Punjab Education Minister Pargat Singh

शिक्षा पर Punjab और Delhi आमने-सामने, अब परगट सिंह ने बड़ी बात कही

Punjab Education Minister Pargat Singh

Punjab News

चंडीगढ़: पंजाब में विधानसभा चुनाव-2022 का माहौल बना हुआ है| खुद को सत्ता में लाने के लिए तमाम राजनीतिक पार्टियां एक-दूसरे पर कीचड़ उछाल रही हैं| इधर, आप, पंजाब कांग्रेस को दिल्ली की शिक्षा का नमूना देते हुए जमकर घेरने पर लगी हुई है| आप और पंजाब की कांग्रेस सरकार में इन दिनों शिक्षा पर आमना-सामना करने की खूब बात चल रही है| बीते बुधवार को पंजाब के शिक्षा मंत्री परगट सिंह ने आम आदमी पार्टी सरकार के दिल्ली मॉडल पर हमला बोलने का काम किया| परगट सिंह ने कहा कि दिल्ली के 1060 में से 760 स्कूलों में प्रिंसिपल से लेकर अन्य स्टाफ के पद खाली क्यों हैं। इस दौरान सिंह ने दिल्ली मॉडल पानी का बुलबुला भी बता डाला| 

परगट सिंह ने कहा सीमावर्ती पंजाब का दिल्ली के साथ मुकाबला करना ही गलत है। पंजाब एक कृषि प्रधान ग्रामीण राज्य है। अंतरराष्ट्रीय सरहद के साथ लगते गाँवों में मानक शिक्षा पहुंचाना हमेशा एक चुनौती रहा है। दोनों का मुकाबला ही तर्कसंगत नहीं। पंजाब का मुकाबला हरियाणा और राजस्थान आदि राज्यों के साथ करना बनता है। दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसौदिया और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को यह शोभा नहीं देता कि वो राजनीतिक स्वार्थ के लिये स्कूलों का मजाक उड़ायें| उन्होेंने कहा कि कोविड की संभावित तीसरी लहर के मौके पर आप नेताओं की भीड़ ने आज स्कूली बच्चों के स्वस्थ्य को खतरे में डाल दिया जिसको भविष्य में कभी बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। 

सिंह ने कहा कि पिछले पांच सालों में सरकार की तरफ से किये शिक्षा सुधार की बात करें तो पंजाब के करीब 13000 स्कूलों में 41000 कमरे स्मार्ट क्लास रूम बन चुके हैं। इसके मुकाबले दिल्ली के कुल स्कूल ही 1000 हैं। पंजाब में विद्यार्थी -अध्यापक अनुपात 24ः1है, जबकि इसके मुकाबले दिल्ली का अनुपात 35ः1 का है। पंजाब में सिर्फ़ 4प्रतिशत स्कूलों में आर.टी.ई. के सिफ़ारिशों के अनुपात से कम अध्यापक हैं, जबकि दिल्ली में यह संख्या 15 प्रतिशत है। पंजाब के दसवीं और बारहवीं के बच्चों का नतीजा पिछले तीन साल से लगातार बेहतर आ रहा है। तरनतारन जैसे सरहदी जिले के लिए अलग काडर बनाया गया है, जिससे सरहदी क्षेत्र के स्कूलों को पूरा स्टाफ दिया गया है। पंजाब भारत का एकमात्र राज्य है, जिसने सर्व शिक्षा अभियान के अध्यापकों को पक्का किया गया है। पंजाब ने पिछले चार साल में 9000 के करीब नये अध्यापक भर्ती किये हैं और दिसंबर के अंत तक यह भर्ती 20000 हो जायेगी। 

ऐसे हो मुकाबला..... 

सिंह ने कहा कि दिल्ली के साथ मुकाबला करना ही है तो पंजाब के पिछले पाँच सालों और दिल्ली के पिछले 8सालों के समय में हुए शिक्षा सुधारों के बीच मुकाबला करना बनता है। पिछले पाँच साल में पंजाब के सरकारी स्कूलों और प्राईवेट स्कूलों के बीच मुकाबला करना बनता है। पंजाब और दिल्ली के हालात अलग-अलग हैं। पंजाब के पास अमन कानून, कृषि, उद्योग, शहरी और ग्रामीण विकास जैसे बहुत सी जिम्मेदारियां हैं जबकि दिल्ली के पास सिर्फ़ शिक्षा और स्वस्थ ही है।