबंदी कर देते हैं। ताजा मामला बिहार के अरवल जिले से सामने आया है। अरवल जिले के करपी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में झोलाछाप डॉक्टर द्वारा नसबंदी किए जाने का वीडियो वायरल होने के बाद, स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। गौरतलब है कि बीते 24 नवंबर को कैंप लगाकर करपी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में 21 महिलाओं का बंध्याकरण किया जाना था। इसे लेकर, उक्त केंद्र पर एक सर्जन को प्रतिनयुक्त किया गया था।
दीगर बात है कि इस बंध्याकरण कैम्प में, एक निजी नर्सिंग होम चलाने वाले झोला छाप डॉक्टर उपेंद्र कुमार को भी ऑपरेशन के लिए बुला लिया गया। वे बुलावे पर अस्पताल पहुँचे और झटके में 10 महिलाओं का ऑपरेशन कर दिया। इसी दौरान झोला छाप डॉक्टर द्वारा किए जा रहे ऑपरेशन का वीडियो मरीज के परिजनों ने बना लिया। अब वह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। यही नहीं, वीडियो में साफ दिख रहा है कि झोला छाप डॉक्टर उपेंद्र कुमार बंध्याकरण का ऑपरेशन करते नजर आ रहे हैं। सबसे हास्यास्पद बात यह है कि ऑपरेशन थिएटर बिल्कुल खुला हुआ है। किसी तरह की कोई प्राईवेसी नहीं है और महिलाओं का ऑपरेशन, बिल्कुल खुले रूप में किया जा रहा है। झोला छाप डॉक्टर उपेंद्र कुमार ऑपरेशन के बाद बाहर निकलते हैं और बताते हैं कि लगभग 20 से अधिक लोगों का अभी ऑपरेशन होना बाँकि है। अब तक, उन्होंने 10 से अधिक महिलाओं का ऑपरेशन कर दिया है। वायरल वीडियो में उनकी बातें, साफ तौर पर सुनी जा रही है। इस गम्भीर मामले पर डी.एम. जे. प्रियदर्शनी ने कहा कि पहले वीडियो की जाँच की जाएगी तभी कुछ भी कहा जा सकता है। सरकारी अस्पताल में झोला छाप डॉक्टर के द्वारा, ऑपरेशन करना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। अगर इस मामले में, सच में ऐसा हुआ है, तो संबंधित लोगों पर बड़ी कार्रवाई होगी। इस घटना ने यह साबित कर दिया है कि बिहार में कुछ भी असम्भव नहीं है।