241 करोड़ों की हेराफेरी में आईएएस अधिकारी के घर में छापा .
241 करोड़ों की हेराफेरी में आईएएस अधिकारी के घर में छापा .
(अर्थ प्रकाश / बोम्मा रेडड्डी )
अमरावती/हैदराबाद :: आंध्र प्रदेश आपराधिक जांच विभाग ने लगभग 241 करोड़ के घोटाले से जुड़े पूर्व आईएएस अधिकारी के.लक्ष्मीनारायण के हैदराबाद स्थित आवास पर छापेमारी की। आंध्र प्रदेश राज्य कौशल विकास निगम (एपीएसएसडीसी) घोटाले में चल रही जांच के तहत की गई यह तलाशी के अंतर्गत सीआईडी द्वारा कथित घोटाले को उजागर किया गया। लक्ष्मीनारायण ने एपीएसएसडीसी में निदेशक के पद पर रहते हुए इस घोटाले को अंजाम दिया। जांच विभाग के अधिकारीयों ने आवास से कंप्यूटर हार्ड डिस्क सहित कुछ दस्तावेज जब्त किए और 13 दिसंबर को पूछताछ के लिए हाजिर होने का नोटिस भी दिया।
इस जांच के दौरान लक्ष्मीनारायण बीमार पड़ गए और उन्हें इलाज के लिए एक कॉर्पोरेट अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया। आंध्र प्रदेश सरकार ने अपराध जांच विभाग को जुलाई 2021 में सीमेंस एवं उससे जुड़े नेटवर्क कंपनियों के द्वारा 241 करोड़ रुपये के धन की हेराफेरी के आरोप के तेहीत जांच करने का आदेश दिया था। राज्य भर में इंजीनियरिंग स्नातकों को कौशल प्रदान करने की सीमेंस परियोजना में आंध्र प्रदेश राज्य कौशल विकास निगम द्वारा आदेशित फोरेंसिक ऑडिट में पाया गया कि मेसर्स डिज़ाइनटेक और मेसर्स सीमेंस ने विभिन्न मुखौटा कंपनियों के माध्यम से 241,78,61,508 रुपये की धनराशि को डायवर्ट किया।
उक्त रिपोर्ट से यह भी पता चला कि तेलुगु देशम पार्टी के कार्यकाल में प्रस्तावित योजना के तहत मेसर्स डिज़ाइनटेक और मेसर्स सीमेंस ने 370.78 करोड़ रुपये के सरकारी धन राशि का अवैध उपयोग किया है। भारत सरकार की एजेंसियों के द्वारा यह भी राज्य सरकार के ध्यान में लाया गया कि कंपनियों के एक नेटवर्क ने सीमेंस परियोजना से संबंधित फर्जी चालान के माध्यम से एपीएसएसडीसी से धन की हेराफेरी हुई है। तेलुगु देशम पार्टी की सरकार ने अपने कार्यकाल में जून 2015 को सीमेंस परियोजना को छह सीमेंस क्लस्टर स्थापित करने की मंजूरी देते हुए उसमे सरकार का योगदान 10 प्रतिशत तक सीमित किया गया। प्रत्येक क्लस्टर की लागत 546.84 करोड़ रुपये थी। मूल प्रस्ताव के अनुसार 90 फीसदी की लगत में सीमेंस ने 546,84,18,908/- रुपये और डिजाइनटेक द्वारा 491,84,18,908 की लगत के साथ सरकारी हिस्सेदारी जो की 55 करोड़ रुपये यानि कुल राशि का 10 फीसदी था।
इस कुल राशि के उपयोग से एक सेण्टर ऑफ़ एक्सेलेंस और पांच तकनीकी कौशल विकास संस्थान और कौशल विकास केंद्र की स्थापना एवं अनुदान प्रदान करना था। बाद में तेदे पा सरकार ने परियोजना की लागत के 10 फीसदी के लिए 370,78,80,000 रुपये की राशि के लिए एपी स्टेट स्किल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन द्वारा समझौता ज्ञापन में हशक्षर किर इस की राशि बढ़ा दी। आखिर में इस फोरेंसिक ऑडिट में यह पाया गया कि केवल राज्य सरकार के 10 फीसदी योगदान का उपयोग ही किया गया था
उक्त अप्पराधिक जांच के दौरान शहर के कुछ तेलुगु देशम पार्टी के नेता के साथ साथ वरिष्ठ समाचार पत्र के मालिक भी मौजूद थे और जांच अधिकारीयों को जांच में अप ने तरीके का अवरोध उत्पन किया कहकर अधिकारियों ने बताया ।