चंडीगढ़ की तरफ जा रहे टीचरों पर लाठीचार्ज, पानी की बौछारे मारी

चंडीगढ़ की तरफ जा रहे टीचरों पर लाठीचार्ज, पानी की बौछारे मारी, चंडीगढ़ सीमा पर माहौल गर्माया

चंडीगढ़ की तरफ जा रहे टीचरों पर लाठीचार्ज

चंडीगढ़ की तरफ जा रहे टीचरों पर लाठीचार्ज, पानी की बौछारे मारी, चंडीगढ़ सीमा पर माहौल गर्माया

मोहाली। चंडीगढ़ सीमा पर वीरवार को उस समय माहौल गर्गा गया। जब पंजाब सीएम चरनजीत सिंह चन्नी रिहायश घेरने का जा रहे आईईआरटी यूनियन और कंप्यूटर टीचर यूनियन के मेंबरों पर चंडीगढ़ पुलिस ने पानी की बौछारे और हलका लाठी चार्ज कर दिया। इस दौरान कुछ टीचर घायल भी हुए। जानकारी के मुताबिक, आईईआरटी यूनियन के सदस्य वाईपीएस चौक पर पहुंचे और सीएम की चंडीगढ़ की रिहायशी की तरफ कूच करना शुरू किया तो चंडीगढ़ पुलिस द्वारा पहले द्वारा बेरिकेड लगाकर रोक दिया। लेकिन जब कुछ समय बाद कंप्यूटर टीचर यूनियन पंजाब के सदस्य वाईपीएस चौक पर पहुंचे तो पहले मौजूद यूनियन के सदस्य के साथ मिलकर पुलिस द्वारा लगाए बेरिकेड तोडक़र चंडीगढ़ में दाखिल हो गए। दूसरी ओर, चंडीगढ़ पुलिस द्वारा द्वारा पहले उन्हें बातचीत के जरिए समझाने की कोशिश की, परन्तु जब कोई बात न बनी तो पुलिस ने वाटर कैनन की मदद से प्रदर्शनकारियों पर पानी की बौच्छारें कर दी। जबकि कुछ प्रदर्शनकारी पानी की बौच्छारों से निकलकर आगे बढऩे लगे तो उन पर पुलिस अधिकारियों ने डंडे की मदद से लाठीचार्ज कर दिया। चंडीगढ़ पुलिस की कार्रवाई का असर यह हुआ कि पानी की तेज बौच्छारों से कुछ लोग इधर उधर गिरने से चोटिल हो गए। जबकि पुलिस को लाठीचार्ज से कई लोग गंभीर रूप से जख्मी हो गए। कंप्यूटर टीचर यूनियन के प्रदेश प्रधान गुरविंदर सिंह ने बताया कि टीचर अपने शिक्षा विभाग में मर्जिंग की मांग को लेकर लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन पंजाब सरकार और अफसरशाही द्वारा उनकी मांगों को मानने की जगह दिनोंदिन कंप्यूटर टीचर का शोषण किया जा रहा है। टीचर की नियुक्ति पत्र में दर्ज पंजाब सिविल सर्विस रूल्स उन पर लागू नहीं किया जा रहे और साथ ही नियमों के तहत मिलने वाली सुविधाएं इंटर्म रिलीफ, एसीपी लीव, इनकेशमेंट, मेडिकल लीव, जीपीएफ से वंचित रखा जा रहा है। जबकि 70 कंप्यूटर टीचर अपनी जान गंवा चुके हैं और मृतक के परिवार अब बेरोजगार है, जिनके परिवारिक सदस्यों को अनुकंपा के आधार पर आजतक नौकरी नहीं दी गई। उन्होंने मांग की है कि समूह कंप्यूटर टीचर को शिक्षा विभाग में विलय किया जाए।