IAS Anil Nagar fell in HPSC job recruitment scandal

एचपीएससी नौकरी भर्ती कांड में आईएएस अनिल नागर पर गिरी गाज

Nagar

IAS Anil Nagar fell in HPSC job recruitment scandal

पानीपत। हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन (एचपीएससी) की भर्तियों में लाखों रुपए लेकर लोगों को सिलेक्ट करवाने के मामले में गिरफ्तार किए जा चुके हरियाणा सिविल सर्विस (एचसीएस) के अधिकारी अनिल नागर को बर्खास्त कर दिया गया है। 2016 बैच के एचसीएस अधिकारी अनिल नागर की बर्खास्तगी के आदेश मंगलवार-7 दिसंबर को हरियाणा के चीफ सेक्रेटरी संजीव कौशल ने जारी किए। विजिलेंस ब्यूरो ने 18 नवंबर को एचपीएससी के डिप्टी सेक्रेटरी अनिल नागर को 90 लाख रुपए कैश के साथ उनके दफ्तर से गिरफ्तार किया था।

बर्खास्तगी वाले पत्र में खुलासा हो गया है कि नागर ने रिश्वत की रकम अपने कार्यालय में ही ली थी। सीएम हरियाणा पहले दिन से ही एचपीएससी ऑफिस में लाखों रुपए लेने के आरोपों से पल्ला झाड़ते रहे हैं। बर्खास्तगी के आदेशों में दर्ज है कि नागर ने 18 नवंबर को अपने कार्यालय में नकद राशि प्राप्त की थी। भर्ती कांड में कुल 3 करोड़ 50 लाख रुपए बरामद किए जा चुके हैं।

आदेशों में गर्वनर ने कहा है कि अनिल नागर, एचसीएस (निलंबन के तहत) संविधान के अनुच्छेद 311 (2) (बी) के आधार पर सरकारी सेवा में भविष्य में रोजगार के लिए अयोग्य है। सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद, नागर की 'सेवा से बर्खास्तगी जो आमतौर पर सरकार के तहत भविष्य के रोजगार के लिए अयोग्यता होगीÓ की सजा देने का फैसला किया है।

सरकार ने कहा है कि मामले की समग्र परिस्थितियों और भर्ती मामले में आरोपी/दोषी के गंभीर कदाचार और अनुशासनहीनता को ध्यान में रखते हुए यह स्पष्ट है कि अनिल नागर राज्य की सिविल सेवाओं के सदस्य के रूप में आगे काम करने योग्य नहीं है।

मंगलवार को बर्खास्तगी को लेकर मुख्य सचिव संजीव कौशल की ओर से जारी आदेशों में बताया गया कि भर्ती कांड में गिरफ्तार नागर और इसके सहयोगियों से 30-32 उम्मीदवारों से संपर्क की बात सामने आई है। इसमें एचसीएस के 15 उम्मीदवार थे, जिनमें से 5 पास हुए। डेंटल सर्जन के 17 उम्मीदवार इनके संपर्क में थे, जिनमें से 13 पास हुए हैं। अनिल नागर और अश्विनी ने डेंटल सर्जन और एचसीएस प्रारंभिक परीक्षा की ओएमआर शीट में हेराफेरी की थी।

विजिलेंस जांच में आरोपी से पूछताछ से संकेत मिलता है कि अनिल ने भर्ती में हेराफेरी और करोड़ों वसूलने के पूरे प्लान की कल्पना की थी। उन्होंने अश्वनी को स्कैनिन, 2/5 ओएमआर शीट के लिए काम पर रखा था और उन्हें योजना के बारे में बताया था। अश्विनी ने फिर नवी से संपर्क किया, उम्मीदवारों से संपर्क किया। उम्मीदवारों से एकत्र किया गया पूरा पैसा नागर को सौंप दिया गया।