केजरीवाल से मान मनुहार, मत उतारो चुनाव में

Respect to Kejriwal, don't vote in elections
अर्थ प्रकाश/साजन शर्मा
चंडीगढ़। आप कनवीनर और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के चंडीगढ़ में पार्टी से जुड़े वरिष्ठ नेताओं को चुनाव लडऩे का फरमान क्या भेजा गया कि इन पर मानो बिजली गिर गई।
चुनाव लड़ा तो एक वार्ड तक सिमट कर रह जाएंगे, नहीं कर पाएंगे दूसरे वार्डों में प्रचार
अब ये नेता केजरीवाल से मान मनुहार कर रहे हैं कि उनके चुनाव लडऩे से वह केवल अपनी सीट तक सिमट कर रह जाएंगे और दूसरे प्रत्याशियों की तरफ ध्यान नहीं दे पाएंगे लिहाजा उन्हें चुनाव लडऩे से छूट प्रदान की जाए। बताया जा रहा है कि केजरीवाल से इस संदर्भ में बात की जा रही है। नेताओं का कहना है कि वह केजरीवाल को चुनाव न लडऩे के लिए मना भी लेंगे।
जिन्हें जारी हुआ फरमान, वह नहीं चुनाव लडऩे के इच्छुक, कह रहे हम प्रत्याशियों को मजबूती से लड़वाएंगे
केजरीवाल ने कल आप चंडीगढ़ के कन्वीनर प्रेम गर्ग, निगम इलेक्शन इंचार्ज चंद्रमुखी शर्मा, राष्ट्रीय सह प्रभारी प्रदीप छाबड़ा व हेवीवेट नेता हरमोहन धवन के पुत्र विक्रम धवन को फरमान जारी किया था कि वह निगम में अपनी सीटों से चुनाव लड़ें। बताया जा रहा है कि केजरीवाल ने पार्टी का जो आंतरिक सर्वे कराया है उसमें करीब एक दर्जन सीटें जीतने की बात सामने आ रही है। जानकारी के अनुसार केजरीवाल चाहते हैं कि कुछ बड़े नेता अपनी सीट से चुनाव लड़ें और ये सीटें भी पार्टी के खाते में डालें ताकि निगम की सत्ता पर किसी तरह काबिज हो सकें। इन पार्टी नेताओं ने केजरीवाल से सोचने का समय मांगा था। अब पता चला है कि ये खुद चुनाव लडऩे के इच्छुक नहीं है बल्कि केवल प्रत्याशियों को उतार कर उनकी मदद करना चाहते हैं। कहा तो ये भी जा रहा है कि हार के डर ने भी इन्हें पैर पीछे खींचने को मजबूर कर दिया है। वैसे प्रदीप छाबड़ा, चंद्रमुखी शर्मा ने पहले निगम चुनावों में जीत दर्ज की है। विक्रम धवन भी हरमोहन धवन के चलते आश्वस्त हैं। प्रेम गर्ग ने आप पार्टी शहर में खड़ी की है लिहाजा दिक्कत तो इन्हें ज्यादा नहीं होगी लेकिन चूंकि चुनाव है तो जीत की गारंटी कोई नहीं दे सकता।