नहीं रहे देश की सबसे बड़ी दवा कंपनी के मालिक किंग महेन्द
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नहीं रहे देश की सबसे बड़ी दवा कंपनी के मालिक किंग महेन्द

नहीं रहे देश की सबसे बड़ी दवा कंपनी के मालिक किंग महेन्द

नहीं रहे देश की सबसे बड़ी दवा कंपनी के मालिक किंग महेन्द

जदयू के राज्यसभा सांसद भी थे किंग महेंद्र, बिहार में फैली शोक की लहर 

पटना (बिहार) : देश के सबसे बड़ी दवा कम्पनी अरिस्टो फार्मास्यूटिकल के मालिक सह जदयू के राज्यसभा सांसद किंग महेंद्र का निधन हो गया है। जानकारी के मुताबिक, लंबे समय से बीमार चल रहे श्री महेंद्र को पिछले दिनों अस्पताल में भर्ती करना पड़ा था। गौरतलब है कि अभी उनका राज्यसभा में 2 साल का कार्यकाल बचा हुआ था।राजनीतिक तौर पर, जदयू से राज्यसभा सांसद किंग महेंद्र प्रसाद, सबसे पहले कांग्रेस से जुड़े थे। इसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल ज्वाईन किया और फिर उसके टिकट से भी राज्यसभा में दस्तक दी थी। उसके बाद,  बिहार में जब राजद की सत्ता चली गई तो महेंद्र प्रसाद ने जनता दल यूनाइटेड का दामन थाम लिया। 1980 में जहानाबाद से कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा का चुनाव जीत कर उन्होंने विधिवत अपने लोक राजनीतिक कैरियर की शुरुआत करने वाले किंग महेन्द्र ने, समय-समय पर अपनी राजनीतिक रसूख और दम-खम का भरपूर परिचय दिया है। 1984 में जब वो चुनाव हार गये। इसके बाद जनता को किंग महेंद्र की पहुँच और ताक़त का एहसास तब हुआ, जब वह राष्ट्रपति द्वारा राज्यसभा के लिए नॉमिनेट कर लिये गये। इसके बाद, चाहे लालू प्रसाद की सरकार रही हो या नीतीश कुमार की, किंग महेंद्र राज्यसभा के लिए चुने जाते रहे। बिहार के जहानाबाद के गोविंदपुर गाँव के रहने वाले महेंद्र प्रसाद सिंह, किंग महेंद्र के नाम से ही जाने जाते थे। इनका दवा का कारोबार कई देशों में फैला हुआ है। बेहद दीगर और चौंकाने वाली बात यह है कि वह एक साल के भीतर 84 देशों का भ्रमण करने वाले राजनेता और उद्योगपति रहे रहे हैं।

अमीर सांसदों में थे जहानाबाद के किंग महेंद्र

राज्यसभा सांसद किंग महेंद्र का सोमवार को 81 साल की उम्र में निधन हो गया। उनके निधन से ना सिर्फ एक सफल राजनेता का अंत हो गया बल्कि बिहार के लिए भी यह बहुत बड़ी क्षति है। किंग महेंद्र एक सफल उद्यमी थे। विशेष बात यह है कि उन्होंने अपनी मेहनत से, व्यवसाय का एक बड़ा साम्राज्य खड़ा किया, जो हर किसी के लिए प्रेरित करने वाली कहानी है। 1940 में जहानाबाद जिले के गोविंदपुर गाँव में उनका जन्म हुआ था। उनके पिता वासुदेव सिंह किसान थे। बेहद गरीबी में जीवन गुजारने  वाले किंग महेंद्र एक कामयाब बिजनेसमैन रहे हैं। इसके अलावा चार दशक से भी ज्यादा समय से वह राजनीति से भी जुड़े रहे। आज उनकी गिनती, देश के सबसे अमीर सांसदों में की जाती है।

देश की सबसे बड़ी दवा कंपनी

घर की माली स्थिति बेहद खराब और मुश्किल हालात, एक जंग की तरह थी। इसी दंश के बीच किंग महेंद्र ने पिता वासुदेव प्रसाद और छोटे भाई के साथ छोटी उम्र में बड़ा सपना लेकर मुंबई चले गए। प्राप्त जानकारी के मुताबिक  कड़ी मेहनत कर, साल 1971 में उन्होंने अपनी खुद की मेहनत से एक दवा फैक्ट्री की नींव रखी थी। जो आगे चलकर देश के सबसे बड़ी दवा कंपनी अरिस्टो फार्मास्यूटिकल के रूप में बदल गयी। उनकी मैप्रा लेबोरेटरीज प्राईवेट लिमिटेड और अरिस्टो फार्मास्यूटिकल कंपनी के मालिक किंग महेंद्र के पास 4000 हजार करोड़ की चल और 2910 करोड़ की अचल संपत्ति है। आज अरिस्टो फार्मास्यूटिकल देश की 20 टॉप टेन दवा कंपनियों में शामिल है। किंग महेंद्र का इस दुनिया को अलविदा कहना, खास कर उद्योग जगत के लिए भारी नुकसान है।
वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार सिंह