सुन लीजिये! आंदोलन वापस नहीं होगा... यह चलेगा, अब यहां अड़ गए टिकैत और आंदोलनकारी किसान
Kisan Andolan will not end
केंद्र सरकार द्वारा लाये गए जिन तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन शुरू हुआ, उन्हें अब वापस ले लिया गया है| दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार सुबह देश को संबोधित करते हुए यह बड़ी घोषणा की| पीएम मोदी ने कहा कि हमारी सरकार, किसानों के कल्याण के लिए, खासकर छोटे किसानों के कल्याण के लिए, देश के कृषि जगत के हित में, देश के हित में, गांव गरीब के उज्जवल भविष्य के लिए, पूरी सत्य निष्ठा से, किसानों के प्रति समर्पण भाव से, नेक नीयत से जिन तीन कृषि कानूनों को लेकर आई थी, उन्हें अब वापस लिया जा रहा है| पीएम मोदी ने कहा कि किसानों के हित की बात, हम अपने प्रयासों के बावजूद कुछ किसानों को समझा नहीं पाए। पीएम मोदी ने अपील की सभी आंदोलनकारी किसान साथी अब आप अपने-अपने घर और खेतों की तरफ़ लौटें|
नहीं लौटेंगे.....
वहीं, पीएम मोदी भले ही कृषि कानूनों को वापस लेने की बात और आंदोलन को ख़त्म करने की अपील कर गए हों लेकिन आंदोलनकारी किसान पीएम मोदी पर भरोसा करने को राजी नहीं है| पीएम मोदी की आंदोलन खत्म करने की अपील को आंदोलनकारी किसानों ने दरकिनार कर दिया है| भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने ट्वीट किया, "आंदोलन तत्काल वापस नहीं लिया जाएगा। हम उस दिन का इंतजार करेंगे जब संसद में कृषि कानून को खत्म कर दिया जाएगा। साथ ही टिकैत ने ये भी कह दिया कि कृषि कानूनों की वापसी ही आंदोलनकारी किसानों की मांग नहीं है| सरकार को एमएसपी के अलावा किसानों के अन्य मुद्दों पर भी बात करनी चाहिए| टिकैत ने कहा कि एमएसपी गारंटी एक्ट लाये|
छवि खराब होने से डरी मोदी सरकार ...
टिकैत ने कहा कि जिस तरह से मोदी सरकार का ग्राफ नीचे जा रहा है और छवि खराब हो रही है, उसे देखते हुए यह निर्णय लिया गया है| यह चुनावी हथकंडा लगता है।
इधर, संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि हम सभी 3 किसान विरोधी कानूनों को निरस्त करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फैसले का स्वागत करते हैं; संसदीय प्रक्रियाओं के माध्यम से घोषणा के प्रभावी होने की प्रतीक्षा करेंगे। अगर ऐसा होता है तो यह भारत में एक साल लंबे किसान संघर्ष की ऐतिहासिक जीत होगी|
ऑल इंडिया किसान सभा महासचिव हन्नान मौला ने कहा कि मैं इस घोषणा का स्वागत करता हूं। जब तक सदन से इस घोषणा पर कार्यवाही नहीं होती है तब तक यह कोशिश संपूर्ण नहीं होगी। सिर्फ इससे हमारे किसानों की समस्या हल नहीं होगी। MSP के लिए हमारा आंदोलन जारी है और जारी रहेगा| 26 नवंबर को किसान आंदोलन को एक साल होगा उस दिन पूरे देश में लाखों किसान रास्तों पर उतरेंगे। अभी आधी मांग पूरी हुई है। जब तक MSP एक्ट पास नहीं होगा, किसानों को कोई फायदा नहीं होगा।
भारतीय किसान यूनियन (भानु) के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि क़ानूनों को वापस लेने की जो घोषणा की है मैं उसका स्वागत करता हूं। 75 साल किसान विरोधी नीतियों के कारण देश का किसान कर्ज़दार हो गया है, उसे फसलों के दाम नहीं मिले हैं| भानु प्रताप सिंह ने कहा कि किसानों को उनकी फसलों के अच्छे दाम मिल सकें, इसके लिए किसान आयोग का गठन किया जाए।