हिमाचल समेत कई राज्यों में दिवाली पर पटाखे फोड़ने का समय निर्धारित
हिमाचल समेत कई राज्यों में दिवाली पर पटाखे फोड़ने का समय निर्धारित
शिमला ।
हिमाचल समेत कई प्रदेशो में दिवाली पर 4 नवंबर को रात 8 से 10 बजे तक ही पटाखे (Firecrackers) चलाए जा सकेंगे. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ऑर्डर के आधार पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Pollution Control Board) ने इस बारे में निर्देश जारी कर दिए हैं. बोर्ड के सदस्य सचिव हरिकेश मीणा ने इस बारे में लोगों से सहयोग भी मांगा है. हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने आम जनता से अपील की है कि इस समय का पालन करें और केवल ग्रीन पटाखे ही प्रयोग करें.
इसके अलावा 19 नवंबर को गुरु पर्व पर सुबह 4 से 5 और रात 9 से 10 बजे के बीच आतिशबाजी की जा सकेगी. क्रिसमस पर 25 दिसंबर की रात और नए साल पर 31 दिसंबर की रात 11:55 से 12:30 बजे के बीच ही पटाखे चलाए जा सकेंगे. निर्देश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. जिसमें जुर्माने सहित जेल का भी प्रविधान है
देश भर में दिवाली (Diwali) की तैयारियों का दौर जारी है. हालांकि, कोरोना वायरस (Coronavirus) के असर के चलते उत्साह इस साल भी कम रहने का अनुमान है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) और राज्य सरकारें भी वायु प्रदूषण (Air Pollution) को लेकर सख्त रवैया अपना रही हैं. शीर्ष अदालत ने हानिकारक केमिकल से बने पटाखों पर प्रतिबंध लगाया है. वहीं, कुछ राज्यों ने सीमित अवधि के लिए केवल ग्रीन पटाखों (Green Crackers) को छूट दी है. दिवाली के अलावा ये नियम क्रिसमस और नव वर्ष पर भी लागू रहेंगे. एक नजर उन राज्यों पर जहां कड़े नियम लागू किए गए हैं.
तमिलनाडु सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के हवाले से नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ आपराधिक कानून के तहत कार्रवाई की चेतावनी दी है. शीर्ष अदालत ने बैरियम सॉल्ट्स से तैयार हुए पटाखों पर रोक लगा दी है. राज्य सरकार ने साफ कर दिया है कि पटाखों को लेकर शीर्ष कोर्ट के निर्देशों का पूरी तरह पालन किया जाएगा. सरकारी आदेश में कहा गया है कि तमिलनाडु में बैरियम सॉल्ट और ‘सरवेदी’ किस्म (एक-एक पटाखे को जोड़ा जाता है और उसकी लड़ी तैयार की जाती है) के पटाखों पर रोक है. राज्य में पटाखों को रखने, परिवहन और बिक्री पर भी रोक है. साथ ही लोगों से भी प्रतिबंधित पटाखों का इस्तेमाल नहीं करने की अपील की गई है.
कर्नाटक सरकार ने इस दीपावली केवल ग्रीन पटाखों की अनुमति दी है. साथ ही लोगों से कोविड नियमों का सख्ती से पालन करने के लिए कहा है. केवल वही विक्रेता ग्रीन पटाखे बेच पाएंगे, जिन्होंने संबंधित विभागों और अधिकारियों से जरूरी अनुमति हासिल कर ली है. सरकार की विज्ञप्ति में कहा गया है कि ग्रीन पटाखे बेचने वाले स्टॉल केवल 1 नवंबर से 10 नवंबर तक ही खुल सकेंगे. ये स्टॉल परमिट में दी गई तारीख पर अस्थाई रूप से खुल सकेंगे. सरकार की तरफ से जारी आदेश में साफ किया गया है कि ये स्टॉल रिहाइशी इलाकों से दूर खुले मैदानों में लगेंगे. वेंटिलेशन की व्यवस्था के साथ दो स्टॉल के बीच 6 मीटर की दूरी होना अनिवार्य है.
पश्चिम बंगाल में कलकत्ता हाईकोर्ट ने कोविड-19 के मद्देनजर शुक्रवार को काली पूजा, दिवाली और अन्य त्यौहारों पर पटाखों की खरीद-बिक्री पर रोक लगा दी है. पटाखों पर प्रतिबंध लगाने के लिए अदालत में जनहित याचिका दायर की गई थी. जस्टिस सब्यसाची भट्टाचार्य और अनिरुद्ध रॉय की बेंच ने कहा है कि केवल मोम और तेल आधारित दिए ही जलाए जा सकेंगे.
अदालत की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है, ‘राज्यों को यह सुनिश्चित करना है कि इस साल काली पूजा, दिवाली के जश्न के साथ-साथ छठ पूजा, जगदात्री पूजा, गुरुनानक जयंती, क्रिसमस और न्यू ईयर पर किसी तरह के पटाखे का इस्तेमाल और प्रदर्शन नहीं हो.’ साथ ही कोर्ट ने पटाखों की बिक्री और खरीदी पर नजर रखने को कहा है और नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.
दिल्ली में दिल्ली पॉल्युशन कंट्रोल कमेटी ने 1 जनवरी 2021 तक पटाखे जलाने और बिक्री पर पूरी तरह से रोक लगा दी है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 15 सितंबर को पटाखों पर प्रतिबंध की घोषणा कर दी थी. उन्होंने कहा था कि यह ‘जिंदगियां बचाने के लिए जरूरी है.’ हालांकि, दिल्ली सरकार ने पूजा की खास तैयारी की है. राजधानी में अयोध्या के राम मंदिर की प्रतिकृति पर पूजा की जाएगी.
25 अक्टूबर को दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा था कि पटाखे जलाते पाए जाने पर भारतीय दंड संहिता और एक्सप्लोसिव एक्ट के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी.