Ram Rahim reached the High Court to reduce the sentence
BREAKING
''या तो राव नरबीर मंत्री रहेगा या फिर आप लोग..''; हरियाणा में मंत्री राव नरबीर की अधिकारियों को चेतावनी, कहा- मुझसे बुरा कोई नहीं होगा हरियाणा में बच्चों से भरी बस खाई में गिरी; पंचकूला में मोरनी के पास हादसा, स्पीड में बैलेंस बिगड़ा, कई बच्चे घायल, ड्राइवर गंभीर हरियाणा में किस मंत्री को कौन-सा विभाग; अनिल विज के पास 'गृह' न लौटने की चर्चा, इन मंत्रियों को ये विभाग संभव, CM दिल्ली में करवा चौथ पर कहां कब निकलेगा चंद्रमा; चंडीगढ़-दिल्ली समेत इन शहरों में यह रहेगी टाइमिंग, चांद को देखकर ही व्रत तोड़ेंगी महिलाएं हडको द्वारा सी एस आर योजना में स्कूल एवं हस्पतालों में वाटर कूलर प्रदान किए गए

सजा कम कराने हाईकोर्ट पहुंचा राम रहीम

Ram-Rahim-in-Jel

Ram Rahim reached the High Court to reduce the sentence

चंडीगढ़। डेरा सच्चा सौदा सिरसा मुखी राम रहीम उम्रकैद की सजा के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंच गए हैं। उन्होंने पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट से सजा कम करने की अपील की है। राम रहीम को रणजीत हत्याकांड में सीबीआई कोर्ट ने उम्रकैद की सजा दी थी, जिसके खिलाफ यह अपील दायर की गई है।

हाईकोर्ट में मामले की आज ही सुनवाई हो सकती है। राम रहीम को अक्टूबर महीने में ही पंचकूला की सीबीआई कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी। राम रहीम पर 31 लाख का जुर्माना भी लगाया गया था। राम रहीम के साथ चार और आरोपियों को भी सजा सुनाई गई थी।

कुरुक्षेत्र के रहने वाले रणजीत सिंह डेरा सच्चा सौदा के मैनेजर थे। 10 जुलाई 2002 को रणजीत सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसकी पुलिस जांच से असंतुष्ट रणजीत सिंह के बेटे जगसीर सिंह ने जनवरी 2003 में हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी थी, जिसमें पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी।

हाईकोर्ट ने जांच सीबीआई को सौंप दी है। शुरू में इस मामले में राम रहीम का नाम नहीं था। 2003 में जांच सीबीआई को सौंपने के बाद 2006 में ड्राइवर खट्टा सिंह के बयान के बाद राम रहीम को इसमें नामजद किया गया। 2007 में कोर्ट ने आरोपियों पर चार्ज फ्रेम किए थे, जिसके बाद अक्टूबर 2021 में सजा सुनाई गई।

रणजीत सिंह डेरा सच्चा सौदा की प्रबंधन समिति के सदस्य भी थे। उसी दौरान डेरा प्रमुख के खिलाफ एक गुमनाम चिट्ठी बाहर आई थी, जिसमें आरोप लगाया गया कि डेरे के भीतर डेरामुखी द्वारा साध्वियों का यौन शोषण किया जाता है। उस वक्त यह शक किया गया कि वह लेटर रणजीत ने ही अपनी बहन से लिखवाया था, जिसे तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को भेजा गया था।