पंजाब में लागू किया जाए राष्ट्रपति शासन:मनोहर लाल

पंजाब में लागू किया जाए राष्ट्रपति शासन:मनोहर लाल

पंजाब में लागू किया जाए राष्ट्रपति शासन:मनोहर लाल

पंजाब में लागू किया जाए राष्ट्रपति शासन:मनोहर लाल

सीएम व भाजपा नेताओं ने राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन

चुनाव में आने वाले नेताओं को सुरक्षा नहीं दे पाएगी पंजाब सरकार

चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पंजाब सरकार को बर्खास्त करके चुनाव से पहले राष्ट्रपति शासन लागू किए जाने की मांग की है। मनोहर लाल शुक्रवार को हरियाणा भाजपा के वरिष्ठ नेताओं व कैबिनेट मंत्रियों के साथ राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से मिले और पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक के मुद्दे पर उन्हें ज्ञापन सौंपा।
राज्यपाल से मुलाकात करने वालों में मुख्यमंत्री के अलावा हरियाणा के कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा, हरियाणा भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़, राज्य मंत्री संदीप सिंह, अंबाला के सांसद रतनलाल कटारिया भी मौजूद थे।
राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि पंजाब में प्रधानमंत्री की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया गया है। पंजाब सरकार देश के प्रधानमंत्री को सुरक्षा प्रदान करने में असफल साबित हुई है। उन्होंने कहा कि पंजाब में चुनाव हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री के अलावा अन्य दलों के वरिष्ठ नेता भी पंजाब का दौरा करेंगे। उनकी सुरक्षा में किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जा सकता है। ऐसे में पंजाब सरकार को तुरंत प्रभाव से बर्खास्त करके वहां राष्ट्रपति शासन लागू किया जाना चाहिए। पंजाब में विधानसभा चुनाव राष्ट्रपति शासन की देखरेख में ही करवाए जाएं तो बेहतर होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अपने कार्यकाल के दौरान कश्मीर में धारा 370 को समाप्त करने, वर्षों से लटके राम मंदिर विवाद को सुलझाने जैसे कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। जिसके चलते उनकी लोकप्रियता पूरे देश में बढ़ी है। मनोहर लाल ने कहा कि पांच जनवरी को प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में उन्हें तथा पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को भी जुडऩा था। उन्होंने कहा कि चन्नी ने कार्यक्रम शुरू होने से पहले ही दो बार कुर्सी छोड़ी और वह वहां खुद को असहज महसूस कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक को लेकर केंद्र व पंजाब सरकार जांच करवा रहे हैं लेकिन यह साफ है कि इस मामले में कोताही तो बरती गई है। जिसके चलते पंजाब की मौजूदा सरकार को भंग करने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं है।