कोरोना वायरस के बीच अब Norovirus का खतरा, जानें क्या हैं लक्षण और बचाव के उपाय, कैसे फैलता है ये संक्रमण
कोरोना वायरस के बीच अब Norovirus का खतरा, जानें क्या हैं लक्षण और बचाव के उपाय, कैसे फैलता है ये सं
नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस की वैक्सीन भले ही तेज़ी से लग रही हों, लेकिन अब भी लोग कोविड-19 जैसे जानवेला इंफेक्शन से जूझ रहे हैं। खासतौर पर केरल में कोरोना के मामले काफी ज़्यादा हैं, इसी के साथ ही वहां के लोगों को एक नए वायरस का सामना भी करना पड़ रहा है। केरल के वायनाड ज़िले में अभी तक नोरोवायरस के 13 मामले सामने आए हैं, जबकि 15 से ज़्यादा लोगों में इसके लक्षण देखने को मिल रहे हैं।
केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि अब तक वायनाड कॉलेज ऑफ वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज के 13 छात्र पॉज़ीटिव पाए गए हैं और उनमें ज़्यादा लक्षण देखने को मिल रहे हैं। यह सभी मरीज़ महिला होस्टल में रहती हैं। उनमें दस्त और उल्टी जैसे लक्षण देखने को मिल रहे हैं। घटना के मद्देनजर, सरकारी अधिकारियों ने लोगों को अपने आसपास स्वच्छता बनाए रखने की सलाह दी है। केरल में उभरे नए वायरस के बारे में जानें सब कुछ।
नोरोवायरस क्या है?
नोरोवायरस, वायरस का एक ऐसा समूह है, जो गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल बीमारी का कारण बनता है। यह दूषित सतहों या भोजन के संपर्क में आने से एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरे में फैल सकता है। वायरस फैलने का सबसे आम तरीका खाना या पानी है। यह वायरस अत्यधिक संक्रामक है और एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैल सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि नोरोवायरस से संक्रमित एक व्यक्ति अरबों नोरोवायरस कणों को फैला सकता है।
एक व्यक्ति अपने जीवन में कई बार नोरोवायरस से संक्रमित हो सकता है क्योंकि नोरोवायरस के कई अलग-अलग प्रकार होते हैं। एक तरह के नोरोवायरस से संक्रमित होने से अन्य तरह के नोरोवायरस के खिलाफ सुरक्षा नहीं मिलती। व्यक्ति में एक तरह के विषाणुओं के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो जाती है, लेकिन यह अभी तक साफ नहीं हो पाया है कि प्रतिरक्षा कितने समय तक चलती है। नोरोवायरस का प्रकोप कभी भी हो सकता है, लेकिन वे ज्यादातर नवंबर से अप्रैल तक होते हैं।
नोरोवायरस के लक्षण कैसे होते हैं?
ये वायरस जैसे ही पेट में पहुंचता है, तो पेट और आंतों की परत में सूजन का कारण बनता है। खासकर बच्चों में, आमतौर पर दस्त, उल्टी, पेट दर्द और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं जैसे लक्षण दिखते हैं। संक्रमण के अन्य लक्षणों में बुखार, सिरदर्द और शरीर में दर्द शामिल हो सकते हैं।
वायरस सभी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकता है लेकिन बच्चों, बुजुर्गों और ऐसे लोग जो पहले से अन्य बीमारियों से ग्रस्त हैं, उनमें गंभीर लक्षण पैदा कर सकता है। एक व्यक्ति आमतौर पर वायरस के संपर्क में आने के 12 से 48 घंटे बाद लक्षण विकसित करता है और अगर समय पर इलाज शुरू हो जाए, तो 1 से 3 दिनों के अंदर ठीक भी हो जाता है।
इलाज
इस वायरस को अभी तक जानलेवा नहीं माना गया है, लेकिन इसके इलाज के लिए कोई दवा उपलब्ध नहीं है। इसका इलाज दस्त और उल्टी की सामान्य दवा की मदद से किया जाता है। नोरोवायरस के मरीज़ों को खूब सारा पानी और तरल पदार्थ लेने की सलाह दी जाती है, क्योंकि उल्टी और दस्त की वजह से शरीर में पानी की काफी कमी हो जाती है।
नोरोवायरस से कैसे बचा जाए?
इस वायरस से बचाव के लिए लोग कई चीज़ें कर सकते हैं। खासतौर पर वे लोग जो रोज़ाना जानवरों के संपर्क में आते हैं।:
- साबुन और गुनगुने पानी से हाथों को अच्छी तरह धोएं। खासतौर पर खाना खाने से पहले और टॉयलेट के इस्तेमाल के बाद।
- अगर आप किसी तरह के लक्षण महसूस कर रहे हैं, तो घर पर ही रहें।
- अल्कोहल से नोरोवायरस नहीं मरता, इसलिए सैनिटाइज़र इसमें आपकी मदद नहीं करेगा।
- ब्लीच से बने क्लीनर से घर को डिसइंफेक्ट करें।
- अगर आप बीमार महसूस कर रहे हैं या हैं, तो 48 घंटों तक खाना न बनाएं।
Disclaimer:लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।