आज के चमचमाते आधुनिक दौर में आसान नहीं है विकास वैभव बनना
आज के चमचमाते आधुनिक दौर में आसान नहीं है विकास वैभव बनना
पटना (बिहार) : असली ख़ाकीदार और जनता के हितों के सच्चे पैरोकार, बिहार केडर के 2003 बैच के आईपीएस ऑफिसर विकास वैभव, अभी बिहार सरकार के गृह विभाग में विशेष सचिव के पद पर तैनात हैं। इससे पहले विभिन्न जिलों में एसपी और रेंज डीआईजी रहते हुए उन्होंने बेहतरीन पुलिसिंग की बड़ी लकीर खींची है। वे आईआईटी कानपुर से इंजीनियरिंग में पोस्ट ग्रैजुएट हैं। एनआईए में रहते हुए, विकास वैभव ने कई आतंकी वारदातों की गम्भीर गुत्थियों को बड़ी सरलता से सुलझाए हैं। बताना जरूरी है कि बिहार के बेगूसराय जिले के बिहट गाँव के रहने वाले विकास वैभव का ननिहाल समस्तीपुर जिले के उजियारपुर थानान्तर्गत पचपैका गाँव में है। यही नहीं, इनकी ससुराल भी समस्तीपुर जिले के ही दलसिंहसराय के केवटा गाँव में है।
वरिष्ठ आईपीएस ऑफिसर विकास वैभव, अपने विभागीय जिम्मेवारी को निभाते हुए बिहार में बदलाव के लिए बड़े स्तर पर काम कर चुके हैं। विलुप्त और तिरोहित हो रहे पुरातन नैसर्गिक संस्कारो को फिर से स्थापित करने के लिए श्री वैभव बिहार के सभी जिलों में "लेट्स इंस्पायर बिहार" नाम से खास अभियान चला रहे हैं। वाकई अगर आपके अंदर सकारात्मक उर्जा हो, जीवन के वास्तविक औचित्य को समझने की पिपासा हो, तो आप विकास वैभव बनने की कोशिश कीजिए। विकास वैभव, मानवीय मूल्यों से तर, निष्कपट, निष्काम और निडर व्यक्तित्व के स्वामी हैं। श्री वैभव के आदर्श, दूसरे को शिद्दत से प्रेरित कर रहे हैं। वे ईमानदारी की मिसाल हैं। उनकी वाणी में ओज और चेहरे पर आभा है, जो बिहार के वैभव को फिर से वापस लौटाने के लिए " लेट्स इंस्पायर बिहार" नाम से अभियान चला कर लोगों में सकारात्मकता का बीज बो रहे हैं। वे ना तो कोई नेता और ना ही अभिनेता हैं लेकिन उनकी लोकप्रियता बिहार में सबसे ऊपर के पायदान पर है। एक ऐसा व्यक्तित्व, जिनसे मिलने के बाद, आपके जीवन की दशा और दिशा बदलने के आसार प्रबल हो जाते हैं। आपके जीवन से नकारात्मकता दूर होने लगती है और आप सकारात्मक जीवन की ओर चल पड़ते हैं। आपके अंदर यह आत्मबल जग जाता है कि आप किसी विशेष कार्य के लिए इस धरती पर आये हैं और आप अपने परिवार को, खुद को और समाज को एक बड़ी सकारात्मक दिशा दे सकते हैं।
कई बार प्रतिभा कूट-कूट कर भरे होने, दृढ़ इच्छाशक्ति और कठिन परिश्रम के बावजूद इंसान हार जाता है। वह मंजिल के करीब पहुँच कर भी, मंजिल को प्राप्त नहीं कर पाता है। अमूमन, व्यक्ति सकारात्मक दिशा से भटकता रहता है और यह भटकाव एक कुशल प्रेरक के अभाव में होता है। आप अपने बचपन में अपने माता-पिता की प्रेरणा से आगे बढ़ते हैं। फिर शिक्षक आपके प्रेरक होते हैं और उसके बाद जीवन में कोई ऐसा व्यक्ति होता है जिसकी प्रेरणा से आप अपनी मंजिल की तरफ बढ़ते हैं। कुशल सेनानायक के अभाव में बड़ी सेना भी युद्ध हार जाती है। लेकिन सेना की छोटी-छोटी टुकड़ी भी, कुशल सेनापति के नेतृत्व में युद्ध जीत जाती है। इतिहास के पन्नों को पलटेंगे, तो ऐसी अनेकों घटनाओ से आप रूबरू होंगे। आज के संदर्भ में, बिहार में बदलाव को लेकर जिस किसी से भी चर्चा कीजिए, तो वह नकारात्मकता से भरा हुआ रहता है। उसे लगता है कि जात-पात से बिहार कभी भी उबर नहीं सकता है। भाई-भतीजावाद से यह प्रदेश, भरा हुआ है। यहाँ सिर्फ पैरवीपुत्रों की चलती है।
