Punjab needs firm intentions

पंजाब को चाहिए पक्के इरादे

पंजाब को चाहिए पक्के इरादे

Punjab needs firm intentions

पंजाब में इस बार मुकाबला दोतरफा नहीं अपितु बहुकोणीय होने जा रहा है। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी अकेले लड़ रहे हैं तो शिरोमणि अकाली दल, बसपा के साथ और भाजपा, पंजाब लोक कांग्रेस एवं शिअद संयुक्त के साथ मिलकर मैदान में उतरे हैं। एक और मोर्चा है किसानों का जोकि संयुक्त समाज के नाम से लड़ रहा है। सभी राजनीतिक दलों की ओर से बयानों के जरिए अपने-अपने वादे और इरादे जाहिर किए जा रहे हैं, कांग्रेस के नेता अपना-अपना पंजाब मॉडल पेश कर रहे हैं, वहीं आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल मुफ्त घोषणाओं का पिटारा खोले हुए हैं। इस बीच भाजपा और उसके गठबंधन सहयोगियों ने भी अपने इरादे जाहिर किए हैं। दरअसल, इस बार पंजाब के लोगों को राजनीतिक दलों से उनके चुनावी घोषणा पत्र किसी अदालती दस्तावेज की भांति लेने चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सत्ता में आने के बाद हर वादा पूरा हो।

  पाकिस्तान की सीमा पर बसा पंजाब बाकी देश के लिए हमेशा से चर्चा और चिंता का विषय रहा है। पंजाब के संबंध में घटने वाली कोई भी घटना पूरे देश को संबोधित करती नजर न आए, ऐसा नहीं हो सकता। देशभर में ड्रग्स का काला धंधा चल रहा है, लेकिन पंजाब तो ड्रग्स का पर्याय हो गया है। बॉलीवुड पंजाब में ड्रग्स को लेकर फिल्म बनाता है, जिसके बाद राजनीतिक दल आरोप लगाते हैं कि इसकी छवि खराब करने के लिए ऐसा किया जा रहा है। हालांकि गलियों में और खेतों में उन युवाओं की मिलने वाली लाशों जोकि ड्रग्स का सेवन कर मारे गए या फिर जहरीली शराब के सेवन से मरे लोगों को देखकर वे राजनीतिक कोई ऐसा बयान नहीं दे पाते जोकि यह उम्मीद बंधाए कि बस अब और नहीं। राज्य में इस समय इंडस्ट्री पलायन कर रही है, बिजली की किल्लत से गर्मियों में हायतौबा मचती है, जिससे कट पर कट लगाने पड़ते हैं। राज्य की नदियों का जल प्रदूषित हो रहा है, इंडस्ट्रियों से निकला अपशिष्ट जमीन में दरकाया जा रहा है। अवैध खनन राज्य में ऐसा कारोबार बन चुका है, जिसके जरिए नेताओं के खजाने भर रहे हैं, लेकिन राज्य के प्राकृतिक संसाधन बर्बाद हो रहे हैं। जिस जगह खेती होनी चाहिए वहां पर रेत का खनन करके मोटी कमाई हो रही है। सरकारी कार्यालयों में भ्रष्टाचार के अड्डे खुले हुए हैं। यहां आते हुए भी आम आदमी को खौफ होता है।

   पंजाब, पाकिस्तान के लिए हमेशा से वह जरिया रहा है, जिसके रास्ते भारत में अशांति फैलाई जा सकती है। यह बात आजादी के बाद से ही पंजाब के हुक्मरान और दिल्ली में बैठे सियासतदान बखूबी समझते रहे हैं। पंजाब में खालिस्तान के नाम पर आतंकवाद किसकी देन था, यह देश जानता है। हालांकि अब फिर वैसी ही हरकतें जारी हैं और राज्य में सियासतदान बीएसएफ का जांच दायरा बढ़ाए जाने का विरोध करते हुए विधानसभा में प्रस्ताव पारित करते हैं। जबकि पाकिस्तान की ओर से लगातार हथियार और ड्रग्स की सप्लाई हो रही है। क्या राज्य की जनता इस बार के चुनाव में इस मुद्दे पर गौर फरमाएगी। कांग्रेस के नेता जोकि बीएसएफ का दायरा बढ़ाने को राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में कटौती की तरह पेश कर रहे हैं, क्या इसका जवाब देंगे कि आखिर पंजाब की सुरक्षा के साथ ऐसी कोताही क्यों बरती जा रही है? पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पंजाब में सुरक्षा में चूक का जैसा मामला सामने आया था, वह राज्य के माहौल की तरफ इंगित करता है। पुलिस के अधिकारी तक मानते हैं कि उन्हें इसके निर्देश थे कि आंदोलनकारी किसानों को सडक़ से नहीं हटाना है, बेशक प्रधानमंत्री का काफिला वापस हो जाए। अगर राज्य की सरकार एक देश के प्रधानमंत्री के साथ सुरक्षा के संबंध में ऐसा बर्ताव कर सकती है तो फिर वह आदमी की सुरक्षा किस प्रकार सुनिश्चित करेगी, यह बहुत बड़ा सवाल है।

   यह तब है, जब पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दावा किया है कि  प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को मंत्री बनाने के संबंध में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने सिफारिश संदेश भेजा था। कैप्टन बता रहे हैं कि उन्होंने इसकी जानकारी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और अन्य नेताओं को दी थी। कैप्टन इस समय भाजपा के साथ हैं, और अब वे सिद्धू के संबंध में ऐसा रहस्य उद्घाटित कर रहे हैं, क्या वे इसका जवाब देंगे कि इतने संवेदनशील मसले की जानकारी क्या उन्होंने केंद्र सरकार को दी थी? क्या देश को यह नहीं मालूम होना चाहिए कि पड़ोसी देश किस प्रकार भारतीय मसलों में दखल दे रहा है। उस समय क्या कांग्रेस और अपनी साख बचाने के लिए उन्होंने इस मसले को छिपा लिया और अब राजनीतिक रंजिश में इसे हवा दे रहे हैं। वास्तव में यह मामला बड़े नजरिए से देखने की जरूरत बताता है। हो सकता है, पंजाब की राजनीति में दूसरे नेताओं को भी पाकिस्तान की ओर से ऐसे खुफिया संदेश आते हों। हालांकि खालिस्तानी सोच के लोगों को जोकि राज्य में सक्रिय हैं को पाक और दुनिया के दूसरे देशों में बैठे आतंकी संगठनों से संदेश आते हैं, इसका सबूत लुधियाना कोर्ट में हुआ बम धमाका है। दरअसल, पंजाब को इस समय आर्थिक उन्नति चाहिए, इसके अलावा उसे अपराध, ड्रग्स, खनन माफिया, पाकिस्तानी साजिश, लैंड माफिया, बेरोजगारी, गरीबी और तमाम उन समस्याओं से भी निजात चाहिए जोकि इस खूबसूरत प्रदेश के रास्ते की अड़चन बनी हुई हैं।