प्रियंका का देसी अंदाज, खेत में किसानों के हाथ से खाई रोटी, गुड़ और सलाद
प्रियंका का देसी अंदाज
बाराबंकी। लंबे अंतराल से प्रदेश में सत्ता से दूर कांग्रेस वापसी को लेकर बेचैन है। बदले माहौल में उसे किसानों से ही आस भी दिख रही है। इसीलिए किसानों से जुड़े हर मुद्दे को न सिर्फ मजबूती से उठा रही है बल्कि खुद को किसान का सच्चा हितैषी घोषित करने की कोशिश भी कर रही है। शनिवार को हरख ब्लाक में प्रतिज्ञा यात्रा का शुभारंभ करने पहुंचीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा का फोकस किसानों पर ही रहा। उन्होंने जनसभा में पहुंचने से पहले महिला किसानों से मुलाकात कर उनसे उनकी दिनचर्या जानी और उनकी दिक्कतों पर चर्चा भी की। इसके बाद संबोधन के दौरान कर्जमाफी और खाद की महंगाई व समर्थन मूल्य का जिक्रकर उनको साधने की कोशिश की।
प्रियंका ने कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने से पहले नानमऊ व तमरसेपुर की सड़क पर बैठी बालिकाओं से मुलाकात की। इसके बाद नानमऊ के उमाकांत वर्मा के धान के खेत पर पहुंचीं। यहां पहले से मौजूद सुषमा देवी, कृष्णावती, लक्ष्मी देवी, सुषमा रावत, राजकुमारी, संगीता, सुनीता और ऊषा देवी सहित अन्य महिलाओं से चर्चा की। शिवशंकर पत्नी सावित्री देवी के कंधे पर हाथ रखकर उनका कुशलक्षेम जाना। इसके बाद महिलाओं के आग्रह पर खेत में ही बैठ गईं। कुछ महिलाओं ने सुबह आठ बजे तो कुछ ने सुबह चार बजे से दोपहर करीब एक बजे तक कटाई करने और फिर साढ़े तीन चार बजे से शाम को छह बजे तक दूसरी शिफ्ट में कटाई करने की बात बताई।
इस पर प्रियंका ने कहा कि इतनी देर तक काम करने के बाद भोजन कब पकाती हो। महिलाओं ने उन्हें बताया कि गैस सिलिंडर के दाम बढ़ जाने से भरवाना मुश्किल हो गया है। 150 रुपये दिनभर धान काटने की मजदूरी मिलती है इतनी कम मजदूरी में पेट पालना मुश्किल है। खेत में ही महिलाओं ने उन्हें चटनी-रोटी भी खिलाई।
प्रधान की पत्नी को दिया मोबाइल : खेत में पहुंचने पर तमरसेपुर के प्रधान जगदीश प्रसाद की पत्नी संगीता ने प्रियंका के पैर छूकर अभिवादन किया तो उनसे पूछा चुनाव लड़ोगी। उन्होंने संगीता को मोबाइल भी दिया। चर्चा है कि कांग्रेस नेताओं ने प्रधान से वार्ता कर यह कार्यक्रम तय किया था। खेत के पास बनाई गई बैरीकेडिंग इसकी तस्दीक करती दिखी।