PM मोदी आज देंगे काशी विश्वनाथ कारिडोर की सौगात, दुल्हन की तरह सजा बनारस
PM मोदी आज देंगे काशी विश्वनाथ कारिडोर की सौगात, दुल्हन की तरह सजा बनारस
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज उत्तर प्रदेश के वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का उद्घाटन (Kashi Vishwanath Corridor Inauguration) करेंगे। इस भव्य समारोह में भाजपा शासित सभी प्रदेश के सीएम तथा डिप्टी सीएम भी शामिल होंगे। शुभारंभ कार्यक्रम का देशभर में 51 हजार जगहों पर सीधा प्रसारण किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सुबह 11 बजे विशेष विमान से लाल बहादुर शास्त्री इंटरनेशनल एयरपोर्ट बाबतपुर पहुंचेंगे। वहां से सेना के हेलीकाप्टर द्वारा वह संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में बने हेलीपैड पर पहुंचेंगे। इसके बाद सड़क मार्ग से बाबा कालभैरव मंदिर पहुंच वहां पांच-दस मिनट तक पूजन-अर्चन करेंगे। इसके बाद सड़क मार्ग से ही मछोदरी होते राजघाट जाएंगे। वहां कार से उतरकर क्रूज पर सवार होकी गंगा नदी के रास्ते ललिता घाट पहुंचेंगे।
ललिता घाट पर बने जेटी पर उतरकर प्रधानमंत्री फ्लीट गोल्फ कोर्ट या फिर पैदल ही मंदिर जाने वाली स्वचालित सीढ़ियों से ऊपर पहुंचेंगे। वहां चौक द्वार पर उन्हें गंगाजल समेत देश की अन्य नदियों के जल का घड़ा सौंपा जाएगा। जल लेकर वे पैदल ही चौक होते हुए सीधे गर्भगृह में जाएंगे। वहां 11 वैदिक ब्राह्मणों द्वारा महादेव का जलाभिषेक व विधिवत पूजन-अर्चन कराया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दोपहर 12 बजे से तीन बजे तक शुभ मुहूर्त में पूरे विधि-विधान से श्रीकाशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण करेंगे।
प्रधानमंत्री जल, दूध, शहद, बेलपत्र से बाबा का अभिषेक करेंगे। इसके बाद देश भर से आए संत समाज से आशीष लेंगे। लोकार्पण के बाद धाम से ही प्रसाद वितरण का सिलसिला शुरू होगा, जो काशी में घर-घर तक पहुंचाया जाएगा। 22 मिनट तक विशेष पूजन-अर्चन के बाद वह बाहर लगी कुर्सियों में अगली पंक्ति पर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व मंत्री डा. नीलकंठ तिवारी संग बैठेंगे। वह वहीं से स्विच दबाकर धाम का लोकार्पण करेंगे और फिर सबके साथ प्रसाद ग्रहण करेंगे। इसके साथ ही प्रधानमंत्री धाम का लोकार्पण करेंगे। इसके बाद श्रमिकों संग फोटो खिंचवाएंगे।
समय करीब 40 मिनट तक वह परिसर में घूमकर पूरे निर्माण कार्यों का अवलोकन करेंगे। इसके बाद वहां से निकलकर क्रूज से रविदास घाट पर जाएंगे। इसके बाद वहां से सड़क मार्ग से बनारस रेल कारखाना के अतिथि गृह पहुंचेंगे। बरेका में डेढ़ घंटे तक विश्राम करेंगे।