भारत की करारी हार, कोहली की पारी बेकार, पाकिस्तान धारदार, आंकड़ों की नजर से मैच

भारत की करारी हार, कोहली की पारी बेकार
दुबई। जो कभी नहीं हुआ था, वह रविवार को हो गया। टीम इंडिया को पहली बार विश्व कप में चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान से 10 विकेट से हार का सामना करना पड़ा। जैसा की मैंने पहले भी कहा था कि विराट और बाकी भारतीय क्रिकेटर भले ही इसे आम मैच कह रहे हों, लेकिन यह महामुकाबला है। इस हार ने भारतीय प्रशंसकों का दिल ही नहीं दुखाया, बल्कि सिर भी झुकाया।
दुबई अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के हालात यह थे कि जब लक्ष्य का पीछा करते हुए पाकिस्तान ने 15 ओवर में बिना विकेट खोए 121 रन बना लिए थे तभी भारतीय दर्शक मैदान से बाहर जाने लगे थे। इससे पहले यह दृश्य 2017 में लंदन के ओवल मैदान में देखने को मिला था जब विराट की ही कप्तानी में भारत चैंपिंयस ट्राफी के फाइनल में पाकिस्तान से हारा था। विराट ऐसे पहले कप्तान हो गए हैं जिनकी कप्तानी में टीम इंडिया किसी विश्व कप में और आइसीसी चैंपियंस ट्राफी के फाइनल में पाकिस्तान से हारी है।
एकतरफा मुकाबला
भारत ने पहले खेलते हुए कप्तान विराट कोहली (57) की बदौलत सात विकेट पर 151 रन बनाए, लेकिन पाकिस्तान के कप्तान बाबर आजम (नाबाद 68) ने उससे बड़ी पारी खेलकर अपनी टीम को बहुत बड़ी जीत दिलाई। दूसरे ओपनर मुहम्मद रिजवान (नाबाद 79) ने उनका बराबरी से साथ दिया। भारत के गेंदबाज विकेट नहीं ले सके। ये उतना खराब नहीं है जितना कि यह है कि वह कभी विकेट लेने की स्थिति में ही नजर नहीं आए। वरुण चक्रवर्ती के पहले ओवर को छोड़कर कभी लगा ही नहीं कि भारत के गेंदबाज कुछ कर सकते हैं। बाबर और रिजवान ने कुल 12 चौके और पांच छक्के मारे। उन दोनों को किसी भी समय कोई परेशानी नहीं हुई। वे आराम से भारतीय गेंदबाजों को खेल रहे थे। उन्होंने मुहम्मद शमी की सबसे ज्यादा तुड़ाई की
तीसरे ओवर में ही टीम इंडिया ने छोड़ा मैच
मैच का पहला सत्र शाहीन अफरीदी के नाम रहा। उन्होंने अपने शुरुआती दो ओवरों में भारत के दोनों ओपनरों रोहित शर्मा (00) और केएल राहुल (03) को आउट करके टीम इंडिया को बड़ा झटका दिया। इसके बाद हसन अली ने सूर्यकुमार यादव (11) को भी चलता कर दिया। इतने बड़े मैच में टास हमेशा अहम रहता है। बाबर ने टास जीतकर पहले गेंदबाजी का निर्णय लिया। उसके बाद शाहीन ने ऐसा कमाल किया की टीम इंडिया ने 2.1 ओवर में ही छह रन पर दो विकेट गंवा दिए। इसके बाद भारतीय बल्लेबाजी की एप्रोच ही बदल गई। जहां पर टीम इंडिया को आक्रमण करना था, वहां पर वह बैकफुट पर आ गई।
