पंजाब कैबिनेट का फैसला: पंजाब में सरकारी मोटरों के बिल माफ, बिजली बोर्ड को 1168 करोड़ की बकाया राशि चुकाएगी चन्नी सरकार
Punjab Cabinet's decision
Punjab Cabinet's decision: पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की अध्यक्षता में सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक में बिजली बिल और दर्जा चार मुलाजिमों की भर्ती से जुड़े अहम फैसले लिए गए। सीएम चन्नी का कहना है कि इसका फायदा सीधे तौर पर करोड़ों आम लोगों को होने वाला है।
पंचायतों और नगर कौंसिलों की मोटरों के बिल माफ
सूबे की पंचायतों और नगर कौंसिलों में लोगों को पानी मुहैया करवाने के लिए बिजली की मोटरें लगाई गई हैं, जिसका करोड़ों रुपए का बिल न भरे जाने पर बिजली कॉर्पोरेशन बिजली कनेक्शन काट देता है। चन्नी सरकार ने इस बिलों को माफ करने का फैसला लिया है। यह बिल करीब 1168 करोड़ रुपए के हैं। बिजली बोर्ड को यह राशि सरकार की तरफ से चुकाई जाएगी। सीएम चन्नी ने बताया कि साल 2016 में जब वह विरोधी पक्ष के नेता थे, तो एक गांव की पंचायत द्वारा बिजली का कनेक्शन काट देने के कारण पीने को पानी नहीं था। उन्होंने खुद वहां जाकर कनेक्शन जोड़ा था। पंजाब के कई हिस्सों में यह समस्या है। इसलिए सभी बिलों को माफ करने का फैसला लिया गया।
पानी के बिल का फ्लैट रेट 50 रुपए प्रति माह किया गया
चन्नी सरकार ने महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए कहा है कि अब पंजाब के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में पानी के बिल का फ्लैट रेट 50 रुपए प्रति माह कर दिया गया है। पहले यह मिनिमम 166 रुपए था। इससे आम लोगों को 70 फीसदी तक का फायदा हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह चाहते थे कि पानी बिल्कुल निशुल्क कर दिया जाए। मगर ऐसा नहीं हो सकता। केंद्र के नियम के अनुसार इसके पैसे लेने जरूरी हैं और इसी के बाद उन्हें फंड मुहैया हो सकेंगे। मगर यह राहत भी लोगों के लिए बड़ी राहत है।
दर्जा चार मुलाजिमों की होगी रेगुलर भर्ती
कैबिनेट बैठक में फैसला लिया गया है कि अब अन्य कैडर की तरह दर्जा चार मुलाजिमों जिनमें चपरासी, बेलदार, ड्राइवर आदि शामिल हैं, की भर्ती भी रेगुलर की जाएगी। पहले यह भर्ती ठेके पर की जाती थी। यही नहीं चपरासी की पोस्टें तक खत्म हो रही हैं। मुख्यमंत्री का कहना है कि जब अफसर रेगुलर भर्ती हो रहे हैं, तो ड्राइवर और चपरासी के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए। जो लोग सरकार के पास काम करते हैं, उनका घर चलाने की जिम्मेदारी भी तो सरकार की ही है।