हिन्दू वेल्फेयर बोर्ड ने पाकिस्तान सरकार द्वारा गठित "पाकिस्तान हिन्दू मन्दिर प्रबन्धन समिति" का स्वागत किया
हिन्दू वेल्फेयर बोर्ड ने पाकिस्तान सरकार द्वारा गठित "पाकिस्तान हिन्दू मन्दिर प्रबन्धन समिति" का स्व
हिन्दू वेल्फेयर बोर्ड ने पाकिस्तान की इमरान सरकार द्वारा हाल ही में गठित की गई "पाकिस्तान हिन्दू मन्दिर प्रबन्धन समिति" के गठन का स्वागत किया है। भारत मे भी सभी राज्यों में हिन्दू मन्दिर एक्ट के तहत देवालय देवस्थान प्रबन्धन समितियां गठित करने और श्री करतारपुर साहिब कॉरिडोर की तर्ज पर दोनो देशों के वीजा नियमो में सुधार करके हिन्दुओं की धार्मिक यात्राओं को सुगम करने की मांग की।
आज चंडीगढ़ में पत्रकार वार्ता में पत्रकारों से बात करते हुए हिन्दू वेल्फेयर बोर्ड के चेयरमेन महन्त श्री रवि कान्त मुनि जी ने कहा कि हिन्दू वेल्फेयर बोर्ड पिछले कई सालों से देश मे हिन्दू मन्दिरों के उत्थान और हिन्दू धार्मिक मान्यताओं द्वारा स्वतन्त्र रूप से उनके बेहतर प्रबन्धन के लीये शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की तर्ज पर हिन्दू मन्दिर एक्ट के तहत देवालय देवस्थान प्रबंधन समिति की मांग कर रहा है। जिसमे 2014 में हमने देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को पत्र लिखकर इसकी मांग की। इसी क्रम में पंजाब के तत्कालीन राज्यपाल से मिलकर लिखित पत्र द्वारा प्रदेश में इसकी मांग की। इसी क्रम में पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, मौजूदा मुख्यमंत्री श्री चरणजीत सिंह चन्नी, पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष श्री नवजोत सिंह सिधु, पंजाब भाजपा के अध्यक्ष श्री अश्विनी शर्मा, आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष और दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल आदि अलग अलग राजनीतिक दलों के प्रमुख नेताओं से मिलकर और उन्हें लिखित पत्रो द्वारा इसकी मांग की। उन्होंने कहा कि अब तक किसी भी राजनीतिक दल ने हिन्दुओं की इस प्रमुख मांग पर कोई काम नही किया। महन्त श्री रवि कान्त मुनि जी ने कहा कि पंजाब के पटियाला से शुरू हुई हिन्दू समाज की यह प्रमुख मांग संगठनों, व्यक्तियों और सीमा से ऊपर उठ कर देश के विभिन्न भागों में पहुँची। उन्होंने कहा कि कुछ प्रदेशों की सरकारों ने हिन्दू समाज के दबाव में सरकार के अधिग्रहण में चल रहे हिन्दू धर्मस्थलों को स्वतंत्र करने की घोषणा जरूर की परन्तु उनके स्वतन्त्र प्रबन्धन के लीये अभी तक ना तो कोई समिति गठित की और ना ही कोई योजना या कानून बनाया। उन्होंने कहा कि हिन्दुओं की यह प्रमुख मांग अब देश की सीमाओं को पार करते हुए पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी पहुँची। उन्होंने कहा कि जिस पाकिस्तान को हम अपना दुश्मन देश मानते हैं, जिस देश को लेकर भारतीय जनमानस के मन में विरोध रहता है। जिस पाकिस्तान में रहने वाले हिन्दु समाज के लोगों और हमारे धर्मस्थलों की सुरक्षा और प्रबंधन को लेकर भारत के लगभग प्रत्येक हिन्दू के मन मे डर बना रहता है उस पाकिस्तान की इमरान सरकार ने पाकिस्तान में हिन्दू धर्मस्थलों और उनके बेहतर प्रबन्धन और पाकिस्तान के हिन्दू समुदाय के मसलों के लीये पाकिस्तान सिक्ख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की तर्ज पर पाकिस्तान हिन्दू मन्दिर प्रबन्धन समिति का हाल ही में गठन किया है जोकि स्वागतयोग्य है। उन्होंने ने कहा कि जो काम अभी तक हमारे देश की केंद्र सरकार या राज्य सरकारों ने नही किया वोह काम दुश्मन पड़ोसी देश की सरकार ने कर दिया जिसका हिन्दु वेल्फेयर बोर्ड स्वागत करता है। उन्होंने कहा कि उम्मीद करनी चाहिए कि अब पाकिस्तान हिन्दु मन्दिर प्रबन्धन समिति के गठन के बाद पाकिस्तान में हिन्दु समुदाय के लोग स्वतन्त्रता के साथ अपनी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अपने धर्मस्थलों के बेहतर प्रबन्धन के साथ साथ पाकिस्तान में रहने वाले हिन्दु समुदाय की बेहतरी के लीये भी कुछ कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि हमारे देश मे पंजाब, जम्मूकश्मीर आदि कई राज्यों में हिन्दु समाज अल्पसंख्यक है। इन राज्यों में अल्पसंख्यक हुये हिन्दुओं के धर्मस्थलों और हिन्दू समाज की स्थिति ठीक नही है। कई स्थानों पर तो इनकी बहुत ही दुर्दशा हो रही है। सरकारी अधिकारी, राजनीतिक लोग और भूमाफिया मिलकर उन्हें नोच रहे हैं। उनकी ना तो कोई सरकार में सुनवाई है और ना ही कोई राजनीतिक दल हिन्दुओं और हिन्दू धर्मस्थलों की बात करने को तैयार है। मीडिया के माध्यम से हम देश की केंद्र सरकार और राज्य सरकारों खास कर पंजाब सरकार से मांग करते हैं कि हमारे देश की सरकारों को पड़ोसी देश से सीख लेकर राज्य स्तर या केंद्रीय स्तर पर हिन्दू मन्दिर एक्ट के तहत देवालय देवस्थान प्रबन्धन समितियां गठित करके बिना किसी सरकारी या राजनीतिक दखल के प्रबंधन के अधिकार हिन्दुओं को सौंपे जाने चाहिए। इसके साथ ही हम पाकिस्तान और भारत की सरकारों से मांग करते हैं कि श्री करतारपुर साहिब कॉरिडोर की तर्ज पर दोनों देशों के श्रद्धालुओं को अपने धर्मस्थलों के दर्शनों और धार्मिक यात्राओं के लीये पाबंदियां हटा कर वीजा के नियमों में सुधार करके आसान बनाया जाये। जिससे दोनो देशों के हिन्दु आसानी से अपने धर्मस्थलों के दर्शन और धार्मिक यात्राएं कर सकें।