हरियाणा में एचपीएससी बना ‘‘हरियाणा पोस्ट सेल काउंटर’’!
हरियाणा में एचपीएससी बना ‘‘हरियाणा पोस्ट सेल काउंटर’’!
एचपीएससी व एचएसएससी का हो पुनर्गठन
चंडीगढ़, 23 नवम्बर। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने हरियाणा में लगातार हो रहे पेपर लीक और भर्ती घोटाले के मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए कहा है कि मौजूदा सरकार की कार्यप्रणाली के चलते एचपीएससी ‘‘हरियाणा पोस्ट सेल काउंटर’’ बन चुका है।
मंगलवार को चंडीगढ़ स्थित कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत में रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि प्रदेश के करोड़ों युवाओं को सात साल से गुमराह करते रहे और हरियाणा में नौकरियों की बिक्री की मंडी चल रही है। अब तक 32 से अधिक पेपर लीक व भर्ती घोटाले उजागर हो चुके हैं। ‘हरियाणा लोक सेवा आयोग’ को ‘‘हरियाणा पोस्ट सेल काउंटर’’ बन गया है।
विजिलेंस द्वारा गिरफ्तार किए गए डिप्टी सैक्रेटरी अनिल नागर के कार्यकाल में हुई सभी भर्तियां रद्द करने की मांग करते हुए सुरजेवाला ने कहा कि खट्टर सरकार ने भर्तियों में सुधार के नाम पर नौकरी लगाने वाले दोनों आयोगों व परीक्षाओं का परोक्ष रूप से निजीकरण कर दिया। इस समय प्राइवेट कम्पनियां पेपर बनवा रही हैं, प्राइवेट कम्पनियां ही सेंटर संभाल रही हैं। प्राइवेट कंपनियां रोल नम्बर दे रही हैं, प्राइवेट कंपनियां ही पेपर कंडक्ट कर रही हैं। प्राइवेट कम्पनियां ओएमआर शीट स्कैन कर रही हैं, प्राइवेट कम्पनियां रिज़ल्ट बना रही हैं।
सुरजेवाला ने कहा कि इस ‘‘व्यापम गिरोह’’ के तार एचपीएससी ही नहीं हरियाणा बोर्ड और एचएसएससी तक भी जुड़े हुए हैं। कांगे्रस महासचिव ने दोनों आयोगों को भंग करके पूरे मामले की हाईकोर्ट जज से जांच करवाने की मांग करते हुए कहा कि हरियाणा सरकार की जांच एजेंसियों पर प्रदेश की जनता को अब भरोसा नहीं रहा है।
उन्होंने कहा कि इस समय एचपीएससी व एचएसएससी का पुनर्गठन करने की जरूरत है। इससे पहले मुख्यमंत्री प्रदेश के युवाओं से माफी मांगे जिन्हें वह ‘बिना पर्ची, बिना खर्ची’ के नारों से गुमराह कर रहे हैं।
आयोग की सीकरेसी पर सवाल
कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि जितनी ओएमआर शीट के बारे नागर ने बताया था, वह बरामद नहीं हुईं। अचरज की बात यह भी है कि नागर के कमरे के पीछे स्ट्रांग रूम की जिम्मेवारी भी कमीशन के आईएएस सचिव की बजाय खट्टर सरकार ने नागर को दे रखी थी। असलियत में कितनी और ओएमआर शीट भरी गईं, और कितने करोड़ रुपये रिश्वत में लिए गए। जिस जगह पर नियमों के अनुसार इस प्रदेश के मुखिया का भी प्रवेश निषेध है उस जगह तक इस गिरोह के लोगों का बिना रोक-टोक प्रवेश कैसे होता था। यह जांच का विषय है।