कोविड के दौरान मौतों को लेकर स्वास्थ्य विभाग का हेरफेर आया सामने

Manipulation of health department came to the fore regarding deaths during Kovid
अब स्वास्थ्य विभाग ने उगला सच, 820 मौतें नहीं बल्कि 1076 मौतें हुई
आरटीआई के आंकड़े अभी भी बयान कर रहे स्वास्थ्य विभाग का झूठ, शहर में मौतंो के आंकड़े कहीं ज्यादा
Manipulation of health department चंडीगढ़ 9 दिसंबर (साजन शर्मा ) कोविड कॉल के दौरान चंडीगढ़ में मौतंो के आंकड़े को लेकर स्वास्थ्य विभाग का हेरफेर सामने आ गया है। कोविड की पहली व दूसरी लहर के दौरान महज 820 मरीजों की मौत नहीं हुई बल्कि यह आंकड़ा अब बढ़ गया है। अभी भी जो आंकड़े स्वास्थ्य विभाग दे रहा है, उससे कहीं ज्यादा मौतें चंडीगढ़ में हुई हैं। स्वास्थ्य विभाग से आरटीआई में अभी भी जो आंकड़े मांगे गए हैं, उसके जवाब देने से विभाग कतरा रहा है। इतना ही नहीं कोविड से मौत के ये आंकड़े केंद्र सरकार के पास भी भेजे गए थे। संसद में इसको लेकर सवाल पूछा गया था। स्वास्थ्य विभाग की पूर्व डायरेक्टर अमनदीप कौर कंग जिन्हें चंडीगढ़ एड्स कंट्रोल सोसायटी के डायरेक्टर का पद देकर नवाजा गया है के समय में आंकड़ेबाजी का यह खेल हुआ जिसका अर्थप्रकाश ने पर्दाफाश किया था। इतना ही नहीं कोविड वैक्सीनेशन अभियान के दौरान भी लोगंो को वैक्सीन निर्धारित मात्रा में लगी या नहीं, इसको लेकर भी अभी संदेह की स्थिति है क्यंोकि वैक्सीन बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीच्यूट ने स्वास्थ्य विभाग द्वारा एक वॉयल में से निकाली जा रही डोज को लेकर सवाल खड़े किए थे?
वीरवार को स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी आंकड़ंो के अनुसार अब तक मिली जानकारी के अनुसार 1076 मरीजों की मौत हुई है और यह आंकड़ा अभी बढ़ भी सकता है। स्वास्थ्य विभाग के इस दावे के बाद सवाल उठने लगे हैं कि कोविड कॉल के दौरान मौत के जो आंकड़े दिए गए थे क्या वह फर्जी थे? अर्थप्रकाश ने इस मामले में पहले ही खुलासा कर दिया था जो आंकड़े स्वास्थ्य विभाग दे रहा है वह सही नहीं है। विभिन्न एजेंसियंो के मौत के आंकड़ंो में फर्क आ रहा है।
शहर में कोविड काल की दूसरी लहर में कोरोना से मरने वाले आंकड़ों का हेरफेर स्वास्थ्य विभाग पर भारी पड़ता जा रहा है। आंकड़ंो की बाजीगरी व फर्जीवाड़े की बात उस वक्त सही साबित हो गई जब स्वास्थ्य विभाग की ओर से बताया गया कि कोविड से महज 820 मौतें नहीं हुई बल्कि 1076 लोगंो की मौत हुई। स्वास्थ्य सचिव यशपाल गर्ग ने एक पत्रकार वार्ता के दौरान इसका खुलासा किया। उन्होंने कहा कि उनके चार्ज संभालने पर इस मामले को लेकर समाचार सामने आए थे कि शहर में कोविड के दौरान जो मौत का आंकड़ा प्रशासन की ओर से दिखाया जा रहा है वह सही नहीं है। उन्होंने कहा कि इस मामले की गंभीरता से जांच करने पर उन्होंने शहर के तीनों श्मशान घाटों में कोविड से मरने वाले मरीजों के दाह संस्कार के डाटा की जांच की तो वहां पर 359 मरीजों का पंजीकरण पाया गया। इस डाटा की जांच में पाया गया कि इनमें से 256 मरीज ऐसे थे जो चंडीगढ़ से थे। प्रशासन ने इन्हें अपने मौत के आंकड़ंो में नहीं दिखाया था। ऐसे में इस डाटा को अब कोविड से मरने वाले डाटा में शामिल कर दिया गया है।
