प्रियंका गांधी ने PM मोदी से यह क्या कह दिया? पढ़ें रिपोर्ट
Priyanka Gandhi writes a letter to PM Modi
तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के बाद मोदी सरकार बेहद ज्यादा चर्चा में है| इस कदम के लिए मोदी सरकार पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं| पीएम मोदी ने खुद बीते शुक्रवार की सुबह खुद तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की थी| फिलहाल, अब कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने पीएम मोदी से एक बात कही है और कहा है की वह इसे माने| प्रियंका गांधी का कृषि कानूनों की वापसी पर बयान तो पहले ही आ चुका है अब उन्होंने पीएम मोदी को लखीमपुर खीरी घटना पर पत्र लिखा है| प्रियंका गांधी ने पीएम मोदी से लखनऊ में कानून व्यवस्था पर कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के साथ मंच साझा न करने को कहा है और साथ ही अजय मिश्रा टेनी को उनके पद से बर्खास्त करने की मांग की है| प्रियंका ने कहा कि अजय मिश्रा टेनी का बेटा लखीमपुर खीरी घटना में आरोपी है|
प्रियंका गांधी ने कहा - पीएम मोदी जी अगर देश के किसानों के प्रति आपकी नीयत सचमुच साफ है तो आज शनिवार को लखनऊ में कानून व्यवस्था अधियकारियों के साथ जिस कॉन्फ्रेंस में आप शामिल हो रहे हैं, वहां आप केंद्रीय गृह राज्यमंत्री के साथ मंच पर विराजमान मत होईये, उनको बर्खास्त कीजिये।
प्रियंका गांधी का पूरा पत्र .....
प्रियंका गांधी ने लिखा - कल आपने 3 काले कृषि कानूनों को किसानों पर थोपने के अत्याचार को स्वीकार करते हुए उन्हें वापस लेने की घोषणा की। मैंने अखबारों में पढ़ा है कि आज आप लखनऊ में होने वाली डीजीपी कॉन्फ्रेंस में देश की कानून व्यवस्था सम्भालने वाले आला अधिकारियों से चर्चा करेंगे।
लखीमपुर किसान नरसंहार में अन्नदाताओं के साथ हुई क्रूरता को पूरे देश ने देखा। आपको यह जानकारी भी है कि किसानों को अपनी गाड़ी से कुचलने का मुख्य आरोपी आपकी सरकार के केंद्रीय गृह राज्य मंत्री का बेटा है। राजनीतिक दबाव के चलते इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने शुरुआत से ही न्याय की आवाज़ को दबाने की कोशिश की। माननीय उच्चतम न्यायालय ने इस संदर्भ में कहा कि, सरकार की मंशा देखकर लगता है कि सरकार किसी विशेष आरोपी को बचाने का प्रयास कर रही है।
महोदय, मैं लखीमपुर के शहीद किसानों के परिजनों से मिली हूँ। वे असहनीय पीड़ा में हैं। सभी परिवारों का कहना है कि वे सिर्फ अपने शहीद परिजनों के लिए न्याय चाहते हैं और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के पद पर बने रहते हुए उन्हें न्याय की कोई आस नहीं है। लखीमपुर किसान नरसंहार मामले में जाँच की हालिया स्थिति उन परिवारों की आशंका को सही साबित करती है। देश की क़ानून व्यवस्था के ज़िम्मेदार गृह मंत्री श्री अमित शाह जी एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी आपके उसी मंत्री के साथ मंच साझा कर रहे हैं।
आप देश के प्रधान मंत्री हैं, आप देश के किसानों के प्रति अपनी ज़िम्मेदारी अच्छी तरह से समझते होंगे। हर देशवासी के लिए न्याय सुनिश्चित करना प्रधानमंत्री का कर्तव्य ही नहीं, उनका नैतिक दायित्व होता है। कल देशवासियों को सम्बोधित करते हुए आपने कहा कि सच्चे मन और पवित्र हृदय से किसानों के हित को देखते हुए कृषि क़ानूनों को वापस लेने का अभूतपूर्व निर्णय लिया गया है। आपने यह भी कहा कि देश के किसानों के प्रति आप नेक नीयत रखते हैं। यदि यह सत्य है तो लखीमपुर किसान नरसंहार मामले में पीड़ितों को न्याय दिलवाना भी आपके लिए सर्वोपरि होना चाहिए।
लेकिन, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री, श्री अजय मिश्रा टेनी अभी भी आपके मंत्रिमंडल में अपने पद पर बने हुए हैं। यदि आप इस कॉन्फ्रेंस में आरोपी के पिता के साथ मंच साझा करते हैं तो पीड़ित परिवारों को स्पष्ट संदेश जाएगा कि आप अभी भी कातिलों का संरक्षण करने वालों के साथ खड़े हैं। यह किसान सत्याग्रह में शहीद 700 से अधिक किसानों का घोर अपमान होगा।
अगर देश के किसानों के प्रति आपकी नियत सचमुच साफ है तो आज अपने केंद्रीय गृह राज्यमंत्री के साथ मंच पर विराजमान मत होईए, उनको बर्खास्त कीजिए। देश भर में किसानों पर हुए मुक़दमों को वापस लीजिए और सभी शहीद किसानों के परिवारों को आर्थिक अनुदान दीजिए।
धन्यवाद, जय हिंद।