सकारात्मक बदलाव सभी चाहते हैं लेकिन पहल कोई नहीं करना चाहता है। ऐसे दौर में चिंता नहीं चिंतन की जरूरत है। बिहार में, बिहार के ऐतिहासिक गौरवशाली अतीत से प्रेरणा लेकर, बदलाव की बड़ी लकीर खींचने की पहल चर्चित आईपीएस अधिकारी विकास वैभव कर चुके हैं। विकास वैभव द्वारा शुरू किए गए अभियान "लेट्स इंस्पायर बिहार" ने आशा की नई किरण दिखाई है। शिक्षा, समता और उद्यमिता तीन विषयों को लेकर एक बड़े जन अभियान की शुरुआत हो चुकी है। यह पूरी तरह से गैर राजनीतिक अभियान है, जिसमें बिहार के सभी जागरूक लोग जुड़ सकते हैं और बदलाव की पहल कर सकते हैं। सोशल मीडिया को इस अभियान का हथियार बनाया गया है।
बिहार के 38 जिलों और दो अन्य पुलिस जिलों में "लेट्स इंस्पायर बिहार" के जिला, अनुमंडल और प्रखण्ड स्तर पर कमिटियों का गठन किया जा रहा है। इस अभियान में शामिल होने वाले सभी को बराबर का अधिकार है। सभी समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की पहल करेंगे और संगठित होकर कार्य करेंगे। इस अभियान के सकारात्मक परिणाम भी अब, देखने को मिल रहे हैं। नेतृत्वकर्ता बिहार के ऐसे चर्चित आईपीएस अधिकारी हैं, जिनकी जन्म भूमि और कर्म भूमि बिहार है। जिनकी ईमानदारी पर कोई उंगली नहीं उठा सकता है। जिनकी वाणी में ओज है, चेहरे पर तेज है और लेखनी में प्रखरता के साथ-साथ पाताल की गहराई है। बगहा जैसे मिनी चंबल को समाप्त करने तथा रोहतास के ऐतिहासिक किले को नक्सलियों से मुक्त करा कर तिरंगा फहराने का रिकॉर्ड विकास वैभव के नाम है।
विकास वैभव आज की तारीख में व्यक्ति नहीं एक विचारधारा बन चुके हैं।उनकी यह सकारात्मक विचारधारा, बिहार के युवाओं के दिलों में बदलाव की बड़ी उम्मीद जगा चुकी है। बिहार के सभी जिला मुख्यालयों में युवा संवाद के आयोजन हो रहे हैं, जिसमें श्री वैभव खुद युवाओं से संवाद स्थापित कर रहे हैं। जाहिर सी बात है कि आने वाले समय में इस अभियान के सकारात्मक परिणाम व्यापक पैमाने पर नजर आने लगेंगे। गौरतलब है कि इस अभियान की शुरुआत के एक वर्ष के अंदर ही, कई सारे बड़े बदलाव हुए हैं। कई बड़े शिक्षण संस्थानों ने निर्धन सह मेधावी छात्र-छात्राओं के लिए निशुल्क आईआईटी, मेडिकल, यूपीएससी और बीपीएससी की कोचिंग की सुविधाएं उपलब्ध कराना प्रारंभ कर दिया है। विकास वैभव, सामाजिक सहयोग से छात्र और छत्राओं के लिए छात्रावास का निर्माण करवा रहे हैं। 40-40 छात्र-छात्राओं की टोली को उनकी प्रतिभा का मूल्यांकन कर के उनकी ईच्छा के अनुकूल, निःशुल्क कोचिंग की व्यवस्था की जा रही है। अपने गौरवशाली अतीत को पढ़ेगा बिहार, तो फिर से अपने अनमोल संस्कारों में लिपट कर बढ़ेगा बिहार।
वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार सिंह