New explosion in the politics of Punjab: 25 farmer organizations will contest elections; possible alliance with you

पंजाब की सियासत में नया धमाका: 25 किसान संगठन लड़ेंगे चुनाव; आप से गठबंधन संभव

पंजाब की सियासत में नया धमाका: 25 किसान संगठन लड़ेंगे चुनाव; आप से गठबंधन संभव

New explosion in the politics of Punjab: 25 farmer organizations will contest elections; possible al

चंडीगढ़। विधानसभा चुनाव से कुछ दिन पहले पंजाब की सियासत में नया धमाका हो सकता है। दिल्ली बॉर्डर पर कामयाब आंदोलन कर लौटे किसान संगठनों ने पंजाब विधानसभा चुनाव लडऩे की तैयारी कर ली है।

शनिवार को किसान नेता चंडीगढ़ में इसकी घोषणा करेंगे। पंजाब के 32 किसान संगठन आंदोलन में संयुक्त किसान मोर्चा का हिस्सा बने थे। इनमें से 25 संगठन चुनाव मैदान में उतरेंगे।

सबसे अहम बात यह है कि चुनाव के लिए इनका अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी से गठबंधन होगा। किसान संगठन 30 सीटों पर चुनाव लड़ सकते हैं। बलबीर राजेवाल आप से ही चुनाव लड़ सकते हैं। वह आम आदमी पार्टी का सीएम चेहरा हो सकते हैं।

हालांकि, इसको लेकर संयुक्त किसान मोर्चा में मतभेद होने लगा है। चुनाव से दूर किसान नेताओं का कहना है कि किसान संगठन चुनाव लड़ें, लेकिन पंजाब एसकेएम का नाम न लें।

सूत्रों के मुताबिक, पंजाब के दिग्गज किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल के आप की टिकट पर खन्ना से चुनाव लडऩे की संभावना है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि पार्टी ने अभी तक सीएम चेहरे की घोषणा नहीं की है। खन्ना में राजेवाल के नए सीएम के पोस्टर तक लग चुके हैं। हालांकि, वह चुनाव लडऩे की बात से इनकार कर चुके हैं।

पंजाब के किसान संगठनों की बड़ी चिंता हरियाणा के किसान नेता गुरनाम चढूनी हैं। जिन्होंने पंजाब चुनाव लडऩे की खुली घोषणा कर दी है। चढूनी ने कुछ दिन पहले ही चंडीगढ़ में संयुक्त संघर्ष पार्टी बनाने की घोषणा की। चढूनी ने इसे मिशन पंजाब का नाम दिया है। अगर चढूनी पंजाब की सियासत में सक्रिय हुए तो उन्हें किसान आंदोलन से राज्य में बने माहौल का फायदा मिल सकता है। इससे पंजाब के किसान संगठन चिंतित हैं।

किसान संगठनों की शुक्रवार को लुधियाना के मुल्लापुर में मीटिंग हुई थी। इसमें पंजाब के 7 किसान संगठनों कीरती किसान यूनियन, क्रांतिकारी किसान यूनियन, बीके-क्रांतिकारी, दोआबा संघर्ष कमेटी, बीकेयू सिद्धुपुर, किसान संघर्ष कमेटी, जय किसान आंदोलन ने चुनाव पर असहमति जताई। उन्होंने बाकी किसान संगठनों को भी एसकेएम का बैनर न इस्तेमाल करने को कहा है।
बीकेयू क्रांतिकारी के प्रधान सुरजीत सिंह फूल ने कहा कि हम चुनाव नहीं लड़ रहे। प्रेशर ग्रुप की तरह काम करते रहेंगे।