दो घंटे में ओमिक्रॉन की होगी पहचान, ICMR को मिली बड़ी सफलता, तैयार की खास किट
दो घंटे में ओमिक्रॉन की होगी पहचान, ICMR को मिली बड़ी सफलता, तैयार की खास किट
डिब्रूगढ़। देश में कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रोन से संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) के डिब्रूगढ़ केंद्र ने कोरोना जांच के लिए एक ऐसा किट विकसित किया है जिससे दो घंटे के भीतर ओमिक्रोन वैरिएंट के संक्रमण का पता चल जाएगा। बता दें कि अब तक देश में कुल ओमिक्रोन संक्रमण के 33 मामले सामने आ चुके हैं
ओमिक्रोन वैरिएंट को लेकर अभी तक सबसे बड़ी समस्या इसकी त्वरित जांच ही है। अभी ओमिक्रोन का पता लगाने के लिए संक्रमित व्यक्ति के नमूने की जीनोम सीक्वेंसिंग कराई जाती है जिससे ज्यादा समय लगता है।आइसीएमआर के पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए क्षेत्रीय चिकित्सा अनुसंधान केंद्र (आरएमआरसी) के विज्ञानियों की एक टीम ने यह टेस्ट किट विकसित किया है।
नए किट को विकसित करने वाली टीम के लीडर डा. बिश्वज्योति बोरकाकोटी ( Dr Biswajyoti Borkakoty ) ने कहा कि लक्षित सीक्वेंसिंग में अभी कम से कम 36 घंटे का समय लगता है जबकि संपूर्ण जीनोम सीक्वेंसिंग में चार से पांच दिन लगते हैं। आरएमआरसी ने हाइड्रोलिसिस आधारित आरटी-पीसीआर किट तैयार किया है जिससे दो घंटे में ही ओमिक्रोन वैरिएंट का पता चल जाएगा। यह किट पूरी तरह से भारत निर्मित है और कोलकाता की जीसीसी बायोटेक इसका सरकारी-निजी साझेदारी (पीपीपी) माडल पर उत्पादन कर रही है।
26 नवंबर को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने नए कोविड-19 वैरिएंट B.1.1.529 को 'ओमिक्रोन' नाम दिया था। कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रोन से संक्रमण का सबसे पहला मामला दक्षिण अफ्रीका में सामने आया था।
कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन के बढ़ते मामलों को देखते हुए मुंबई में 48 घंटे यानी 11 और 12 दिसंबर के लिए सीआरपीसी की धारा 144 लगाई गई है। एक जगह एक समय पर ज्यादा लोगों के जमा होने से रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है। महाराष्ट्र में अब तक ओमिक्रोन के 17 मामले मिल चुके हैं।