हरियाणा में लाखों बच्चों के भविष्य पर लटकी सरकारी तलवार अस्थाई मान्यता वाले स्कूलों को एक्सटेंशन देने से इनकार

हरियाणा में लाखों बच्चों के भविष्य पर लटकी सरकारी तलवार अस्थाई मान्यता वाले स्कूलों को एक्सटेंशन देने से इनकार

हरियाणा में लाखों बच्चों के भविष्य पर लटकी सरकारी तलवार अस्थाई मान्यता वाले स्कूलों को एक्सटेंशन देने से इनकार

हरियाणा में लाखों बच्चों के भविष्य पर लटकी सरकारी तलवार अस्थाई मान्यता वाले स्कूलों को एक्सटेंशन देन

चंडीगढ़।  हरियाणा सरकार ने अस्थाई मान्यता के साथ चल रहे 1300 स्कूलों को एक्सटेंशन देने से इनकार कर दिया है। जिसके चलते इन स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों के भविष्य पर सवालिया निशान लग गया है। प्राइवेट स्कूल संघ ने सरकार के फैसले पर आपत्ति जताते हुए पुनर्विचार की मांग की है।
हरियाणा में अस्थाई मान्यता वाले स्कूलों का विवाद लंबे समय से चल रहा है। पिछले वर्षों के दौरान प्रदेश में करीब 3200 स्कूल ऐसे थे जो सरकार द्वारा तय मानकों को पूरा नहीं करते थे और उन्हें हर साल नए सत्र की शुरूआत से पहले एक्सटेंशन दी जाती थी। सरकार की सख्ती के चलते बहुत सारे स्कूलों में मानकों को पूरा कर लिया। वर्तमान में 1338 स्कूल ऐसे हैं जो सरकार द्वारा मान्यता के लिए तय किए गए मानकों के अनुरूप नहीं हैं।
हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ के प्रदेशाध्यक्ष सत्यवान कुंडू के अनुसार संघ द्वारा शिक्षा मंत्री को ज्ञापन देकर अस्थाई स्कूलों की मान्यता अवधि बढ़ाने के साथ-साथ 134ए की बकाया राशि देने, सोसायटी रिन्यूवल के लिए एक अवसर देने, स्कूलों में बिना एसएलसी दाखिल बच्चों से एसएलसी मंगवाने, शहरी व ग्रामीण क्षेत्र की जमीन एक समान करने तथा एमआईएस पोर्टल पर काम कर रहे मिडल स्कूलों से बोर्ड संबंद्धता फीस भरवाने सहित विभिन्न मांगों को प्रमुखता के साथ उठाया गया। 
संघ के प्रवक्ता शैलेंद्र शास्त्री ने बताया कि शिक्षा मंत्री ने अस्थाई स्कूलों की मान्यता अवधि बढ़ाने से इनकार कर दिया है। संघ ने शिक्षा मंत्री के समक्ष सवाल उठाया कि स्कूलों को एक्सटेंशन न मिलने के चलते बोर्ड की पार्टल आईडी बंद है और ये स्कूल बोर्ड कक्षाओं के फार्म भरने से वंचित है। 
शिक्षा विभाग ने इन स्कूलों से स्पोट्र्स फंड भी भरवा रखा है। वहीं 134ए की खाली सीटों का ब्यौरा भी इन स्कूलों से लिया गया है। इसके साथ ही शिक्षा बोर्ड भिवानी ने इनसे मैपिंग की ऑनलाइन भरवा ली है। उन्होंने कहा कि अगर इन स्कूलों की मान्यता 31 मार्च 2021 को ही समाप्त हो गई है तो इन स्कूलों से स्पोट्र्स फंड, 134ए की सीटों का ब्यौरा व मैपिंग ऑनलाइन क्यों करवाई गई। कुंडू ने कहा कि चार पांच वर्षों में 134ए की राशि नहीं दी जा रही। शिक्षा मंत्री ने जल्द ही अधिकारियों की बैठक बुलाने और मामले का समाधान करने का आश्वासन दिया है।