ओंकारेश्वर को पुलिस ने 4 दिन की कस्टडी में भेजा, ‘बुल्ली बाई ऐप’ के मास्टरमाइंड की मुखबिरी से पकड़ा गया; पढ़ें पूरी कहानी

ओंकारेश्वर को पुलिस ने 4 दिन की कस्टडी में भेजा, ‘बुल्ली बाई ऐप’ के मास्टरमाइंड की मुखबिरी से पकड़ा गया; पढ़ें पूरी कहानी

ओंकारेश्वर को पुलिस ने 4 दिन की कस्टडी में भेजा

ओंकारेश्वर को पुलिस ने 4 दिन की कस्टडी में भेजा, ‘बुल्ली बाई ऐप’ के मास्टरमाइंड की मुखबिरी से पकड़ा ग

नई दिल्ली। सुल्ली डील ऐप मामले में बड़ा फैसला लिया गया है। ऐप निर्माता ओंकारेश्वर ठाकुर को एक अदालत ने चार दिनों के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया है, रविवार को इस बात की जानकारी दिल्ली पुलिस ने दी। दिल्ली पुलिस की IFSO यूनिट के स्पेशल सेल ने जांच के बाद मास्टरमाइंड को हिरासत में ले लिया है। आपको बता दें कि जांच के दौरान बुल्ली बाई ऐप मामले के मास्टरमाइंड नीरज बिश्नोई से उसके बारे में जानकारी ली गई थी, जिसके बाद रविवार को इंदौर से सुल्ली डील ऐप के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया गया।

रविवार को दिल्ली पुलिस के डीसीपी (IFSO) केपीएस मल्होत्रा ने कहा, 'बुली बाई ऐप के मास्टरमाइंड नीरज बिश्नोई से पूछताछ के दौरान, हमें ऐसे सबूत मिले जिनसे हमें ओंकारेश्वर ठाकुर को गिरफ्तार करने में मदद मिली, जिन्होंने Sulli Deals ऐप के लिए कोड लिखे । उससे पूछताछ की जा रही है और उसके लैपटाप की फोरेंसिक जांच की जा रही है।'

डीसीपी ने आगे बताया, 'बुली बाई और सुल्ली डील ऐप मामले के मास्टरमाइंड दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है। शनिवार, IFSO की एक स्पेशल टीम ने इंदौर जाकर ओंकारेश्वर ठाकुर को गिरफ्तार किया है।' डीसीपी मल्होत्रा ने कहा, 'आरोपी ओंकार ठाकुर के नाम से ट्विटर पर काम कर रहा था।'

ओंकारेश्वर ठाकुर की आयु 25 वर्ष है। यह एक कंप्यूटर ग्रेजुएट हैं, जो इंदौर के टाउनशिप शहर Newyork

में रहने वाला है। डीसीपी केपीएस मल्होत्रा ने कहा कि अभी भी मामले की जांच जारी है और ओंकारेश्वर ठाकुर के लैपटाप को पुलिस ने जब्त कर लिया है, जो सुल्ली डील ऐप मामले में इस्तेमाल किया गया था, जिसे फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है।

मुस्लिम महिलाओं की नीलामी के लिए जुलाई 2021 में जीथब प्लेटफार्म पर सुली डील ऐप बनाया गया था। यह मामला तब सबकी नजरों में आया जब दिल्ली पुलिस ने इस मामले खुद कार्यवाही करनी शुरू की। आपको बता दें कि पिछले 6 महीनों से दिल्ली पुलिस इस मामले की जांच कर रही थी। लेकिन यह मामला तब तूल पकड़ा जब पहली गिरफ्तारी बुल्ली बाई ऐप मामले के मास्टरमाइंड नीरज बिश्नोई की असम में हुई।