Police Commemoration Day: Deputy Chief Minister Sukhjinder Singh Randhawa and D.G.P. Iqbal Preet Singh Sahota pays tribute to the martyrs of the police

पुलिस स्मृति दिवसः उप मुख्यमंत्री सुखजिन्दर सिंह रंधावा और डी.जी.पी. इकबाल प्रीत सिंह सहोता द्वारा पुलिस के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित

पुलिस स्मृति दिवसः उप मुख्यमंत्री सुखजिन्दर सिंह रंधावा और डी.जी.पी. इकबाल प्रीत सिंह सहोता द्वारा पुलिस के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित

Police Commemoration Day:

पंजाब पुलिस राज्य की सुरक्षा करने में पूरी तरह समर्थः सुखजिन्दर सिंह रंधावा
डी.जी.पी. पंजाब ने शहीदों के परिवारों को पंजाब पुलिस द्वारा हर संभव मदद करने का दिया भरोसा

Police Commemoration Day: देश की एकता और अखंडता के लिए अपनी जान कुर्बान करने वाले राज्य के वीर जवानों को श्रद्धांजलि भेंट करने के लिए आज यहाँ पंजाब आर्म्ड पुलिस (पीएपी) के हैडक्वार्टर में 62वें राज्य स्तरीय पुलिस स्मृति दिवस मनाया गया।

पंजाब के उप मुख्यमंत्री सुखजिन्दर सिंह रंधावा ने राज्य के जवानों को श्रद्धांजलि भेंट करते हुए कहा कि पंजाब पुलिस एक बेमिसाल फोर्स है, जिसने शांति और अशांती के समय देश की सेवा की। उन्होंने कहा कि पंजाब पुलिस द्वारा आतंकवाद के साथ लड़ते हुए अपने 1604 अधिकारियों और सिपाहियों का बलिदान दिया गया।

पी.ए.पी. कैंपस के अंदर बनाए गए पुलिस शहीद स्मारक में सभ्यक ढंग से परेड का आयोजन किया गया। उप मुख्यमंत्री को सलामी देने के बाद, कमांडेंट राजपाल सिंह संधू द्वारा पंजाब पुलिस के ए.एस.आई. भगवान सिंह और ए.एस.आई. दलविन्दरजीत सिंह समेत इस साल के समूचे 377 पुलिस शहीदों के नाम पढ़े गए। इस दौरान दो मिनट का मौन रखा गया, जिसके बाद सीनियर अधिकारियों द्वारा शहीदी स्मारक पर श्रद्धा के फूल भेंट किये गए। 

स. रंधावा ने शहीदों को श्रद्धांजलि भेंट करने के बाद जलसे को संबोधन करते हुए कहा कि इन शहीदों की वजह से ही हम देश में आज़ादी का आनंद ले रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं उन बहादुर जवानों को श्रद्धांजलि भेंट करते हुए गर्व महसूस करता हूँ, जिन्होंने मातृ भूमि की सेवा में अपनी जान कुर्बान कर दीं।’’

पंजाब की अंतरराष्ट्रीय सीमा के अंदर बी.एस.एफ. के अधिकार क्षेत्र को 50 किलोमीटर तक बढ़ाने के फ़ैसले पर उन्होंने कहा कि पंजाब, जोकि सभी युद्धों दौरान हमेशा अग्रणी रहा है, को अपनी सुरक्षा के लिए किसी अन्य ताकत की ज़रूरत नहीं है। उप मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हमारी पुलिस फोर्स पंजाब की सुरक्षा करने के पूरी तरह समर्थ है’’।

स. रंधावा ने ऐलान किया कि जिलों में स्थित पुलिस लाईनों की डिस्पैंसरियों में लैब स्थापित की जाएंगी जहाँ पुलिस कर्मियों के परिवारों को टेस्टिंग की सुविधा होगी। इन लैबों पर कुल सवा करोड़ के करीब लागत आयेगी।

शहीदों के परिवारों को संबोधन करते हुए स. रंधावा, जिनके पास गृह विभाग भी है, ने शहीदों के परिवारों को भरोसा दिलाया कि उनकी शिकायतों का निपटारा पहल के आधार पर किया जायेगा और उनको और अधिक सुविधाएं प्रदान करने के लिए नयी कल्याण योजनाएँ तैयार की जाएंगी। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ़ उनके परिवारों के कभी न ख़त्म होने वाले समर्थन के चलते ही है कि पुलिस अपनी ड्यूटी पूरी लगन और सम्मान के साथ निभाने में सक्षम हुई है।

डी.जी.पी. पंजाब इकबाल प्रीत सिंह सहोता ने इस मौके पर बोलते हुए पंजाब सरकार और पंजाब पुलिस द्वारा शहीदों के परिवारों को पूर्ण सहयोग का भरोसा दिया। उन्होंने कहा, ‘‘हम अपने शहीदों के बलिदानों को व्यर्थ नहीं जाने देंगे। मैं आपको भरोसा दिलाता हूँ कि पंजाब पुलिस पूरी लगन और बहादुरी के साथ सरहदी राज्य की सेवा करती रहेगी।’’

पुलिस स्मृति दिवस का इतिहास

21 अक्तूबर 1959 को सी.आर.पी.एफ. की गश्त कर रही पार्टी, जिसका नेतृत्व एस.आई. करम सिंह कर रहे थे, पर चीनी सेना द्वारा लद्दाख़ के हॉट स्प्रिंग्ज़ में घात लगाकर हमला कर दिया गया और 10 जवान शहीद हो गए। 16,000 फुट की ऊँचाई पर बेहद ठंडे मौसम में सभी मुश्किलों के साथ लड़ते हुए जवानों की बहादुरी और बलिदान दुर्लभ साहस का प्रतीक है। इंडो-तिब्बीतियन बॉर्डर पुलिस द्वारा देश के सभी पुलिस बलों की प्रतिनिधि पार्टी हर साल लद्दाख़ के हॉट स्प्रिंग्ज़ में उन शहीदों को श्रद्धांजलि भेंट करने के लिए भेजी जाती है, जिन्होंने 21 अक्तूबर, 1959 को राष्ट्रीय सीमाओं की रक्षा करते हुए अपनी जान वार दीं। 

तबसे हर साल 21 अक्तूबर को समूह पुलिस ईकाइयों में बहादुर पुलिस शहीदों के सत्कार के तौर पर स्मृति परेड का आयोजन किया जाता है, जिन्होंने ड्यूटी दौरान अपनी जान कुर्बान कर दीं। दिवंगत आत्माओं के सम्मान में हथियार झुकाए जाते हैं और दो मिनट का मौन रखा जाता है। राज्यों, पुलिस और अर्ध सैनिक बलों के पुलिस शहीदों के नाम उनके द्वारा दिए गए महान बलिदानों को पहचान प्रदान करने के लिए पढ़े जाते हैं।