खाप प्रतिनिधियों ने MSP कानून और केस वापसी की मांग पर की बैठक

खाप प्रतिनिधियों ने MSP कानून और केस वापसी की मांग पर की बैठक

खाप प्रतिनिधियों ने MSP कानून और केस वापसी की मांग पर की बैठक

खाप प्रतिनिधियों ने MSP कानून और केस वापसी की मांग पर की बैठक

बहादुरगढ़ : आंदोलनकारियों की जल्द घर वापसी की संभावनाओं के बीच बुधवार को टीकरी बार्डर पर खाप प्रतिनिधियों और हरियाणा के आंदोलनकारियों की बैठक हुई। इसमें एमएसपी कानून की गारंटी और दर्ज केसाें की तुरंत वापसी का मसला छाया रहा। आंदोलन स्थल पर दलाल खाप के तंबू के पास हुई इस बैठक में प्रस्ताव तैयार करके संयुक्त मोर्चा को भेजा गया। आंदोलनकारियों का कहना था कि कृषि कानून तो सरकार ने रद कर दिए मगर एमएसपी पर कानूनी गारंटी की मांग भी उतनी ही अहम है। दूसरा, केस वापसी पर सरकार पहले की तरह धोखा कर सकती है।

इस बैठक में कई खापों के प्रतिनिधि शामिल रहे। उनका कहना था कि आंदोलन में जीत तभी होगी जब सभी मांग पूरी हो जाएंगी। एमएसपी पर यदि गारंटी कानून बन जाए तो किसानों का भला हो सकता है। महज कानून वापसी से कुछ नहीं होगा। ये कानून तो जानबूझकर थोपे गए थे, ताकि एमएसपी की मांग को दरकिनार किया जा सके। वीरेंद्र हुडडा ने कहा कि जब तम हमारी मांग पूरी नहीं होगी तब तक आंदोलन जारी रहेगा। अन्य वक्ताओं ने केस वापसी को लेकर कहा कि जाट आरक्षण के मामले में भी सरकार ने केस वापसी का वायदा किया था, मगर आज भी कुछ युवा जेलों में हैं।

इसलिए सरकार द्वारा तुरंत सभी तरह के मामले वापस लिए जाएं। किसान नेता मनदीप नथवान भी इसमें शामिल हुए। बैठक में चर्चा के बाद दो प्रतिनिधि सिंघु बार्डर पर भेजे गए, ताकि इस बैठक में तैयार किए गए प्रस्ताव और भावनाओं से संयुक्त मोर्चा को अवगत कराया जा सके। बैठक में शामिल रहे राजपाल कलकल ने कहा कि संयुक्त मोर्चा तक मांग पहुंचा दी गई है। मोर्चा की जो 40 सदस्यीय कमेटी रही है, उस पर फैसला छाेड़ा गया है। इतना लंबा संघर्ष चला है। सभी मांग पूरी होने पर ही किसान घर वापसी करेगा।