Heavy snow expected good apple crop

भारी हिमपात से सेब की अच्छी फसल होने की उम्मीद

भारी हिमपात से सेब की अच्छी फसल होने की उम्मीद

Heavy snow expected good apple crop

शिमला। हिमाचल प्रदेश में भारी हिमपात होने को बागवानों के लिये फायदेमंद माना जा रहा है। बागवानी विशेषज्ञ डाॅ. चिरंजीत परमार ने शुक्रवार को यहां बताया कि चिलिंग आवर्स अलग-अलग वैरायटी के लिए अलग-अलग रहते हैं। साइबेरिया और स्वीडन से लाए गए पौधों के लिए 1500-1600 चिलिंग आवर्स की जरूरत रहती है। अर्ली वैरायटी के लिए सबसे कम ठंड की जरूरत रहती है। ताजा हिमपात से बगीचों में नमी रहेगी और इससे कई लाभ होंगे।

इससे सेब के पौधों की उम्र बढ़ेगी। चिलिंग आवर्स पूरे होंगे, बगीचे भी रोगमुक्त होंगे। चिलिंग आवर्स पूरे होने पर सेब की फ्लावरिंग अच्छी होती है। इससे फल की गुणवत्ता भी अच्छी होती है। चिलिंग आवर्स पूरे न हों तो पौधों में कहीं अधिक फूल आ जाते हैं और कहीं कम। इससे फल कम लगते हैैं।

बागवानों की मानें तो राॅयल वैरायटी के सेब बगीचों की उम्र पहले सौ साल तक होती थी, लेकिन जलवायु परिवर्तन के कारण यह साठ साल तक आ गई है।

कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार दो दशकों में हिमाचल प्रदेश में हिमपात कम हुआ। इसी तरह अर्ली वैरायटी की उम्र 15 से 25 साल तक रह गई है। कुछ सेब पौधों की उम्र 10 साल ही रह गई है। अच्छी गुणवत्ता वाले सेब के लिए चिलिंग आवर्स पूरा होने चाहिए। जिस तरह शरीर के लिए प्राण जरूरी हैं, वैसे ही सेब के लिए चिलिंग आवर्स बहुत ही आवश्यक है। सेब के पौधे में फल लगने के लिए सात डिग्री सेल्सियस से कम तापमान होना जरूरी है।

सेब के पौधे सर्दी के मौसम में सुप्त अवस्था यानी डोरमेंसी पीरियड में रहते हैं। उन्हें इस अवस्था से बाहर आने के लिए सात डिग्री सेल्सियस तक का तापमान औसतन 1200 से 1600 घंटे तक चाहिए। ये 1200 से 1600 घंटे चार माह में पूरे हो जाने चाहिए। यदि तय समय में ये चिलिंग आवर्स पूरे हो जाएं तो सेब के पौधों में फल बहुत अच्छे लगते हैं।