लेटेस्ट जानकारी के मुताबिक शहर में अब तक 1076 डेथ कोविड से हो चुकी हैं। शेष 103 में से 22 केसों में अभी फार्म 4 रिपोर्ट नहीं मिली है। इसमें 81 केस ऐसे हैं जिनमें पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, यूपी, उत्तराखंड का पता दिया गया था जो जांच में पूरी तरह गलत पाया गया है। इस बारे में पता लगाने का प्रयास हो रहा है और सही जानकारी जुटाने की कवायद जारी है। उधर आरटीआई में जानकारी हासिल करने वाले सैकेंड इनिंग एसोसिएशन के चेयरमैन आरके गर्ग ने कहा है कि जो डाटा प्रशासन की ओर से जारी हुआ है यह केवल और केवल शमशान घाट का डाटा है। शमशान घाट का डाटा भी पूरी तरह से अभी सार्वजनिक नहीं हुआ। रेडक्रॉस का डाटा और मार्चरी का डाटा और पीजीआई का डाटा, जीएमसीएच 32 का डाटा और जीएमएसएच 16 का डाटा अलग अलग समय पर लिखित में अलग अलग सूचनाएं आरटीआई में दी गई हैं। इनका कोई विवरण प्रशासन की ओर से नहीं दिया गया।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर एक्स ग्रेसिया ग्रांट
यशपाल गर्ग ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर कोविड से मरने वाले मरीजों के परिजनों को अब 50 हजार रुपये का एक्स-ग्रेसिया दिया जाएगा। इसके लिए शहर में कोविड से मरने वाले मरीजों के परिजनों को एक माह के भीतर डीसी कार्यालय में आवेदन करना होगा और इसके बाद उन्हें 30 दिन में उक्त राशि दी जाएगी। अभी तक डीसी कार्यालय में 12 आवेदन आए थे जिसमें से 5 को यह राशि दी गई है। उन्होंने कहा कि शहर में कोविड की तीसरी लहर को देखते हुए केंद्र सरकार के दिशा निर्देशों के अनुसार पहले ही पूरी तैयारियां कर ली गई है। उन्होंने कहा कि शहर में अभी तक ओमीक्रोन वैरिएंट का कोई केस नहीं है। वहीं शहर में सरकारी अस्पतालों में आक्सीजन के अतिरिक्त प्लांट लगाने के साथ आक्सीजन वाले बैडों की संख्या बढ़ाने के साथ वैंटिलेटर बैडों की संख्या को भी बढ़ा दिया गया है। कोविड काल में जीएमसीएच 32 ने जरूरत पडऩे पर पीजीआई को वेंटिलेटर दिये थे उन्हें प्रशासन की ओर से अब वापस लेने के लिए आग्रह किया जाएगा।
शहर में कोविड नये वैरिएंट नहीं आना राहत की बात : धर्मपाल
इससे पूर्व नगर प्रशासक के सलाहकार धर्मपाल ने प्रेसवार्ता में कहा कि शहर में कोविड नये वैरिएंट नहीं आना राहत की बात है लेकिन प्रशासन तीसरी लहर से निपटने के लिए पूरी तरह से सतर्क है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के निर्देशों अनुसार प्रशासन ने दवाओं की पर्याप्त मात्रा में स्टोर कर लिया है ताकि किसी को कोई परेशानी न हो। उन्होंने कहा कि शहर में वैक्सीनेशन की पहली डोज 112 प्रतिशत को पार कर गया है लेकिन दूसरी डोज का अभी तक 75 प्रतिशत हुआ है।
शहर के लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज का शत प्रतिशत का लक्ष्य दिसंबर के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि शहर में लोगों को वैक्सीन की दूसरी डोज लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। शहर में 18 से 30 नवंबर तक 45000 लोगों ने वैक्सीनेशन करवाया। इन 45 हजार वैक्सीनेशन करवाने वाले पहले 200 भाग्यशाली लोगों को सलाहकार धर्मपाल की उपस्थिति में लक्की ड्रा निकाला गया। इसमें पहले सौ भाग्यशालियों को 1 हजार रुपये नकद, दूसरे 100 लोगों में 50 को गि ट हैंपर तो 50 को फूड कूपन दिये जाएंगे। इसे ट्राइडेंट ग्रुप, कंधारी ग्रुप व चंडीगढ़ होटल रेस्तरां एसोसिएशन की ओर से दिये जाएंगे।
सलाहकार धर्मपाल ने कहा कि शहर में कोविड के नये वैरिएंट की जांच के लिए पीजीआई में पैथ लैब को अपग्रेड करने के लिए वह पीजीआई प्रबंधन व केंद्र सरकार से बात करेंगे ताकि सैंपल की रिपोर्ट जल्द आने से संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। उन्होंने कहा कि शहर में फिर से मिनी कोविड केयर सेंटरों को तैयार करने की योजना शुरू हो गई है। वहीं शहर में प्राइवेट अस्पतालों को आक्सीजन प्लांट लगाने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि निगम चुनावों में कोविड प्रोटोकॉल को सख्ती से लागू करने के लिए नगर उपायुक्त को आदेश फिर देंगे ताकि संक्रमण को फैलने का मौका न मिले। जो लोग नियमों का पालन नहीं करेंगे उनके चालान होंगे।