टीम की एप्रोच सिर्फ किसी तरह सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचने की रह गई। भारत ने 5.4 ओवर में 31 रन पर तीन विकेट गंवा दिए। महादबाव वाली स्थिति में भारतीय कप्तान को मजबूरी में तेजी से रन बनाने की जगह एक छोर संभालने के लिए खेलना पड़ा। यही कारण था कि भारत शुरुआती 10 ओवरों में तीन विकेट पर 60 रन बना सका। बल्लेबाजों ने आखिरी 10 ओवरों में 91 रन बनाए, लेकिन यह नाकाफी था। विराट 19वें ओवर में शाहीन की गेंद पर आउट हुए। टीम ने भले ही पाकिस्तान को 152 रनों का सामान्य लक्ष्य दिया, लेकिन बाबर और रिजवान ने इसे बौना साबित कर दिया।
विराट चले, बाकी चले गए
विराट ने पाकिस्तान के खिलाफ टी-20 विश्व कप की चार पारियों में 78, 36, 55 और 57 रन बनाए हैं। वह पहली बार टी-20 विश्व कप में पड़ोसी देश की टीम के खिलाफ आउट हुए। विराट ने इस मैच से पहले पाकिस्तान के खिलाफ छह टी-20 मुकाबलों में 84.66 के औसत से 264 रन बनाए थे। पाकिस्तान के तेज गेंदबाज पावरप्ले में ऐसे दौड़ रहे थे जैसे हाथ में गेंद नहीं, बल्कि आग का गोला हो। अफरीदी ने अपने पहले ओवर की चौथी गेंद पर ही रोहित को एलबीडब्ल्यू कर दिया। यार्कर लेंथ पर आई गेंद इतनी तेज थी कि रोहित समझ ही नहीं पाए। वह गेंद को मिडविकेट पर खेलना चाहते थे, लेकिन इस चक्कर में वह थोड़ा धीमे हो गए और गेंद उनके पैड पर लग गई।
अफरीदी ने अपने अगले और मैच के तीसरे ओवर की पहली ही गेंद पर राहुल को बोल्ड कर दिया। गुड लेंथ की गेंद राहुल का स्टंप उड़ा गई। सूर्यकुमार ने एक छक्का और एक चौका लगाकर रन गति कुछ ठीक की, लेकिन हसन के पहले ही ओवर में वह विकेटकीपर मुहम्मद रिजवान को कैच देकर चल पड़े। हालांकि, इसके बाद कोहली और पंत ने टीम को संभालने की कोशिश की और धीमे-धीमे स्कोर को आगे बढ़ाना जारी रखा। कोहली और पंत ने चौथे विकेट के लिए 53 रनों की साझेदारी की। टीम इंडिया की रणनीति थी कि एक तरफ से विराट का विकेट संभालकर रखो जबकि दूसरी ओर से बल्लेबाज रन बनाते रहें। दो चौकों और दो छक्कों की बदौलत 39 रन बनाकर अहम योगदान दिया। अफरीदी ने ही विराट को भी चलता किया। जहां भारत के शुरुआती तीन विकेट तेज गेंद पर गए तो वहीं बाद के चार विकेट स्पिन और स्लोअर गेंद पर गिरे।
विश्व कप में भारत बनाम पाकिस्तान
वर्ष, विश्व कप, स्थान, परिणाम
1992, वनडे, सिडनी, भारत 43 रनों से जीता
1996, वनडे, बेंगलुरु, भारत 39 रनों से जीता
1999, वनडे, मैनचेस्टर, भारत 47 रनों से जीता
2003, वनडे, सेंचुरियन, भारत छह विकेट से जीता
2007, टी-20, डरबन, बालआउट में भारत जीता
2007, टी-20, जोहानिसबर्ग, भारत पांच रन से जीता
2011, वनडे, मोहाली, भारत 27 रन से जीता
2012, टी-20, कोलंबो, भारत आठ विकेट से जीता
2014, टी-20, ढाका, भारत सात विकेट से जीता
2015 वनडे, एडिलेड, भारत 76 रनों से जीता
2016, टी-20, कोलकाता, भारत छह विकेट से जीता
2019, वनडे, मैनचेस्टर, भारत 89 रनों से जीता
2021, टी-20, दुबई, पाकिस्तान 10 विकेट से जीता